मैंने कई साल पहले ऑस्ट्रेलिया के एक किशोर के साथ काम किया था। यह किशोर डॉक्टर और सर्जन बनना चाहता था, लेकिन उसके पास पैसा नहीं था; न ही उसने हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी की थी। ख़र्च निकालने के लिए वह डॉक्टरों के ऑफिस साफ करता था, खिड़कियाँ धोता था और मरम्मत के छुटपुट काम करता था। उसने मुझे बताया कि हर रात जब वह सोने जाता था, तो वह दीवार पर टंगे डॉक्टर के डिप्लोमा का चित्र देखता था, जिसमें उसका नाम बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा था। वह जहाँ काम करता था, वहाँ वह डिप्लोमाओं को साफ करता और चमकाता था, इसलिए उसे मन में डिप्लोमा की तस्वीर देखना या उसकी कल्पना करना मुश्किल नहीं था। मैं नहीं जानता कि उसने इस तस्वीर को देखना कितने समय तक जारी रखा, लेकिन उसने यह कुछ महीनों तक किया होगा। जब वह लगन से जुटा रहा, तो परिणाम मिले। एक डॉक्टर इस लड़के को बहुत पसंद करने लगा। उस डॉक्टर ने उसे औज़ारों को कीटाणुरहित करने, इंजेक्शन लगाने और प्राथमिक चिकित्सा के दूसरे कामों की कला का प्रशिक्षण दिया। वह किशोर उस डॉक्टर के ऑफिस में तकनीकी सहयोगी बन गया। डॉक्टर ने उसे अपने खर्च पर हाई स्कूल और बाद में कॉलेज भी भेजा। आज
मैं आपका परिचय इस धरती पर आज तक रहने वाले सबसे उत्कृष्ट सामरिक इंसान से करा रहा हूँ। उसका नाम सिकंदर था। एक तरह से देखें, तो सिकंदर शुरुआत में एक बड़े संगठन में कनिष्ठ मैनेजर था और वह तरक्की करते-करते ऊपर पहुँचा। सिकंदर के पिता संगठन के मुखिया थे और वे भी ज़मीनी स्तर से तरक्की करते-करते ऊपर पहुँचे थे। सिकंदर अपने पिता का बहुत बड़ा प्रशंसक था, उसने उनसे बहुत कुछ सीखा और बड़े होते समय उनके मार्गदर्शन में अध्ययन किया। सिकंदर के पास एक बड़ा संगठन बनाने के बड़े सपने और महत्वाकांक्षाएँ थीं, वह अपने पिता के संगठन से बहुत बड़ा संगठन बनाना चाहता था। मैं जिस सिकंदर की बात कर रहा हूँ, वे मैसेडॉन के सिकंदर थे, जो सिकंदर महान के नाम से मशहूर हुए। वे मानव इतिहास के पहले और चंद लोगों में से एक थे, जिन्हें उनके जीवनकाल और बाकी इतिहास में 'महान' कहा गया। जब सिकंदर की उम्र 20 साल थी, तो उनके पिता की हत्या हो गई। सिकंदर तुरंत मैसेडॉन के राजा बन गए। मैसेडोनिया उत्तरी ग्रीस का एक क़बीला था, जो आज का मैसेडोनिया है। वहाँ के लोग कठोर, जाँबाज़ और सैनिक थे। सिकंदर के पिता फिलिप के नेतृत्व में मैसेडोन