हर सफल व्यक्ति अपने 24 घंटों में ज़्यादा से ज़्यादा उपयोगी काम करना चाहता है। उसकी पूरी दिनचर्या ही समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग पर केंद्रित होती है। माइक मरडॉक ने कहा भी है, 'आपके भविष्य का रहस्य आपकी दिनचर्या में छिपा हुआ है।' यात्रा आपकी दिनचर्या का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। आज हर व्यक्ति बहुत सी यात्राएँ करता है, जिनमें उसका बहुत समय लगता है। फ़र्क़ सिर्फ़ इतना होता है कि जहाँ आम व्यक्ति यात्रा के समय में हाथ पर हाथ धरकर बैठता है, वहीं सफल व्यक्ति अपने बहुमूल्य समय का अधिकतम उपयोग करता है। इसलिए समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग का चौथा सिद्धांत है : यात्रा के समय का अधिकतम उपयोग करें। महात्मा गाँधी यात्रा करते समय नींद लेते थे, ताकि वे तरोताजा हो सकें। नेपोलियन जब सेना के साथ युद्ध करने जाते थे, तो रास्ते में पत्र लिखकर अपने समय का सदुपयोग करते थे। एडिसन अपने समय की बर्बादी को लेकर इतने सचेत थे कि किशोरावस्था में जब वे रेल में यात्रा करते थे, तो अपने प्रयोगों में जुटे रहते थे। माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स यात्रा के दौरान मोबाइल पर ज़रूरी बातें करके इस सिद्धांत पर अमल करते हैं। ...
हिटलर के शासनकाल का जर्मनी कुछ और था, और उससे पहले कुछ और रूप लिए हुए था, और अब जो कुछ है, वह उससे अलग हैं, तथा आने वाले समय में इससे भिन्न होगा। परिवर्तन प्रकृति का नियम है, जर्मनी कई बार टूटा और फिर संगठित हुआ है, उसके टूटने और जुड़ने का क्रम चलता रहा है, पर वह एक शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में अब भी जीवित हैं। समय और इतिहास स्थिर नहीं है, जो एक क्षण पहले था, वह अब नहीं है, और अगले क्षण कुछ और ही होगा। हिटलर की बदनामी के तीन मुख्य कारण थे : 1. फासिस्टवादी विचारधारा 2. जातियतावाद और 3. युद्ध की मानसिकता यही वो तीन कारण जो उसे विश्व मानवता का शत्रु मानते थे। क्या वास्तव में हिटलर मानवता का शत्रु था ... उसका अपनी मातृभूमि के प्रति अपार श्रद्धा और असीम गौरव का नाम ही सच्चा राष्ट्रवाद है, यदि राष्ट्रीय भावना जीवित है तो अंतरराष्ट्रीयवाद भी जीवित हैं, अपने देश से प्रेम और उसके प्रति निष्ठा देशवासी होने का स्वाभिमान, और देश के लिए बलिदान की भावना तथा राष्ट्र के लिए सर्वस्व निछावर करने की चाह जैसे गुणों का होना हमारा उद्देश्य होना चाहिए।