मैंने कई साल पहले ऑस्ट्रेलिया के एक किशोर के साथ काम किया था। यह किशोर डॉक्टर और सर्जन बनना चाहता था, लेकिन उसके पास पैसा नहीं था; न ही उसने हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी की थी। ख़र्च निकालने के लिए वह डॉक्टरों के ऑफिस साफ करता था, खिड़कियाँ धोता था और मरम्मत के छुटपुट काम करता था। उसने मुझे बताया कि हर रात जब वह सोने जाता था, तो वह दीवार पर टंगे डॉक्टर के डिप्लोमा का चित्र देखता था, जिसमें उसका नाम बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा था। वह जहाँ काम करता था, वहाँ वह डिप्लोमाओं को साफ करता और चमकाता था, इसलिए उसे मन में डिप्लोमा की तस्वीर देखना या उसकी कल्पना करना मुश्किल नहीं था। मैं नहीं जानता कि उसने इस तस्वीर को देखना कितने समय तक जारी रखा, लेकिन उसने यह कुछ महीनों तक किया होगा। जब वह लगन से जुटा रहा, तो परिणाम मिले। एक डॉक्टर इस लड़के को बहुत पसंद करने लगा। उस डॉक्टर ने उसे औज़ारों को कीटाणुरहित करने, इंजेक्शन लगाने और प्राथमिक चिकित्सा के दूसरे कामों की कला का प्रशिक्षण दिया। वह किशोर उस डॉक्टर के ऑफिस में तकनीकी सहयोगी बन गया। डॉक्टर ने उसे अपने खर्च पर हाई स्कूल और बाद में कॉलेज भी भेजा। आज
कुछ समय पहले इंक मैगजीन ने पचास शुरुआती कंपनियों का अध्ययन किया, इनमें से आधी कंपनियों ने काम शुरू करने से पहले महीनों का समय लगाकर बिजनेस की योजना बनाई थी, बाकी आधी कंपनियां बिना विस्तृत योजनाओं के काम करने लगी थी, और सामने आने वाली घटनाओं पर सिर्फ प्रतिक्रिया करती रहती थी। दो-तीन साल बाद शोधकर्ता इन कंपनियों की सफलता और मुनाफे के स्तर का पता लगाने के लिए दोबारा वहां गए, उन्हें काफी दिलचस्प जानकारी मिली, जिन कंपनियों ने स्पष्ट, लिखित बिजनेस योजनाएं बनाकर काम शुरू किया था, जिन्होंने हर पहलू पर पूरी तरह और विस्तार से सोच विचार किया था, वे कंपनियां उन कंपनियों की तुलना में बहुत सफल और लाभदायक स्थिति में थी, जिन्होंने बिना किसी योजना के शुरुआत की थी, और रास्ते में ही सुधार किए थे। जनरल ड्रवाइट डी. आइजनहाॅवर से एक बार पूछा गया, तो उन्होंने कहा, "योजनाएं बेकार थी, लेकिन योजना बनाना अनिवार्य था।" समय प्रबंधन विशेषज्ञ अलेक मैकेंजी ने कहा था, "बिना योजना बनाएं काम करना हर असफलता का कारण है।" सफल लोग लिखित योजनाएं बनाकर काम करते हैं योजना बनाने में लगाए गए एक मिनट से