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मन ही प्रधान है, स्वामी है, सुख-दुख का कारण है #धम्मपद💫1

मन सभी धर्मों, कर्मों, प्रवृतियों का अगुआ है। सभी कर्मों (धर्मों) में मन पूर्वगामी है। मन ही प्रधान है, प्रमुख है, सभी धर्म (चैत्तसिक अवस्थाएं) पहले मन में ही पैदा होती हैं। मन सभी मानसिक प्रवृतियों में श्रेष्ठ है, स्वामी है। सभी कर्म मनोमय है। मन सभी मानसिक प्रवृतियों का नेतृत्व करता है क्योंकि सभी मन से ही पैदा होती है।  जब कोई व्यक्ति अशुद्ध मन से, मन को मैला करके, बुरे विचार पैदा करके वचन बोलता है या शरीर से कोई पाप कर्म (बुरे कर्म) करता है, तो दुख उसके पीछे-पीछे वैसे ही हो लेता है जैसे बैलगाड़ी खींचने वाले बैलों के पैरों के पीछे-पीछे चक्का (पहिया) चलता है। मन सभी प्रवृतियों, भावनाओं का पुरोगामी है यानी आगे-आगे चलने वाला है। सभी मानसिक क्रियाकलाप मन से ही उत्पन्न होते हैं। मन श्रेष्ठ है, मनोमय है। मन की चेतना ही हमारे सुख-दुख का कारण होती है। हम जो भी फल भुगतते हैं, परिणाम प्राप्त करते हैं। वह मन का ही परिणाम है। कोई भी फल या परिणाम हमारे विचार या मन पर निर्भर है। जब हम अपने मन, वाणी और कमों को शुद्ध करेंगे तभी दुखों से मुक्ति मिल सकती है। मन हमारी सभी प्रकार की भावनाओं, प्रव...

शक्ति हमेशा उसी व्यक्ति के पास होती है जिसके पास...........!

आज हम ऐसे युग में जी रहे हैं, जहां परिवर्तन इतिहास में सबसे तीव्र गति से हो रहे हैं, और इनकी गति हर साल बढ़ती जा रही हैं, हमारे जीवन के हर क्षेत्र में जानकारी और ज्ञान का विस्तार हो रहा है।
मिसाल के तौर पर, 1980 में जब सोवियत संघ का विघटन हुआ, तो शीत युद्ध शुरू हो गया, पूरे अमेरिका का रक्षा उद्योग बुरी तरह हिल गया, लाखों उच्च प्रशिक्षित और योग्य स्त्री पुरुषों को स्थाई तौर पर नौकरी से निकाल दिया गया, देशभर में कई उद्योग बंद हो गए और देश के कुछ हिस्सों में मंदी आ गई, परिवर्तन के प्रभाव जबरदस्त थे, और इनसे बचना संभव नहीं था, सिर्फ लचीले लोग ही प्रभावी ढंग से इस पर प्रतिक्रिया कर पाए।

आपको अपनी दौलत बनाने या मिटाने के लिए एक नया विचार ही काफी है, एक विचार आपको दौलत की राह पर चला सकता है या फिर इससे नीचे गिरा सकता है, सही समय पर मात्र एक जानकारी भी आपका बहुत सारा समय, मुश्किलें और पैसा बचा सकती हैं या उस जानकारी की कमी आपको बहुत भारी पड़ सकती है।

सभी लीडर्स पढ़ाकू होते हैं, अपने क्षेत्र के नवीनतम ज्ञान की जानकारी आपके लिए बिल्कुल अनिवार्य हैं, शक्ति हमेशा उसी व्यक्ति के पास होती है जिसके पास सबसे अच्छी और सबसे नई जानकारी होती है।

अगर आप अपने प्रॉडक्ट या सेवा की जगह किसी नए प्रॉडक्ट या सेवा को लाने के तरीके नहीं खोज रहे हैं, तो आप इस बात पर विश्वास कर सकते हैं कि आपके प्रतिस्पर्धी देर रात तक जागकर आपको दिवालिया बनाने के तरीके खोज रहे हैं।

आज बिजनेस में बने रहना मेंढक कूद का अंतहीन खेल खेलने जैसा है, आप अपने प्रतिस्पर्धी के ऊपर से छलांग मारने का तरीका खोजते हैं और अपने ग्राहको की बेहतर, ज्यादा तेज और ज्यादा सस्ती सेवा करने का तरीका तलाशते हैं।

प्रचलन से बाहर होने की गति बढ़ाने का यही सिद्धांत आपके प्रॉडक्ट्स, आपकी सेवाओ, आपकी प्रक्रियाओ और खास तौर पर आपकी सेल्स और मार्केटिंग रणनीतियों पर भी लागू होती है।

कुछ समय पहले मैंने ₹100000 देकर एक विज्ञापन एजेंसी से अपने लिए विज्ञापन तैयार करवाया और एक राष्ट्रीय अखबार में छपवाया, इसका काफी असर हुआ और मुझे बहुत सी अच्छी प्रतिक्रियाएं मिलीं।

एक प्रतिस्पर्धी ने हमारे जैसा ही विज्ञापन प्रकाशित करवाया, उसका लक्ष्य हमारे प्रॉडक्ट को नहीं, बल्कि अपने प्रॉडक्ट को बेचना था, जिसके फलस्वरूप हमारी प्रतिक्रिया की दर घटकर पचास प्रतिशत हो गई और गिरती चली गई, और हम इस मामले में कुछ नहीं कर सकते थे।

आपको अपने बिजनेस के हर पहलू के लिए बैकअप योजनाएं लगातार बनाते रहना चाहिए, आपको इस मामले में जरा सी भी शंका नहीं होनी चाहिए कि आप जो भी कर रहे हैं, वह जल्दी ही काम करना बंद कर देगा और इसकी जगह कोई दूसरी चीज ले लेगी, जो ज्यादा अच्छी तरह काम करेगी।

कई बार आपकी दीर्घकालीन सफलता को सबसे बड़ा खतरा अल्पकालीन सफलता से होता है, किसी भी क्षेत्र में सफलता मिलने पर तत्काल घमंड और बदलने की अनिच्छा पैदा हो जाती हैं, जिससे आप बाजार की नई वास्तविकताओ पर तुरंत प्रतिक्रिया नहीं कर पाते हैं, अपने साथ ऐसा न होने दें। 

प्रतिस्पर्धा, जिसमें बहुत लचीलेपन की जरूरत होती है, आपके प्रतिस्पर्धी, स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय, आज पहले से ज्यादा संकल्पवान और रचनात्मक हो चुके हैं, वे लगातार आपके ग्राहकों को छीनने, आपकी सेल्स को चुराने, आपके कैशफ्लो को कम करने और अगर संभव हो तो आपको बिज़नस से बाहर करने के तरीके तलाश रहे हैं। 

आपके प्रतिस्पर्धी आक्रामक रूप से नई जानकारी और प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि वे आपको पुराना साबित कर सके, और प्रतिस्पर्धी लाभ हासिल कर सकें, अगर आप इस बाजार में बचे रहना और समृद्ध होना चाहते हैं, तो आपको ज्यादा एकाग्र और संकल्प बनना होगा, सबसे बढ़कर, आपको लचीला बनना होगा।

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