समय का प्रबंधन दरअसल जीवन का प्रबंधन है, आपकी व्यक्तिगत उत्पादकता को बेहतर बनाने का काम आपके मूल्यों के परीक्षण से शुरू होता है। मर्फी का नियम कहता है कि कोई चीज़ करने से पहले आपको कोई दूसरी चीज़ करनी पड़ती है। समय का उचित प्रबंधन करना भी तब तक संभव नहीं है, जब तक आपको सटीकता से यही ना मालूम हो कि आपका मूल्य क्या हैं। समय के अच्छे प्रबंधन के लिए आवश्यक है कि आपका घटनाओं के क्रम पर अपना नियंत्रण आपके लिए सबसे ज़्यादा महत्त्वपूर्ण आदर्शों के सामंजस्य में हों। यदि यह आपके लिए महत्त्वपूर्ण नहीं है, तो आप अपने समय का नियंत्रण हासिल करने के लिए कभी प्रेरित और संकल्पवान महसूस नहीं करेंगे। हर इंसान को जीवन में अर्थ और उद्देश्य की गहरी ज़रूरत होती है। व्यक्तिगत तनाव और अप्रसन्नता के मुख्य कारणों में से एक यह भावना है कि आप जो कर रहे हैं, उसका आपके सबसे अंदरूनी मूल्यों और विश्वासों के संदर्भ में कोई अर्थ और उद्देश्य नहीं है। आपको हमेशा यह प्रश्न पूछकर शुरू करना चाहिए, "क्यों?" आप समय प्रबंधन की तकनीकों में ज़्यादा कार्यकुशल बन सकते है लेकिन इससे आपका कोई भला नहीं होगा, अगर आप किसी अर्
किसी भी सफलता को प्राप्त करने के लिए योजना का होना आवश्यक है हमें अपनी योजनाओं को कार्य रूप इस तरीके से देना चाहिए जिनमें इन सवालों का होना आवश्यक है : 1. हम इस वक्त कहां हैं जब हम किसी वक्त के लिए कोई योजना बनाते हैं कि हमें उस योजना को उस समय तक पूर्ण करना है, तो हमें यह पता होना चाहिए कि हम उस योजना को किस प्रकार पूर्ण कर पाएंगे, किसी भी योजना को बिना उद्देश्य के हासिल नहीं किया जा सकता या लक्ष्य के हासिल नहीं किया जा सकता। जब आप किसी योजना पर कार्य करते हैं, तो उस योजना को किसी कागज पर लिखा हुआ होना चाहिए कि आप उस योजना को किस प्रकार पूर्ण कर पाएंगे, और आप उस योजना को किस अवधि तक हासिल कर लेंगे, साथ ही आपको यह पता होना चाहिए कि आप इस वक्त कहां है तभी आप उस योजना को उस समय अवधि तक पूर्ण कर पाने में सक्षम होंगे। 2. हमें भविष्य में आदर्श रूप से कहां होना चाहिए जब आप वर्तमान में किसी योजना को कार्यरूप देते हैं, तो आप उस योजना का समय निर्धारित करते हैं, और उस निर्धारण में आपको किन-किन कार्यों को पूर्ण करते हुए आपको उस योजना को हासिल करना हैं, जिस योजना को आपने वर्तमान में निर्धारित क