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डॉक्टर बनने की चाहत क्या आपको डॉक्टर बना सकती है? जी हा! कैसे

मैंने कई साल पहले ऑस्ट्रेलिया के एक किशोर के साथ काम किया था। यह किशोर डॉक्टर और सर्जन बनना चाहता था, लेकिन उसके पास पैसा नहीं था; न ही उसने हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी की थी। ख़र्च निकालने के लिए वह डॉक्टरों के ऑफिस साफ करता था, खिड़‌कियाँ धोता था और मरम्मत के छुटपुट काम करता था।  उसने मुझे बताया कि हर रात जब वह सोने जाता था, तो वह दीवार पर टंगे डॉक्टर के डिप्लोमा का चित्र देखता था, जिसमें उसका नाम बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा था। वह जहाँ काम करता था, वहाँ वह डिप्लोमाओं को साफ करता और चमकाता था, इसलिए उसे मन में डिप्लोमा की तस्वीर देखना या उसकी कल्पना करना मुश्किल नहीं था। मैं नहीं जानता कि उसने इस तस्वीर को देखना कितने समय तक जारी रखा, लेकिन उसने यह कुछ महीनों तक किया होगा। जब वह लगन से जुटा रहा, तो परिणाम मिले। एक डॉक्टर इस लड़के को बहुत पसंद करने लगा। उस डॉक्टर ने उसे औज़ारों को कीटाणुरहित करने, इंजेक्शन लगाने और प्राथमिक चिकित्सा के दूसरे कामों की कला का प्रशिक्षण दिया। वह किशोर उस डॉक्टर के ऑफिस में तकनीकी सहयोगी बन गया। डॉक्टर ने उसे अपने खर्च पर हाई स्कूल और बाद में कॉलेज भी भेजा। आज

लीडर तीन तरीकों से शासन करते हैं

लीडर तीन तरीक़ों से शासन करते हैं। आदेश द्वारा, परामर्श द्वारा और सर्वसम्मति द्वारा। नेतृत्व का पारंपरिक तरीक़ा आदेशात्मक है। लीडर आदेश देता है और हर कर्मचारी से उनके पालन की उम्मीद की जाती है। आज लीडर समझ गए हैं कि आदेश की ज़रूरत बताए बिना या उस बारे में परामर्श लिए बिना आदेश जारी करने से कर्मचारी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित नहीं होते हैं।  जैसा अमेरिकी सेना की पहली महिला सर्जन मेजर जनरल गेल पोलॉक (रिटायर्ड) कहती हैं, “अगर आप लोगों को कोई ऐसी चीज़ करने का आदेश देते हैं, जिसे वे नहीं समझ पाते तो वे इसमें अपना सब कुछ नहीं झोंकेंगे। सबसे महान प्रदर्शन और साहस तब बाहर निकलता है, जब आप उन्हें यह बता देते हैं कि यह क्यों महत्त्वपूर्ण है।” नेतृत्व करने का दूसरा तरीका  परामर्श द्वारा नेतृत्व करना है। परामर्श-आधारित निर्णय वह होता है, जहाँ आप लोगों से उनकी सलाह व राय माँगने के बाद निर्णय लेते हैं। यह आदेशात्मक नेतृत्व की तुलना में ज़्यादा प्रेरक होता है। लोग जानते हैं कि अंतिम निर्णय आप ही ने लिया है, लेकिन वे इस तथ्य की कद्र करेंगे कि निर्णय लेने से पहले आपने उन

गुणों को विकसित करने की कला

लीडर्स कभी विकास करना नहीं छोड़ते। वास्तव में कुछ दशकों में लीडर्स पर किए गए सबसे वृहद् अध्ययनों में से एक में हमने यह पाया है कि सच्चे लीडर्स में विकास करने और आरामदेह दायरे में ना गिरने की क्षमता होती है। वे आजीवन विद्यार्थी होते हैं। पढ़ना और अध्ययन करना और कोर्स करना नेतृत्व के गुण विकसित करने की कुंजी है। पढ़ना, अध्ययन करना  सभी लीडर पाठक होते हैं, हालाँकि उन पर हमेशा काम का बोझ रहता है, लेकिन वे कभी नई जानकारी ग्रहण करना नहीं छोड़ते हैं। वे कारोबारी पुस्तकें और पत्रिकाएँ पढ़ना या सम्मेलनों में जाना, विचार-विमर्श करना और नवीनतम जानकारी सीखना कभी बंद नहीं करते हैं। जॉर्ज वॉशिंगटन एक मध्यवर्गीय परिवार में पैदा हुए थे, जिनके पास ज्यादा सुविधाएं नहीं थीं, लेकिन अंततः वे अमेरिकी सेना के सेनापति और अमेरिका के पहले राष्ट्रपति बने। अमेरिका की स्थापना के तूफानी दौर में भी वॉशिंगटन हमेशा अपने शालीन व्यवहार और शिष्ट अंदाज़ के लिए मशहूर थे। बहुत कम लोगों को यह पता है कि किशोरावस्था में उन्होंने एक पुस्तक पढ़ी थी, जिसने उनके लंबे जीवनकाल में उनके व्यवहार का मार्गदर्शन किया। इस पुस्तक का शीर

