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समय का प्रबंधन आपका मूल्य तय करता है

समय का प्रबंधन दरअसल जीवन का प्रबंधन है, आपकी व्यक्तिगत उत्पादकता को बेहतर बनाने का काम आपके मूल्यों के परीक्षण से शुरू होता है।  मर्फी का नियम कहता है कि कोई चीज़ करने से पहले आपको कोई दूसरी चीज़ करनी पड़ती है। समय का उचित प्रबंधन करना भी तब तक संभव नहीं है, जब तक आपको सटीकता से यही ना मालूम हो कि आपका मूल्य क्या हैं। समय के अच्छे प्रबंधन के लिए आवश्यक है कि आपका घटनाओं के क्रम पर अपना नियंत्रण आपके लिए सबसे ज़्यादा महत्त्वपूर्ण आदर्शों के सामंजस्य में हों। यदि यह आपके लिए महत्त्वपूर्ण नहीं है, तो आप अपने समय का नियंत्रण हासिल करने के लिए कभी प्रेरित और संकल्पवान महसूस नहीं करेंगे। हर इंसान को जीवन में अर्थ और उद्देश्य की गहरी ज़रूरत होती है। व्यक्तिगत तनाव और अप्रसन्नता के मुख्य कारणों में से एक यह भावना है कि आप जो कर रहे हैं, उसका आपके सबसे अंदरूनी मूल्यों और विश्वासों के संदर्भ में कोई अर्थ और उद्देश्य नहीं है। आपको हमेशा यह प्रश्न पूछकर शुरू करना चाहिए, "क्यों?" आप समय प्रबंधन की तकनीकों में ज़्यादा कार्यकुशल बन सकते है लेकिन इससे आपका कोई भला नहीं होगा, अगर आप किसी अर्

डर जो आपमें विद्यमान है ?

प्रत्येक व्यक्ति में कोई न कोई डर विद्यमान रहता हैं, जैसे जैसे व्यक्ति बड़ा होता है, बड़े होने के साथ ही दो खास किस्म के डर हम सभी में घर कर जाते हैं, नाकामी या नुकसान का डर और आलोचना या अस्वीकृति का डर, किसी चीज को पाने के लिए विलक्षण दिमाग के इस्तेमाल की बजाय हम अपनी तर्कशक्ति को यह साबित करने पर खर्च करने लगते हैं कि हम ऐसा क्यों नहीं कर सकते और हम जो चाहते हैं वह हमारे लिए क्यों असंभव हैं। लेखक आर्थर गोर्डन ने आईबीएम के संस्थापक थॉमस जे वॉटसन से एक बार पूछा कि लेखक के तौर पर जल्दी से कामयाब होने के लिए उन्हें क्या करना होगा ?  अमेरिकी कारोबारी जगत के धुरंधर थॉमस जे वॉटसन ने इस सवाल का जवाब इन शब्दों में दिया, "अगर आप तेजी के साथ कामयाब होना चाहते हैं, तो आपको अपनी नाकामयाब होने की दर को भी दुगना करना होगा, दरअसल कामयाबी तो नाकामयाबी के दूसरे सिरे पर रहती है।"  आप जितने ज्यादा नाकाम होंगे, संभावना यही है कि कामयाबी आपके उतने ही करीब होगी, आपकी नाकामयाबियों ने आपको कामयाबी हासिल करने के लिए तैयार कर दिया है।  जब कभी भी कुछ समझ ना पड़े तो "नाकामयाबी की दर को दुगना कर दे