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समय का प्रबंधन आपका मूल्य तय करता है

समय का प्रबंधन दरअसल जीवन का प्रबंधन है, आपकी व्यक्तिगत उत्पादकता को बेहतर बनाने का काम आपके मूल्यों के परीक्षण से शुरू होता है।  मर्फी का नियम कहता है कि कोई चीज़ करने से पहले आपको कोई दूसरी चीज़ करनी पड़ती है। समय का उचित प्रबंधन करना भी तब तक संभव नहीं है, जब तक आपको सटीकता से यही ना मालूम हो कि आपका मूल्य क्या हैं। समय के अच्छे प्रबंधन के लिए आवश्यक है कि आपका घटनाओं के क्रम पर अपना नियंत्रण आपके लिए सबसे ज़्यादा महत्त्वपूर्ण आदर्शों के सामंजस्य में हों। यदि यह आपके लिए महत्त्वपूर्ण नहीं है, तो आप अपने समय का नियंत्रण हासिल करने के लिए कभी प्रेरित और संकल्पवान महसूस नहीं करेंगे। हर इंसान को जीवन में अर्थ और उद्देश्य की गहरी ज़रूरत होती है। व्यक्तिगत तनाव और अप्रसन्नता के मुख्य कारणों में से एक यह भावना है कि आप जो कर रहे हैं, उसका आपके सबसे अंदरूनी मूल्यों और विश्वासों के संदर्भ में कोई अर्थ और उद्देश्य नहीं है। आपको हमेशा यह प्रश्न पूछकर शुरू करना चाहिए, "क्यों?" आप समय प्रबंधन की तकनीकों में ज़्यादा कार्यकुशल बन सकते है लेकिन इससे आपका कोई भला नहीं होगा, अगर आप किसी अर्
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आप खुद के बारे में कैसा सोचते और महसूस करते हैं।

खुद के बारे में कैसा सोचते और महसूस करते हैं, उससे आपके जीवन की गुणवत्ता काफ़ी हद तक तय होती है। आपके व्यक्तित्व का भावनात्मक मूल है आपका आत्म-गौरव, जिसे इस तरह परिभाषित किया जाता है, “ आप खुद को कितना पसंद करते हैं।” आपका आत्म- गौरव काफ़ी हद तक इस बात से तय होता है कि आप अपनी पूरी क्षमता के विकास में अपने जीवन और समय का किस तरह इस्तेमाल करते हैं। आपका आत्म-गौरव तब बढ़ता है, जब आप कुशलता से काम करते हैं और आपका आत्म-गौरव तब कम होता है, जब आप कुशलता से काम नहीं करते हैं। आत्म-गौरव के सिक्के के दूसरे पहलू को 'स्व-प्रभावोत्पादकता' कहा जाता है, जिसका मतलब है कि आप खुद को कितना सक्षम, समर्थ और उत्पादक महसूस करते हैं, आप अपनी समस्याओं को सुलझाने, अपना काम करने और अपने लक्ष्य हासिल करने में कितने योग्य महसूस करते हैं। आप जितने ज़्यादा सक्षम, समर्थ और उत्पादक महसूस करते हैं, आपका आत्म गौरव उतना ही ज़्यादा ऊँचा होता है। आपका आत्म-गौरव जितना ज़्यादा ऊँचा होता है, आप उतने ही ज़्यादा उत्पादक और सक्षम बन जाते हैं। दोनों एक-दूसरे को सहारा और शक्ति देते हैं। जो लोग अपने समय का अच्छा प्रबंधन क

