धम्मपदं : दुखों से मुक्ति और सुख शांति के जीवन का मार्ग : महाकारुणिक तथागत बुद्ध के उपदेशों का यह 'धम्मपद' अनमोल, अमृत वचन है। मानव जीवन का परम उद्देश्य होता है दुखों से मुक्ति और सुख शांति को पाना। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए यह ग्रंथ परिपूर्ण है। 'धम्मपद' 'धम्म' का सरल अर्थ है सदाचार अर्थात 'सज्जनों' द्वारा जीवन में धारण करने, पालन करने योग्य कर्तव्य। और 'पद' शब्द का अर्थ यहां 'मार्ग' माना गया है। इस प्रकार 'धम्मपद' का अर्थ होगा- धम्म यानी सदाचार (Morality) का मार्ग। ग्रंथ में 'पद' शब्द का एक दूसरा अर्थ भी माना गया है। वह अर्थ है, किसी का कथन, वचन, शिक्षा, उपदेश या वाणी। इस ग्रंथ में 'धम्मपद' का सरल अर्थ है- भगवान बुद्ध के शील सदाचार सम्बंधी उपदेश, वचन या वाणी। इस प्रकार 'धम्मपद' का अर्थ है- धम्म वचन या धम्मवाणी या धम्म देशना। आज से 2600 साल पहले भगवान बुद्ध ने, बुद्धत्व प्राप्ति के बाद 45 साल तक मध्य देश की आम बोलचाल की भाषा में 'बहुजन हिताय बहुजन सुखाय लोकानुकम्पाय' का जो संदेश और उपदेश दिय...
आज हम ऐसे युग में जी रहे हैं, जहां परिवर्तन इतिहास में सबसे तीव्र गति से हो रहे हैं, और इनकी गति हर साल बढ़ती जा रही हैं, हमारे जीवन के हर क्षेत्र में जानकारी और ज्ञान का विस्तार हो रहा है। मिसाल के तौर पर, 1980 में जब सोवियत संघ का विघटन हुआ , तो शीत युद्ध शुरू हो गया, पूरे अमेरिका का रक्षा उद्योग बुरी तरह हिल गया, लाखों उच्च प्रशिक्षित और योग्य स्त्री पुरुषों को स्थाई तौर पर नौकरी से निकाल दिया गया, देशभर में कई उद्योग बंद हो गए और देश के कुछ हिस्सों में मंदी आ गई, परिवर्तन के प्रभाव जबरदस्त थे, और इनसे बचना संभव नहीं था, सिर्फ लचीले लोग ही प्रभावी ढंग से इस पर प्रतिक्रिया कर पाए। आपको अपनी दौलत बनाने या मिटाने के लिए एक नया विचार ही काफी है, एक विचार आपको दौलत की राह पर चला सकता है या फिर इससे नीचे गिरा सकता है, सही समय पर मात्र एक जानकारी भी आपका बहुत सारा समय, मुश्किलें और पैसा बचा सकती हैं या उस जानकारी की कमी आपको बहुत भारी पड़ सकती है। सभी लीडर्स पढ़ाकू होते हैं, अपने क्षेत्र के नवीनतम ज्ञान की जानकारी आपके लिए बिल्कुल अनिवार्य हैं, शक्ति हमेशा उसी व्यक्ति के पास होती है जिसके...