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समय का प्रबंधन आपका मूल्य तय करता है

समय का प्रबंधन दरअसल जीवन का प्रबंधन है, आपकी व्यक्तिगत उत्पादकता को बेहतर बनाने का काम आपके मूल्यों के परीक्षण से शुरू होता है।  मर्फी का नियम कहता है कि कोई चीज़ करने से पहले आपको कोई दूसरी चीज़ करनी पड़ती है। समय का उचित प्रबंधन करना भी तब तक संभव नहीं है, जब तक आपको सटीकता से यही ना मालूम हो कि आपका मूल्य क्या हैं। समय के अच्छे प्रबंधन के लिए आवश्यक है कि आपका घटनाओं के क्रम पर अपना नियंत्रण आपके लिए सबसे ज़्यादा महत्त्वपूर्ण आदर्शों के सामंजस्य में हों। यदि यह आपके लिए महत्त्वपूर्ण नहीं है, तो आप अपने समय का नियंत्रण हासिल करने के लिए कभी प्रेरित और संकल्पवान महसूस नहीं करेंगे। हर इंसान को जीवन में अर्थ और उद्देश्य की गहरी ज़रूरत होती है। व्यक्तिगत तनाव और अप्रसन्नता के मुख्य कारणों में से एक यह भावना है कि आप जो कर रहे हैं, उसका आपके सबसे अंदरूनी मूल्यों और विश्वासों के संदर्भ में कोई अर्थ और उद्देश्य नहीं है। आपको हमेशा यह प्रश्न पूछकर शुरू करना चाहिए, "क्यों?" आप समय प्रबंधन की तकनीकों में ज़्यादा कार्यकुशल बन सकते है लेकिन इससे आपका कोई भला नहीं होगा, अगर आप किसी अर्

Adolf Hitler का अपने राष्ट्र के प्रति समर्पण

हिटलर के शासनकाल का जर्मनी कुछ और था, और उससे पहले कुछ और रूप लिए हुए था, और अब जो कुछ है, वह उससे अलग हैं, तथा आने वाले समय में इससे भिन्न होगा। परिवर्तन प्रकृति का नियम है, जर्मनी कई बार टूटा और फिर संगठित हुआ है, उसके टूटने और जुड़ने का क्रम चलता रहा है, पर वह एक शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में अब भी जीवित हैं। समय और इतिहास स्थिर नहीं है, जो एक क्षण पहले था, वह अब नहीं है, और अगले क्षण कुछ और ही होगा। हिटलर की बदनामी के तीन मुख्य कारण थे : 1. फासिस्टवादी विचारधारा  2. जातियतावाद और  3. युद्ध की मानसिकता यही वो तीन कारण जो उसे विश्व मानवता का शत्रु मानते थे। क्या वास्तव में हिटलर मानवता का शत्रु था ...  उसका अपनी मातृभूमि के प्रति अपार श्रद्धा और असीम गौरव का नाम ही सच्चा राष्ट्रवाद है, यदि राष्ट्रीय भावना जीवित है तो अंतरराष्ट्रीयवाद भी जीवित हैं, अपने देश से प्रेम और उसके प्रति निष्ठा देशवासी होने का स्वाभिमान, और देश के लिए बलिदान की भावना तथा राष्ट्र के लिए सर्वस्व निछावर करने की चाह जैसे गुणों का होना हमारा उद्देश्य होना चाहिए।