सफलता के सबसे महत्त्वपूर्ण नियम

आप कितनी योग्यता से अपने समय का प्रबंधन करते हैं, यह आपके एक्ज़ीक्यूटिव करियर में आपकी सफलता या असफलता को काफी ज़्यादा तय करता है। समय उपलब्धि का एक अनिवार्य संसाधन है, जिसकी भरपाई नहीं हो सकती। यह आपकी सबसे कीमती संपत्ति है। आप समय को बचाकर नहीं रख सकते, ना ही इसे बर्बाद करने के बाद दोबारा हासिल कर सकते हैं। आप चाहे जो चीज़ करें, हर चीज़ को करने के लिए समय की ज़रूरत होती है। आप अपने समय का जितना बेहतर इस्तेमाल करेंगे, आप उतना ही ज़्यादा हासिल करेंगे और आपको उतने ही बड़े परिणाम मिलेंगे। टाइम मैनेजमेंट आदर्श स्वास्थ्य और व्यक्तिगत सफलता के लिए अनिवार्य है। आप किस हद तक अपने समय और जीवन के नियंत्रण में महसूस करते हैं, यह आपकी मानसिक शांति, सौहार्द और मानसिक स्वास्थ्य के स्तर को तय करने वाला मुख्य घटक है। अपने समय पर ‘नियंत्रण ना रहना' तनाव, चिंता और डिप्रेशन का मुख्य स्रोत है।  आप अपने जीवन की महत्त्वपूर्ण घटनाओं को जितनी अच्छी तरह व्यवस्थित और नियंत्रित कर सकते हैं, आप हर पल उतना ही बेहतर महसूस करेंगे, आपमें उतनी ही ज़्यादा ऊर्जा होगी, आपको उतनी ही अच्छी नींद आएगी और आप उतना ही ज़्

आपके सबसे महत्त्वपूर्ण लक्ष्य कौन से हैं?

समय का प्रबंधन दरअसल जीवन का प्रबंधन है, इसलिए आपकी व्यक्तिगत उत्पादकता को बेहतर बनाने का काम आपके मूल्यों के परीक्षण से शुरू होता है।  मर्फी का एक नियम कहता है कि कोई चीज़ करने से पहले आपको कोई दूसरी चीज़ करनी पड़ती है। समय का उचित प्रबंधन करना भी तब तक संभव नहीं है, जब तक आपको सटीकता से यही ना मालूम हो कि आपके मूल्य क्या हैं। समय के अच्छे प्रबंधन के लिए आवश्यक है कि आप घटनाओं के क्रम पर अपना नियंत्रण आपके लिए सबसे ज़्यादा महत्त्वपूर्ण आदर्शों के सामंजस्य में लाएँ। यदि यह आपके लिए महत्त्वपूर्ण नहीं है, तो आप अपने समय का नियंत्रण हासिल करने के लिए कभी प्रेरित और संकल्पवान महसूस नहीं करेंगे। खुद से पूछें, “मैं जो कर रहा हूँ, क्यों कर रहा हूँ?” आप सुबह क्यों उठते हैं? आप जो नौकरी करते हैं, क्यों करते हैं? आप जहाँ नौकरी करते हैं, वहाँ नौकरी करने का क्या कारण है? हर इंसान को जीवन में अर्थ और उद्देश्य की गहरी ज़रूरत होती है। व्यक्तिगत तनाव और अप्रसन्नता के मुख्य कारणों में से एक यह भावना है कि आप जो कर रहे हैं, उसका आपके सबसे अंदरूनी मूल्यों और विश्वासों के संदर्भ में कोई अर्थ और उद्द

दौलत मनुष्य की सोचने की क्षमता है

एक बार मैंने एक एक्ज़ीक्यूटिव बोर्डरूम में सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक को ऐसी बात कहते सुना, जिसे मैं कभी नहीं भूला सका। उन्होंने कहा था, “मुझे ऐसा लगता है कि सत्यनिष्ठा दरअसल अपने आप में कोई आदर्श नहीं है, बल्कि यह तो बस वह आदर्श है, जो बाक़ी सभी आदर्शों की गारंटी देती है।” जब भी मैं कोई रणनीतिक नियोजन सत्र आयोजित करता हूँ, तो सभी एक्ज़ीक्यूटिव जिस पहले आदर्श पर एकमत होते हैं, वह है सत्यनिष्ठा या ईमानदारी। लीडर जानते हैं कि सत्यनिष्ठा, विश्वास और विश्वसनीयता ही नेतृत्व की बुनियाद हैं। लीडर जिसमें विश्वास करते हैं, उसकी पैरवी के लिए खड़े होते हैं। जॉन हंट्समैन सीनियर एक अरबपति थे, जिन्होंने शून्य से केमिकल कंपनी शुरू की और उसे 12 अरब डॉलर की कंपनी में बदल दिया। उनकी पुस्तक विनर्स नेवर चीट उनके खुद के अनुभव से ली गई कहानियों से भरी हैं, जिसमें उन्होंने अपने सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं किया।  जॉन हट्समैन सीनियर कहते थे कि सत्यनिष्ठा की बदौलत ही वे इतने सफल हुए। वे लिखते हैं, "व्यवसाय या जीवन के खेल में नैतिकता का कोई शॉर्टकट नहीं होता। बुनियादी तौर पर तीन तरह के लोग होते हैं,

