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कैलिफोर्निया में एक टीचर को हर साल पाँच-छह हजार डॉलर का वेतन मिलता था। उसने एक दुकान में एक सुंदर सफेद अर्मीन कोट देखा, जिसका भाव 8,000 डॉलर था। उसने कहा, "इतना पैसा बचाने में तो मुझे कई साल लग जाएँगे। मैं इसका ख़र्च कभी नहीं उठा सकती। ओह, मैं इसे कितना चाहती हूँ!" इन नकारात्मक अवधारणाओं से विवाह करना छोड़कर उसने सीखा कि वह अपना मनचाहा कोट, कार या कोई भी दूसरी चीज़ हासिल कर सकती है और इसके लिए उसे संसार में किसी को चोट पहुँचाने की ज़रूरत नहीं है। मैंने उससे यह कल्पना करने को कहा कि उसने कोट पहन रखा है। कि कल्पना में वह इसका सुंदर फर छुए, महसूस करे और इसे सचमुच पहनने की भावना जगाए। वह रात को सोने से पहले अपनी कल्पना की शक्ति का इस्तेमाल करने लगी। उसने अपनी कल्पना में वह कोट पहना, उसे सहलाया, उस पर हाथ फेरा, जिस तरह कि कोई बच्ची अपनी गुड़िया के साथ करती है। वह ऐसा हर रात करती रही और आख़िरकार उसे इस सबका रोमांच महसूस हो गया। वह हर रात यह काल्पनिक कोट पहनकर सोने गई और इसे हासिल करने पर वह बहुत खुश थी। तीन महीने गुज़र गए, लेकिन कुछ नहीं हुआ। वह डगमगाने वाली थी, लेकिन उसने खुद को य...

आप मैं भी वह गुण है जो एक जीनीयस में है

सीखने की अयोग्यताओं पर फार्च्यून पत्रिका में एक लेख छपा था, व्यवसायियों पर केंद्रित इस लेख का निष्कर्ष था कि फॉर्च्यून 500 कॉरपोरेशन के बहुत से प्रेसिडेंट्रस और सीनियर एक्जीक्यूटिव्स को स्कूल में खास प्रतिभाशाली या सक्षम नहीं माना जाता था, लेकिन मेहनत की बदौलत उन्होंने बाद में अपने उद्योग में भारी सफलता हासिल की। थॉमस एडिसन को छठे ग्रेड में स्कूल से निकाल दिया गया था, टीचर्स ने उनके माता-पिता से साफ-साफ कह दिया था कि उन्हें कुछ सिखाने की कोशिश करना समय की बर्बादी है क्योंकि वे कुछ भी नहीं सीख सकते, और कतई स्मार्ट नहीं है, एडिसन बाद में जाकर आधुनिक युग के सबसे महान आविष्कारक बने।  खुद को सीमित करने वाले विश्वास कई बार तो सिर्फ एक अनुभव या टिप्पणी पर ही आधारित होते हैं, दुखद बात यह है कि उनकी वजह से आप वर्षों तक रुके रहते हैं, ज्यादातर लोग जिस क्षेत्र में खुद को अयोग्य मानते थे, बाद में उन्होंने उसी में महारत हासिल की।  लेखक लुइसे हे के अनुसार जीवन में हमारी ज्यादातर समस्याओं की जड़ इस भावना में है कि "मैं पर्याप्त अच्छा नहीं हूं।" डॉ.अल्फ्रेड एल्डर ने कहा है कि पाश्चात्य व्यक्...