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मन ही प्रधान है, स्वामी है, सुख-दुख का कारण है #धम्मपद💫1

मन सभी धर्मों, कर्मों, प्रवृतियों का अगुआ है। सभी कर्मों (धर्मों) में मन पूर्वगामी है। मन ही प्रधान है, प्रमुख है, सभी धर्म (चैत्तसिक अवस्थाएं) पहले मन में ही पैदा होती हैं। मन सभी मानसिक प्रवृतियों में श्रेष्ठ है, स्वामी है। सभी कर्म मनोमय है। मन सभी मानसिक प्रवृतियों का नेतृत्व करता है क्योंकि सभी मन से ही पैदा होती है।  जब कोई व्यक्ति अशुद्ध मन से, मन को मैला करके, बुरे विचार पैदा करके वचन बोलता है या शरीर से कोई पाप कर्म (बुरे कर्म) करता है, तो दुख उसके पीछे-पीछे वैसे ही हो लेता है जैसे बैलगाड़ी खींचने वाले बैलों के पैरों के पीछे-पीछे चक्का (पहिया) चलता है। मन सभी प्रवृतियों, भावनाओं का पुरोगामी है यानी आगे-आगे चलने वाला है। सभी मानसिक क्रियाकलाप मन से ही उत्पन्न होते हैं। मन श्रेष्ठ है, मनोमय है। मन की चेतना ही हमारे सुख-दुख का कारण होती है। हम जो भी फल भुगतते हैं, परिणाम प्राप्त करते हैं। वह मन का ही परिणाम है। कोई भी फल या परिणाम हमारे विचार या मन पर निर्भर है। जब हम अपने मन, वाणी और कमों को शुद्ध करेंगे तभी दुखों से मुक्ति मिल सकती है। मन हमारी सभी प्रकार की भावनाओं, प्रव...

घटनाओं का संबंध

आज के जीवन में अगर देखा जाए तो व्यक्ति का जीवन वर्तमान समय में पुरानी घटनाओं पर टिका हुआ है यह उसे स्वयं भी मालूम नहीं है कि वह किस घटनाओं का परिणाम भुगत रहा है या कौन सी घटनाएं कब गठित होगी मालूम नहीं है। अगर घटनाओं का ज्ञान रखने वाला घटनाओं का समय स्थिति स्थान सभी कुछ बता दें तो व्यक्ति का जीवन एक ही क्षण में समाप्त हो जाएगा इसका मुख्य कारण व्यक्ति का अपने प्रौद्योगिकी पर नियंत्रण ना होना।  आज का व्यक्ति कितना ही प्रोग्रेसिव क्यों ना हो जाए लेकिन वह अपने आप को इस धरती से परे वायुमंडल में स्थापित नहीं कर सकता और ना ही वह अपना जीवन यापन वहां चलाने में सक्षम हैं।  अगर वह सक्षम होता तो जो घटनाएं घटित होने वाली है उसका आभास उसे पूर्व में ही हो जाता या जिस किसी ने भी घटनाओं का आभास होना के बारे में लिखा है तो इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि उन घटनाओं के साथ समय व स्थान का ब्यौरा नहीं लिखा हुआ है बेशक उनका ब्यौरा लिखा हुआ है लेकिन वह हमारी नजर से ओजल है।  क्योंकि जिन लोगों को भी पूर्व घटनाओं का आभास होता था तो यह बात तो जरूर होगी कि उन्होंने व्यक्ति के जीवन को बचाने का पू...