नियंत्रण ही खुशी की कुंजी है

लीडर सक्रिय और उत्पादक होते हैं। वे कई घंटों तक कड़ी मेहनत करके दूसरों के सामने मिसाल पेश करते हैं। बहरहाल, सफल लीडर यह भी जानते हैं कि जीवनशैली संबंधी चयन उनकी सफलता पर काफ़ी असर डाल सकते हैं। लीडर खुद की शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक परवाह करते हैं। इससे उन्हें नेतृत्व की चुनौतियों और तनाव के साथ निपटने में मदद मिलती है तथा मानसिक शांति व ऊर्जा भी मिलती है। यहाँ जीवनशैली संबंधी कुछ नियम बताए जा रहे हैं, जिनका पालन सर्वश्रेष्ठ लीडर करते हैं : भरपूर नींद लें। सात-आठ घंटे सोने के बाद आपके पास ज़्यादा ऊर्जा होगी। तब आप ज़्यादा चौकस, सकारात्मक और लचीले होंगे। लीडर के रूप में आपको सारे समय 100 प्रतिशत जागरूक होना होता है। यह नहीं चलेगा कि आप बहुत ज़्यादा थक जाएँ या मानसिक कोहरे में रहें।  अपनी बैटरी को रिचार्ज करते रहें। चुनौती और संकट के दौर ख़ासतौर पर थका सकते हैं, हालाँकि यह अनुपयोगी लग सकता है, लेकिन कई बार कारोबार संबंधी हर चीज़ से दिनभर की छुट्टी लेना ज़रूरी होता है। पूरी तरह कामबंदी करें। संभवतः अपनी बैटरी को रिचार्ज करने का सबसे अच्छा तरीक़ा यह है कि आप 36 घंटों के लिए पूरी तरह से का

उत्कृष्ट श्रोता बनने की कुंजी

लीडर उत्कृष्ट श्रोता होते हैं। किसी लीडर का 50-60 प्रतिशत समय सुनने में लगता है। उत्कृष्ट श्रोता बनने की कुंजी यह है कि सिर्फ़ शब्दों को ही ना सुनें, बल्कि शब्दों के पीछे की बात को भी सुनें। असली संदेश को सुनें और अपना सारा ध्यान बोलने वाले पर केंद्रित करें।  दूसरों के साथ मुलाक़ातों और चर्चाओं में यह करें :  1. ध्यानपूर्वक सुनें। अपने दिमाग़ को साफ़ कर लें और सामने वाला जो कह रहा है, उसी पर ध्यान केंद्रित करें। 'इसकी नकल' की कोशिश ना करें, क्योंकि यह पैंतरा कामयाब नहीं होता है। लोग समझ जाते हैं कि आपका दिमाग़ कहीं और भटक रहा है।  शोधकर्ताओं के अनुसार जब भी कोई बातचीत होती है, तो शब्द किसी संदेश को सिर्फ़ 7 प्रतिशत संप्रेषित कर पाते हैं। आपकी आवाज़ के लहज़े से संदेश 38 प्रतिशत पहुँचता है। संदेश पहुँचाने के मामले में आपकी बॉडी लैंग्वेज सबसे अहम भूमिका निभाती है, क्योंकि यह 55 प्रतिशत संदेश पहुँचाती है।   अपने शरीर को सुनने की मुद्रा में रखें और वक्ता की तरफ़ थोड़ा झुकें। आपकी यह मुद्रा वक्ता को स्पष्ट बता देती है कि आप उसकी बात सुन रहे हैं और उसकी बात बीच में ना काटें। अगर आप