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सोच ही व्यक्तित्व को बनाती है लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

डॉक्टर बनने की चाहत क्या आपको डॉक्टर बना सकती है? जी हा! कैसे

मैंने कई साल पहले ऑस्ट्रेलिया के एक किशोर के साथ काम किया था। यह किशोर डॉक्टर और सर्जन बनना चाहता था, लेकिन उसके पास पैसा नहीं था; न ही उसने हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी की थी। ख़र्च निकालने के लिए वह डॉक्टरों के ऑफिस साफ करता था, खिड़‌कियाँ धोता था और मरम्मत के छुटपुट काम करता था।  उसने मुझे बताया कि हर रात जब वह सोने जाता था, तो वह दीवार पर टंगे डॉक्टर के डिप्लोमा का चित्र देखता था, जिसमें उसका नाम बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा था। वह जहाँ काम करता था, वहाँ वह डिप्लोमाओं को साफ करता और चमकाता था, इसलिए उसे मन में डिप्लोमा की तस्वीर देखना या उसकी कल्पना करना मुश्किल नहीं था। मैं नहीं जानता कि उसने इस तस्वीर को देखना कितने समय तक जारी रखा, लेकिन उसने यह कुछ महीनों तक किया होगा। जब वह लगन से जुटा रहा, तो परिणाम मिले। एक डॉक्टर इस लड़के को बहुत पसंद करने लगा। उस डॉक्टर ने उसे औज़ारों को कीटाणुरहित करने, इंजेक्शन लगाने और प्राथमिक चिकित्सा के दूसरे कामों की कला का प्रशिक्षण दिया। वह किशोर उस डॉक्टर के ऑफिस में तकनीकी सहयोगी बन गया। डॉक्टर ने उसे अपने खर्च पर हाई स्कूल और बाद में कॉलेज भी भेजा। आज

धारणा {सोच} ही व्यक्तित्व को बनाती है

जहां तक इंसान में छिपी संभावनाओं को जानने के क्षेत्र की बात है, तो नीज धारणा को बीसवीं सदी की सबसे बड़ी खोज कहा जा सकता है, इसी सोच के मुताबिक हर इंसान जन्म से ही अपने बारे में एक धारणा कायम करता जाता है, फिर आपकी अपने बारे में यही धारणा ही आपके अवचेतन मन के कंप्यूटर को संचालित करने वाला मास्टर प्रोग्राम बन जाती है,  फिर यही तय करती हैं, कि आप क्या सोचेंगे, क्या कहेंगे, महसूस करेंगे, और क्या करेंगे।  यही वजह है कि आपकी जिंदगी में सारा बदलाव खुद के बारे में धारणा बदलने और अपने बारे में अपनी दुनिया के बारे में सोचने का अंदाज बदलते ही दिखाई देने लगता है, वास्तविकता चाहे जो हो जब आप किसी बात को सही मान लेते हैं, तो वही आपके लिए सच बन जाती हैं।  एरिस्टोटल ने लिखा है "जिस किसी भी बात का प्रभाव पड़ता है वही अभिव्यक्ति होती हैं।  अगर आपको ऐसे माता-पिता मिले हैं, जिन्होंने आपको लगातार यह बताया है कि आप कितने अच्छे हैं, जो आपसे प्यार करते थे, आप का समर्थन करते थे, और आप में यकीन करते थे, आपने चाहे जो किया या न किया हो, ऐसे में आप इस विश्वास के साथ बड़े होगे, कि आप एक अच्छे और मूल्यवान व्यक्