समय का प्रबंधन दरअसल जीवन का प्रबंधन है, आपकी व्यक्तिगत उत्पादकता को बेहतर बनाने का काम आपके मूल्यों के परीक्षण से शुरू होता है। मर्फी का नियम कहता है कि कोई चीज़ करने से पहले आपको कोई दूसरी चीज़ करनी पड़ती है। समय का उचित प्रबंधन करना भी तब तक संभव नहीं है, जब तक आपको सटीकता से यही ना मालूम हो कि आपका मूल्य क्या हैं। समय के अच्छे प्रबंधन के लिए आवश्यक है कि आपका घटनाओं के क्रम पर अपना नियंत्रण आपके लिए सबसे ज़्यादा महत्त्वपूर्ण आदर्शों के सामंजस्य में हों। यदि यह आपके लिए महत्त्वपूर्ण नहीं है, तो आप अपने समय का नियंत्रण हासिल करने के लिए कभी प्रेरित और संकल्पवान महसूस नहीं करेंगे। हर इंसान को जीवन में अर्थ और उद्देश्य की गहरी ज़रूरत होती है। व्यक्तिगत तनाव और अप्रसन्नता के मुख्य कारणों में से एक यह भावना है कि आप जो कर रहे हैं, उसका आपके सबसे अंदरूनी मूल्यों और विश्वासों के संदर्भ में कोई अर्थ और उद्देश्य नहीं है। आपको हमेशा यह प्रश्न पूछकर शुरू करना चाहिए, "क्यों?" आप समय प्रबंधन की तकनीकों में ज़्यादा कार्यकुशल बन सकते है लेकिन इससे आपका कोई भला नहीं होगा, अगर आप किसी अर्
व्यक्ति का दिमाग एक मशीन है जो ऑटो सिस्टम पर काम करती है जैसा व्यक्ति सोचता है वैसा ही घटित होता है कितना व्यक्ति अपनी सोच को विस्तृत कर पाता है यह उसकी विचार करने की क्षमता पर निर्भर करता है वर्तमान में व्यक्ति किताबी ज्ञान के द्वारा अपने ज्ञान को विस्तृत कर पाता है लेकिन अगर हम आज से 5000 साल पहले की बात करें तो उस वक्त किताबें नहीं थी केवल व्यक्ति के विचार ही थे और विचार करने की उसकी दिमागी क्षमता थी उसकी वैचारिक क्षमता पर ही उसके सोचने समझने की कार्य क्षमता निर्भर करती थी इसका तात्पर्य यह माना जा सकता है कि उसका दिमाग एक मशीन है जो ऑटो बेस पर काम करता है अगर व्यक्ति के शारीरिक बनावट की बात करें तो 5000 साल पहले भी यही बनावट थी और आज भी वही बनावट है इसका मतलब सीधा सा है कि व्यक्ति का अस्तित्व इस पृथ्वी के सिवाय अन्य और भी स्थान पर हैं स्टीफन हॉकिंस ने कई बार इसका जिक्र भी किया है लेकिन उसका प्रमाण आज तक नहीं मिला है प्रमाण नहीं मिलने के और भी कारण हो सकते हैं लेकिन देखा जाए तो व्यक्ति के दिमाग की क्षमता 2% ही मान सकते हैं जब व्यक्ति के दिमाग की क्षमता इतनी कम है तो वह ऐसी चीज का निर