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हिटलर के माता पिता की मृत्यु के पश्चात हिटलर का जीवन लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

डॉक्टर बनने की चाहत क्या आपको डॉक्टर बना सकती है? जी हा! कैसे

मैंने कई साल पहले ऑस्ट्रेलिया के एक किशोर के साथ काम किया था। यह किशोर डॉक्टर और सर्जन बनना चाहता था, लेकिन उसके पास पैसा नहीं था; न ही उसने हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी की थी। ख़र्च निकालने के लिए वह डॉक्टरों के ऑफिस साफ करता था, खिड़‌कियाँ धोता था और मरम्मत के छुटपुट काम करता था।  उसने मुझे बताया कि हर रात जब वह सोने जाता था, तो वह दीवार पर टंगे डॉक्टर के डिप्लोमा का चित्र देखता था, जिसमें उसका नाम बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा था। वह जहाँ काम करता था, वहाँ वह डिप्लोमाओं को साफ करता और चमकाता था, इसलिए उसे मन में डिप्लोमा की तस्वीर देखना या उसकी कल्पना करना मुश्किल नहीं था। मैं नहीं जानता कि उसने इस तस्वीर को देखना कितने समय तक जारी रखा, लेकिन उसने यह कुछ महीनों तक किया होगा। जब वह लगन से जुटा रहा, तो परिणाम मिले। एक डॉक्टर इस लड़के को बहुत पसंद करने लगा। उस डॉक्टर ने उसे औज़ारों को कीटाणुरहित करने, इंजेक्शन लगाने और प्राथमिक चिकित्सा के दूसरे कामों की कला का प्रशिक्षण दिया। वह किशोर उस डॉक्टर के ऑफिस में तकनीकी सहयोगी बन गया। डॉक्टर ने उसे अपने खर्च पर हाई स्कूल और बाद में कॉलेज भी भेजा। आज

हिटलर के माता पिता की मृत्यु के पश्चात हिटलर का जीवन

एडोल्फ हिटलर के माता पिता की मृत्यु के बारे में अगर हमें जानकारी होती है, तो इस किताब के द्वारा होती है, जिस किताब को हिटलर ने स्वयं लिखा था, इस किताब का नाम है, मेरा संघर्ष अर्थात MEIN KAMPF इसमें हिटलर ने अपने बारे में विस्तृत रूप से बताया है, इस किताब को हिटलर ने स्वयं लिखा था।  इसमें बताया गया है, कि हिटलर के पिता की मृत्यु जब हिटलर 13 वर्ष का भी नहीं था, उस समय उसके पिता की मृत्यु हो गई थी, और 2 वर्ष पश्चात् ही उसकी माता की भी मृत्यु हो गई थी, उस समय उसकी उम्र 16 वर्ष से भी कम थी। अगर हिटलर के पिता की बात करें तो हिटलर के पिता एक गरीब और झोपड़ी में रहने वाले के पुत्र थे, उन्होंने बचपन में ही घर छोड़ दिया था, क्योंकि उन्हें कुछ बनना था, तब उनकी उम्र केवल 13 वर्ष की रही होगी, उनके गांव वालों ने हिटलर के पिता को काफी समझाया, लेकिन वे नहीं माने, और किसी नए हुनर को सीखने के लिए वियना चले गए। उन्होंने 17 वर्ष की उम्र में कारीगरी की ट्रेनिंग की परीक्षा पास की, लेकिन वे उस काम से भी संतुष्ट नहीं थे, उन्हें तो एक सरकारी अधिकारी बनना था, उन्होंने इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए काफी संघर