अपने क्षेत्र में ज्यादा सफलता कैसे हासिल करें

लीडर इस बात को जानते हैं कि वे सारा काम खुद नहीं कर सकते। इसलिए वे हमेशा सक्षम लोगों को अपने साथ रखते हैं, जो उनके लक्ष्य हासिल करने में उनकी मदद कर सकते हैं। लीडर हमेशा सक्षम लोगों की खोज करते रहते हैं। सफलता के सबसे महत्त्वपूर्ण नियमों में से एक यह है कि दूसरों की सलाह लें। आपको सफलता तक पहुँचने का रास्ता पूछना होता है। आपको जिस मदद की ज़रूरत है, दूसरे लोगों से माँगें। सलाह माँगें। परामर्श माँगें।  कभी यह मानकर ना चलें कि आपको सब कुछ जानने या शुरू से सब कुछ सीखने की ज़रूरत है। जैसा लोग कहते हैं, आप कभी इतने समय तक ज़िंदा नहीं रह सकते कि हर ग़लती खुद करके देखें। इसलिए दूसरों से पूछें और उनसे सीखें। अपनी कमज़ोरियों की भरपाई करें। अपनी कमज़ोरियों के बारे में बहुत सतर्क बनें और अनुमान लगाएँ कि आप उनकी भरपाई कैसे करेंगे। सच तो यह है कि अगर आप अपनी कमज़ोरियों की भरपाई कर सकें और अपनी शक्तियों को बढ़ा सकें, तो आप असाधारण लीडर बन सकते हैं। सभी लीडर्स में ज़बर्दस्त शक्ति के शिखर होते हैं और कमज़ोरी की घाटियाँ भी होती हैं। अच्छे लीडर ऐसे लोगों को खोज लेते हैं, जो उनकी कमज़ोरी के क्षेत्र में यो

लक्ष्य स्पष्ट है कैसे पता लगाएं

लीडर खुद को प्रेरित बनाए रखने के लिए तीन तरीकों से ज़िम्मेदारी निभाते हैं। एक है अपने स्वप्न के माध्यम से, ज़्यादातर वास्तविक लीडर स्वप्नदर्शी होते हैं, ख़ासतौर पर काया-कल्पकारी लीडर जिनमें भविष्य का सृजन करने की योग्यता होती है। वे एक ऐसे भविष्य और संभावनाओं का सपना देखते हैं, जिसके बारे में किसी ने भी पहले कभी सोचा नहीं होगा। एक सच्चा लीडर पूरी स्पष्टता से भविष्य का सपना देख सकता है, जबकि उसके आस-पास के लोग उसकी ज़रा भी कल्पना नहीं कर सकते, लीडर आगे बढ़ते हैं और नियोजन, प्रशासन व व्यवस्थापन के जरिये अपने सपनों को सच कर देते हैं। रणनीतिक नियोजन का अभ्यास में लीडर को पाँच साल बाद के एक ऐसे भविष्य की कल्पना करनी होगी, जिसमें आप अपने उद्योग में सर्वश्रेष्ठ हो। इस भावी आदर्श विशेषताओं और गुणों को जब आप बता देते है, क्या यह संभव है, हम इस बारे में बात करते हैं कि वे  ✓अगले पाँच साल में उस भविष्य तक कैसे पहुँच सकते हैं। एक बार जब आपके पास अपनी मनचाही चीज़ का स्पष्ट स्वप्न होता है, तो अगला प्रश्न हमेशा यही होता है, "कैसे?" ✓आप इसी अभ्यास का इस्तेमाल जीवनभर कर सकते हैं। कल्पना करे

