कैलिफोर्निया में एक टीचर को हर साल पाँच-छह हजार डॉलर का वेतन मिलता था। उसने एक दुकान में एक सुंदर सफेद अर्मीन कोट देखा, जिसका भाव 8,000 डॉलर था। उसने कहा, "इतना पैसा बचाने में तो मुझे कई साल लग जाएँगे। मैं इसका ख़र्च कभी नहीं उठा सकती। ओह, मैं इसे कितना चाहती हूँ!" इन नकारात्मक अवधारणाओं से विवाह करना छोड़कर उसने सीखा कि वह अपना मनचाहा कोट, कार या कोई भी दूसरी चीज़ हासिल कर सकती है और इसके लिए उसे संसार में किसी को चोट पहुँचाने की ज़रूरत नहीं है। मैंने उससे यह कल्पना करने को कहा कि उसने कोट पहन रखा है। कि कल्पना में वह इसका सुंदर फर छुए, महसूस करे और इसे सचमुच पहनने की भावना जगाए। वह रात को सोने से पहले अपनी कल्पना की शक्ति का इस्तेमाल करने लगी। उसने अपनी कल्पना में वह कोट पहना, उसे सहलाया, उस पर हाथ फेरा, जिस तरह कि कोई बच्ची अपनी गुड़िया के साथ करती है। वह ऐसा हर रात करती रही और आख़िरकार उसे इस सबका रोमांच महसूस हो गया। वह हर रात यह काल्पनिक कोट पहनकर सोने गई और इसे हासिल करने पर वह बहुत खुश थी। तीन महीने गुज़र गए, लेकिन कुछ नहीं हुआ। वह डगमगाने वाली थी, लेकिन उसने खुद को य...
जहां तक इंसान में छिपी संभावनाओं को जानने के क्षेत्र की बात है, तो नीज धारणा को बीसवीं सदी की सबसे बड़ी खोज कहा जा सकता है, इसी सोच के मुताबिक हर इंसान जन्म से ही अपने बारे में एक धारणा कायम करता जाता है, फिर आपकी अपने बारे में यही धारणा ही आपके अवचेतन मन के कंप्यूटर को संचालित करने वाला मास्टर प्रोग्राम बन जाती है, फिर यही तय करती हैं, कि आप क्या सोचेंगे, क्या कहेंगे, महसूस करेंगे, और क्या करेंगे। यही वजह है कि आपकी जिंदगी में सारा बदलाव खुद के बारे में धारणा बदलने और अपने बारे में अपनी दुनिया के बारे में सोचने का अंदाज बदलते ही दिखाई देने लगता है, वास्तविकता चाहे जो हो जब आप किसी बात को सही मान लेते हैं, तो वही आपके लिए सच बन जाती हैं। एरिस्टोटल ने लिखा है "जिस किसी भी बात का प्रभाव पड़ता है वही अभिव्यक्ति होती हैं। अगर आपको ऐसे माता-पिता मिले हैं, जिन्होंने आपको लगातार यह बताया है कि आप कितने अच्छे हैं, जो आपसे प्यार करते थे, आप का समर्थन करते थे, और आप में यकीन करते थे, आपने चाहे जो किया या न किया हो, ऐसे में आप इस विश्वास के साथ बड़े होगे, कि आप एक अच्छे और ...