समय का प्रबंधन दरअसल जीवन का प्रबंधन है, आपकी व्यक्तिगत उत्पादकता को बेहतर बनाने का काम आपके मूल्यों के परीक्षण से शुरू होता है। मर्फी का नियम कहता है कि कोई चीज़ करने से पहले आपको कोई दूसरी चीज़ करनी पड़ती है। समय का उचित प्रबंधन करना भी तब तक संभव नहीं है, जब तक आपको सटीकता से यही ना मालूम हो कि आपका मूल्य क्या हैं। समय के अच्छे प्रबंधन के लिए आवश्यक है कि आपका घटनाओं के क्रम पर अपना नियंत्रण आपके लिए सबसे ज़्यादा महत्त्वपूर्ण आदर्शों के सामंजस्य में हों। यदि यह आपके लिए महत्त्वपूर्ण नहीं है, तो आप अपने समय का नियंत्रण हासिल करने के लिए कभी प्रेरित और संकल्पवान महसूस नहीं करेंगे। हर इंसान को जीवन में अर्थ और उद्देश्य की गहरी ज़रूरत होती है। व्यक्तिगत तनाव और अप्रसन्नता के मुख्य कारणों में से एक यह भावना है कि आप जो कर रहे हैं, उसका आपके सबसे अंदरूनी मूल्यों और विश्वासों के संदर्भ में कोई अर्थ और उद्देश्य नहीं है। आपको हमेशा यह प्रश्न पूछकर शुरू करना चाहिए, "क्यों?" आप समय प्रबंधन की तकनीकों में ज़्यादा कार्यकुशल बन सकते है लेकिन इससे आपका कोई भला नहीं होगा, अगर आप किसी अर्
मनोवैज्ञानिक आजकल यह मानने लगे हैं कि आपकी खुद के बारे में सोच ही आपकी निजी विचारों और व्यक्तित्व का आधार होती हैं, व्यक्तित्व या प्रदर्शन के किसी भी हिस्से में सुधार आपके आत्मविश्वास को बढ़ाता है, और आपको खुद को ज्यादा पसंद करने और सम्मान करने के लिए प्रेरित करता है, आप खुद को जितना ज्यादा पसंद करेंगे, अपनी नजरों में आपकी छवि और प्रदर्शन उतने ही बेहतर होंगे, साथ ही आप अपने द्वारा तय आदर्श पर खरे उतरने की और तेजी से बढ़ने लगेंगे। आप अपने आपको जितना ज्यादा पसंद करेंगे, आपका नाकामी का डर उतना ही कम होता जाएगा, आप वह बन जाते हैं जो आप खुद से कहते हैं, अगर आप आने वाली किसी घटना को लेकर बेहद तनाव में हैं या असहज महसूस कर रहे हैं तो खुद के लिए आप यह सबसे शक्तिशाली शब्द कह सकते हैं "मैं खुद को चाहता हूं।" जब कभी भी आप कहते हैं "मैं खुद को चाहता हूं!" आपका सारा डर खत्म हो जाता है, और आपके होसलों में वृद्धि होती हैं, यह शब्द "मैं खुद को चाहता हूं!" इतने ज्यादा शक्तिशाली और सकारात्मक है, कि आपका अवचेतन उसे तत्काल किसी आदेश की ही तरह सहजता के साथ स्वीकार लेता है, ये