लोगों के रोल मॉडल बने

जब आप लीडर होते हैं, तो हर कोई यह देखता है कि आप क्या कर रहे हैं और क्या कह रहे हैं। आपका व्यवहार आपकी टीम के दूसरे सदस्यों या आपकी कंपनी के कर्मचारियों के व्यवहार का मार्गदर्शन करेगा। आप मिसाल पेश करते हैं और वे उस मिसाल का अनुकरण करेंगे।  अल्बर्ट श्वेट्ज़र ने कहा था, “आपको लोगों को मिसाल की पाठशाला में सिखाना चाहिए, क्योंकि वे किसी दूसरी पाठशाला में नहीं सीखेंगे।” संसार के शीर्ष एक्ज़ीक्यूटिव कोचों में शुमार मार्शल गोल्डस्मिथ ने अपने काम के जरिये दिखाया है कि कोई लीडर अगर अपने व्यवहार के एक ही गुण को बदल ले, तो उसका बहुत से लोगों के व्यवहार पर गहरा असर पड़ सकता है। कभी झूठ ना बोलें या धोखा ना दें, कभी शॉर्टकट ना अपनाएँ, कभी अपने पद का नाजायज़ फ़ायदा ना उठाएँ। अपने कार्यों की जिम्मेदारी लें। जब आप शक्ति के पद पर बैठे होते हैं, तो ख़राब परिणामों के लिए दूसरों को दोष देना आसान होता है। कोई भी आपसे बहस नहीं करेगा, क्योंकि लोगों को अपनी नौकरी प्यारी होती है, लेकिन वे जानते हैं कि उन्होंने आपके व्यवहार पर नज़र रखी है और अब वे यह महसूस करेंगे कि उन्हें भी सत्यनिष्ठा के साथ काम करने की

लक्ष्यों की दिशा

लीडर्स में उच्च आत्म- गौरव और सकारात्मक आत्म-छवि होती है। वे खुद को महत्त्व देते हैं और महत्त्वपूर्ण मानते हैं। आत्म- गौरव का मतलब यह है कि आप खुद को कितना ज़्यादा पसंद करते हैं। आत्म-गौरव का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा स्व-प्रभावोत्पादकता है। यह एक भावना है कि आप सक्षम हैं, आप जो करते हैं, उसमें अच्छे हैं और लीडर के रूप में आपको जो परिणाम हासिल करने हैं, आप उन्हें हासिल करने में सक्षम हैं। आत्म-गौरव महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि आप भीतर से जैसा महसूस करते हैं, अपने बारे में आपके जैसे विश्वास और विचार होते हैं, उन्हीं से यह तय होता है कि आप बाहर कैसा प्रदर्शन करेंगे। प्रूडेंशियल बैच कैलिफ़ोर्निया रिएल्टी के पूर्व सीईओ स्टीव रॉजर्स के अनुसार, “आप अपने बारे में कैसा महसूस करते हैं, उसका इस बात से पूरा-पूरा संबंध होता है कि आप अपने खुद के काम में और लोगों के मैनेजर के रूप में कैसा प्रदर्शन करते हैं।” लीडर बनने के लिए शांति, स्पष्टता, लगन और संसार को उसी तरह देखने की योग्यता ज़रूरी होती है, जैसा यह सचमुच है। अगर लीडर स्व-शंका और हीनता की भावनाओं से जूझ रहा हो, तो ये गुण और ऐसे ही कई अन्य गुण असंभव

मुख्य परिणाम क्षेत्र

लीडर गतिविधि केंद्रित नहीं बल्कि वे परिणाम-केंद्रित होते हैं। आप जो कर रहे हैं, अगर उसका कोई मूल्यवान परिणाम नहीं निकल रहा है, तो उसे करना मूल्यहीन और निरर्थक है। लीडर हमेशा उन परिणामों के संदर्भ में सोचते रहते हैं, जिनकी उनसे अपेक्षा की जाती है। परिणाम पाना खुद से सवाल पूछते रहने पर निर्भर करता है। चार सवाल जिन्हें आप खुद से पूछ सकते हैं : 1. मेरी उच्च मूल्य की गतिविधियाँ कौन सी हैं? आप ऐसे कौन से काम करते हैं, जो आपके कामकाज और कंपनी के प्रति सबसे ज़्यादा मूल्यवान योगदान देते हैं? यही वे गतिविधियाँ हैं, जिन पर आपको ध्यान केंद्रित करना चाहिए। 2. मेरे मुख्य परिणाम क्षेत्र कौन से हैं? किसी संगठन में किसी पद के लिए अमूमन पाँच से सात मुख्य परिणाम क्षेत्र होते हैं। ये वे क्षेत्र हैं, जहाँ आपको अनिवार्य रूप से उत्कृष्ट परिणाम पाना होता है, तभी आप अपनी ज़िम्मेदारियों को पूरा कर सकते हैं। जब आप अपने मुख्य परिणाम क्षेत्रों को पहचान लें, तो फिर आपको प्रदर्शन के सर्वोच्च पैमाने तय करने चाहिए और उन पैमानों के अनुरूप प्रदर्शन करना चाहिए।  3. वह क्या है, जो मैं और सिर्फ़ मैं ही कर सकता हूँ?  आपके