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डॉक्टर बनने की चाहत क्या आपको डॉक्टर बना सकती है? जी हा! कैसे

मैंने कई साल पहले ऑस्ट्रेलिया के एक किशोर के साथ काम किया था। यह किशोर डॉक्टर और सर्जन बनना चाहता था, लेकिन उसके पास पैसा नहीं था; न ही उसने हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी की थी। ख़र्च निकालने के लिए वह डॉक्टरों के ऑफिस साफ करता था, खिड़‌कियाँ धोता था और मरम्मत के छुटपुट काम करता था।  उसने मुझे बताया कि हर रात जब वह सोने जाता था, तो वह दीवार पर टंगे डॉक्टर के डिप्लोमा का चित्र देखता था, जिसमें उसका नाम बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा था। वह जहाँ काम करता था, वहाँ वह डिप्लोमाओं को साफ करता और चमकाता था, इसलिए उसे मन में डिप्लोमा की तस्वीर देखना या उसकी कल्पना करना मुश्किल नहीं था। मैं नहीं जानता कि उसने इस तस्वीर को देखना कितने समय तक जारी रखा, लेकिन उसने यह कुछ महीनों तक किया होगा। जब वह लगन से जुटा रहा, तो परिणाम मिले। एक डॉक्टर इस लड़के को बहुत पसंद करने लगा। उस डॉक्टर ने उसे औज़ारों को कीटाणुरहित करने, इंजेक्शन लगाने और प्राथमिक चिकित्सा के दूसरे कामों की कला का प्रशिक्षण दिया। वह किशोर उस डॉक्टर के ऑफिस में तकनीकी सहयोगी बन गया। डॉक्टर ने उसे अपने खर्च पर हाई स्कूल और बाद में कॉलेज भी भेजा। आज

विचारधारा ही जीवन है

जिंदगी में हमेशा वह करो जो आपका मन कहता है अपनी सोच को हमेशा पॉजिटिव रखें आपकी प्रोग्रेस स्वयं आपको रास्ता दिखाएं या आपको रास्ते की ओर अग्रसर करती नजर आएगी। बुरे वातावरण को अपने नजदीक न आने दे, हमेशा लोगों का धन्यवाद करते रहे और सृष्टि को भी धन्यवाद करें ।फिर देखें आपके चारों और का वातावरण धीरे-धीरे आप के अनुरूप ही क्रियाशील होगा जैसे मानो आपने जो सोचा वह हो गया यहीं से आकर्षण का नियम आपके चारों और प्रभावशील होगा। आकर्षण का नियम इतना प्रभाव शील है कि ये 24 घंटे क्रियाशील रहता है और जैसा व्यक्ति सोचता है उसी के अनुरूप उसके साथ, आकर्षण का नियम कार्यशील होता है। अब आपको सोचना है कि आपको अपनी सोच को कैसा विकसित करना है अगर आपकी सोच नेगेटिव होगी तो आपके साथ भी नेगेटिव हो सकता है।  ये मैं नहीं कह रहा हूं आकर्षण का नियम कह रहा है जो आपके चारों और आपकी सोच के अनुरूप वातावरण तैयार होता है या आप तैयार करते हैं उसी का प्रभाव आप पर होता है। व्यक्ति अपनी विचार क्षमता को कितना विस्तृत कर पाता है यह उसकी वैचारिकता पर निर्भर करता है। एक शिक्षक अपनी शिक्षा का स्तर क्लासरूम से वैश्विक स्तर पर ले जाने मे