समय का प्रबंधन दरअसल जीवन का प्रबंधन है, आपकी व्यक्तिगत उत्पादकता को बेहतर बनाने का काम आपके मूल्यों के परीक्षण से शुरू होता है। मर्फी का नियम कहता है कि कोई चीज़ करने से पहले आपको कोई दूसरी चीज़ करनी पड़ती है। समय का उचित प्रबंधन करना भी तब तक संभव नहीं है, जब तक आपको सटीकता से यही ना मालूम हो कि आपका मूल्य क्या हैं। समय के अच्छे प्रबंधन के लिए आवश्यक है कि आपका घटनाओं के क्रम पर अपना नियंत्रण आपके लिए सबसे ज़्यादा महत्त्वपूर्ण आदर्शों के सामंजस्य में हों। यदि यह आपके लिए महत्त्वपूर्ण नहीं है, तो आप अपने समय का नियंत्रण हासिल करने के लिए कभी प्रेरित और संकल्पवान महसूस नहीं करेंगे। हर इंसान को जीवन में अर्थ और उद्देश्य की गहरी ज़रूरत होती है। व्यक्तिगत तनाव और अप्रसन्नता के मुख्य कारणों में से एक यह भावना है कि आप जो कर रहे हैं, उसका आपके सबसे अंदरूनी मूल्यों और विश्वासों के संदर्भ में कोई अर्थ और उद्देश्य नहीं है। आपको हमेशा यह प्रश्न पूछकर शुरू करना चाहिए, "क्यों?" आप समय प्रबंधन की तकनीकों में ज़्यादा कार्यकुशल बन सकते है लेकिन इससे आपका कोई भला नहीं होगा, अगर आप किसी अर्
1. वे लक्ष्यों को महत्वपूर्ण नहीं मानते : ज्यादातर लोगों को लक्ष्यों के महत्व का अहसास ही नहीं होता, अगर आप ऐसे घर में पले बढ़े हैं जहां किसी के पास लक्ष्य नहीं रहे हो या फिर ऐसे समूह में रहे हो जहां लक्ष्यों पर कभी बातचीत न हुई हो या उन्हें महत्व न दिया गया हो, तो वयस्क होने के बाद भी आप लक्ष्यों की शक्ति से अनजान रह सकते हैं। आपको यह पता ही नहीं चलेगा कि लक्ष्य तय करने और हासिल करने की आपकी योग्यता आपकी जिंदगी पर किसी दूसरी योग्यता से ज्यादा असर डालती हैं, अपने आसपास गौर से देखें आपके कितने दोस्तों या परिजनों के पास स्पष्ट लक्ष्य हैं और वे अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित है। 2. वे जानते ही नहीं है कि लक्ष्य कैसे तय किए जाते हैं : लोगों के पास लक्ष्य न होने का कारण यह है कि वे यह जानते ही नहीं है कि लक्ष्य तय कैसे किए जाते हैं कई लोग सोचते हैं कि उनके पास पहले से ही लक्ष्य है जबकि उनके पास दरअसल इच्छाओ या सपनों की सपनों की श्रंखला भर होती है जैसे खुश रहो या बहुत सा पैसा बनाओ या अच्छा पारिवारिक जीवन जियो। लेकिन उन्हें लक्ष्य नहीं कहा जा सकता यह तो सिर्फ जुमले है जो हर एक के पास होते हैं