समय का प्रबंधन दरअसल जीवन का प्रबंधन है, आपकी व्यक्तिगत उत्पादकता को बेहतर बनाने का काम आपके मूल्यों के परीक्षण से शुरू होता है। मर्फी का नियम कहता है कि कोई चीज़ करने से पहले आपको कोई दूसरी चीज़ करनी पड़ती है। समय का उचित प्रबंधन करना भी तब तक संभव नहीं है, जब तक आपको सटीकता से यही ना मालूम हो कि आपका मूल्य क्या हैं। समय के अच्छे प्रबंधन के लिए आवश्यक है कि आपका घटनाओं के क्रम पर अपना नियंत्रण आपके लिए सबसे ज़्यादा महत्त्वपूर्ण आदर्शों के सामंजस्य में हों। यदि यह आपके लिए महत्त्वपूर्ण नहीं है, तो आप अपने समय का नियंत्रण हासिल करने के लिए कभी प्रेरित और संकल्पवान महसूस नहीं करेंगे। हर इंसान को जीवन में अर्थ और उद्देश्य की गहरी ज़रूरत होती है। व्यक्तिगत तनाव और अप्रसन्नता के मुख्य कारणों में से एक यह भावना है कि आप जो कर रहे हैं, उसका आपके सबसे अंदरूनी मूल्यों और विश्वासों के संदर्भ में कोई अर्थ और उद्देश्य नहीं है। आपको हमेशा यह प्रश्न पूछकर शुरू करना चाहिए, "क्यों?" आप समय प्रबंधन की तकनीकों में ज़्यादा कार्यकुशल बन सकते है लेकिन इससे आपका कोई भला नहीं होगा, अगर आप किसी अर्
आज के जीवन में अगर देखा जाए, तो नब्बे प्रतिशत जनसंख्या के पास यह सोचने का वक्त ही नहीं है कि वे जा कहां रहे हैं। अगर आप उनको रोककर पूछेंगे। तो उनका एक ही जवाब होगा, कि अभी हमारे पास समय नहीं है। जबकि उनके जीवन का उद्देश्य अगर आप जानना चाहेंगे, तो आपको पता लगेगा कि उनके जीवन का उद्देश्य केवल मानवीय आवश्यकताओं का प्रयोग करते हुए जीवन बिताना है। न कि किसी नई चीज का आविष्कार करना है। और न ही उन्होंने यह जानने की कोशिश की, कि हमने आज तक जो समय बिताया है। उस समय के दरमियान हमने क्या हासिल किया है। अगर उनके जीवन का निष्कर्ष निकाले। तो आप उनके जीवन को शून्य दे सकते हैं, यही सत्य है। आज के जीवन में हर व्यक्ति अपने आपको ज्ञान से परिपूर्ण मानता है। लेकिन बुद्धिजीवी लोगों ने इसकी परिभाषा कुछ अलग ही तरीके से दी है। उनका मानना है कि आप जिस समाज में रहते हैं, आपके आसपास का वातावरण ही आपको काफी प्रभावित करता है। आप उस वातावरण से प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकते। आप उन्हीं में अपने आपको सर्वश्रेष्ठ घोषित करते हैं। क्योंकि आपका दायरा केवल आपने ही निर्धारित किया है, किसी और ने नहीं। बुद्धिजीवी लोगों न