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मन ही प्रधान है, स्वामी है, सुख-दुख का कारण है #धम्मपद💫1

मन सभी धर्मों, कर्मों, प्रवृतियों का अगुआ है। सभी कर्मों (धर्मों) में मन पूर्वगामी है। मन ही प्रधान है, प्रमुख है, सभी धर्म (चैत्तसिक अवस्थाएं) पहले मन में ही पैदा होती हैं। मन सभी मानसिक प्रवृतियों में श्रेष्ठ है, स्वामी है। सभी कर्म मनोमय है। मन सभी मानसिक प्रवृतियों का नेतृत्व करता है क्योंकि सभी मन से ही पैदा होती है।  जब कोई व्यक्ति अशुद्ध मन से, मन को मैला करके, बुरे विचार पैदा करके वचन बोलता है या शरीर से कोई पाप कर्म (बुरे कर्म) करता है, तो दुख उसके पीछे-पीछे वैसे ही हो लेता है जैसे बैलगाड़ी खींचने वाले बैलों के पैरों के पीछे-पीछे चक्का (पहिया) चलता है। मन सभी प्रवृतियों, भावनाओं का पुरोगामी है यानी आगे-आगे चलने वाला है। सभी मानसिक क्रियाकलाप मन से ही उत्पन्न होते हैं। मन श्रेष्ठ है, मनोमय है। मन की चेतना ही हमारे सुख-दुख का कारण होती है। हम जो भी फल भुगतते हैं, परिणाम प्राप्त करते हैं। वह मन का ही परिणाम है। कोई भी फल या परिणाम हमारे विचार या मन पर निर्भर है। जब हम अपने मन, वाणी और कमों को शुद्ध करेंगे तभी दुखों से मुक्ति मिल सकती है। मन हमारी सभी प्रकार की भावनाओं, प्रव...

उस दिन मेरी जिंदगी बदल गई

एक दिन मैंने एक कागज़ उठाया और उस पर अपने लिए बिल्कुल असंभव नजर आने वाला लक्ष्य लिख दिया यह लक्ष्य था ऑफिस और घर-घर जाकर सामान बेचना और हर महीने ₹1000 कमाना मैंने उस कागज को मोड़कर दूर रख दिया और फिर वह मुझे दोबारा कभी नहीं दिखा। लेकिन 30 दिन बाद मेरी पूरी जिंदगी बदल गई इस दौरान मैंने सामान बेचने की एक ऐसी तकनीक खोजी जिसे आजमाने की पहले ही दिन मेरी आमदनी तीन गुनी हो गई इस दौरान मेरी कंपनी के मालिक ने एक उद्यमी को कंपनी बेच दी जो शहर में नया आया था अपना लक्ष्य लिखने के ठीक 30 दिन बाद नए मालिक ने मुझे ₹1000 प्रति माह देने का प्रस्ताव रखा ताकि मैं सेल्स कर्मचारियों का प्रमुख बन जाऊं और बाकी सेल्स कर्मचारियों को भी सामान बेचने के वे गुर सिखा सकूं जिनकी बदौलत में बाकी सबसे ज्यादा सामान बेच रहा था मैंने यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया और उस दिन के बाद मेरी जिंदगी पहले जैसी नहीं रही। 18 महीनों के भीतर मैं वह काम छोड़कर दूसरा ज्यादा बड़ा काम करने लगा इसके बाद तीसरा काम मैं सेल्समैन से सेल्स मैनेजर बन गया और मेरे अधीनस्थों की संख्या बढ़ गई मैंने 95 लोगों की सेल्स टीम नियुक्त की और उसे सफलता के गुर ...