मन सभी धर्मों, कर्मों, प्रवृतियों का अगुआ है। सभी कर्मों (धर्मों) में मन पूर्वगामी है। मन ही प्रधान है, प्रमुख है, सभी धर्म (चैत्तसिक अवस्थाएं) पहले मन में ही पैदा होती हैं। मन सभी मानसिक प्रवृतियों में श्रेष्ठ है, स्वामी है। सभी कर्म मनोमय है। मन सभी मानसिक प्रवृतियों का नेतृत्व करता है क्योंकि सभी मन से ही पैदा होती है। जब कोई व्यक्ति अशुद्ध मन से, मन को मैला करके, बुरे विचार पैदा करके वचन बोलता है या शरीर से कोई पाप कर्म (बुरे कर्म) करता है, तो दुख उसके पीछे-पीछे वैसे ही हो लेता है जैसे बैलगाड़ी खींचने वाले बैलों के पैरों के पीछे-पीछे चक्का (पहिया) चलता है। मन सभी प्रवृतियों, भावनाओं का पुरोगामी है यानी आगे-आगे चलने वाला है। सभी मानसिक क्रियाकलाप मन से ही उत्पन्न होते हैं। मन श्रेष्ठ है, मनोमय है। मन की चेतना ही हमारे सुख-दुख का कारण होती है। हम जो भी फल भुगतते हैं, परिणाम प्राप्त करते हैं। वह मन का ही परिणाम है। कोई भी फल या परिणाम हमारे विचार या मन पर निर्भर है। जब हम अपने मन, वाणी और कमों को शुद्ध करेंगे तभी दुखों से मुक्ति मिल सकती है। मन हमारी सभी प्रकार की भावनाओं, प्रव...
एप्पल व पिक्सर के संस्थापक स्टीव जॉब्स ने व्यक्तिगत कंप्यूटर अर्थात पीसी का आविष्कार किया था, उन्होंने आईपॉड नामक ऐसे संगीत वादक अर्थात म्यूजिक प्लेयर की रचना की थी, जिसने विश्व संगीत उद्योग को हमेशा के लिए बदल कर रख दिया, और आईपॉड ने आईफोन के विकास का रास्ता साफ कर दिया। स्टीव जॉब्स ने आईफोन में मोबाइल फोन व कंप्यूटर की विशेषताओं को समाहित कर सूचना प्रौद्योगिकी की संपूर्ण शक्तियों को जनसाधारण की मुट्ठी में लाकर रख दिया, एप्पल में दोबारा वापस आने से पहले स्टीव जॉब्स ने पिक्सर एनीमेशन स्टूडियो के साथ कंप्यूटर एनिमेशन क्षेत्र में प्रवेश किया था और टॉय स्टोरी जैसी उच्च गुणवत्ता की जीवन चरित्र एनिमेटेड पिक्चर फिल्म की रचना की थी। उद्योग जगत की महारथी द वाल्ट डिजनी कंपनी ने पिक्सर को 7.4 अरब डॉलर के मूल्यांकन पर खरीदा था, स्टीव जॉब्स के जीवन का अंतिम नवाचार टेबलेट कंप्यूटर आईपेड था, जिसके माध्यम से उसने बहुत हद तक व्यक्तिगत कंप्यूटर की आवश्यकता को ही खत्म कर दिया, वास्तव में स्टीव जॉब्स आईपैड के रूप में एक ऐसे उपकरण की रचना करना चाहता था, जो विश्व की सभी प्रकार की जानकारियों के साथ अपन...