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अपने विचार और मिशन के बारे में सोचें

अपने विचार और मिशन के बारे में सोचें। डेनियल काहनेमन की पुस्तक थिंकिंग, फास्ट एंड स्लो पिछले कुछ वर्षों में लिखी गई सर्वश्रेष्ठ और सबसे ज़्यादा गहन चिंतन वाली पुस्तकों में से एक है। वे बताते हैं कि हमें अपने दैनिक जीवन में जिन बहुत सी स्थितियों का सामना करना पड़ता है, उनसे निपटने के लिए दो अलग-अलग प्रकार की सोच का इस्तेमाल करने की ज़रूरत होती है। तीव्र सोच का इस्तेमाल हम अल्पकालीन कामों, ज़िम्मेदारियों, गतिविधियों, समस्याओं और स्थितियों से निपटने के लिए करते हैं। इसमें हम जल्दी से और सहज बोध से काम करते हैं। ज़्यादातर मामलों में तीव्र सोच हमारी रोज़मर्रा की गतिविधियों के लिए पूरी तरह उचित होती है। दूसरी तरह की सोच का वर्णन काहनेमन धीमी सोच के रूप में करते हैं। इसमें आप पीछे हटते हैं और स्थिति के विवरणों पर सावधानीपूर्वक सोचने में ज़्यादा समय लगाते हैं और इसके बाद ही निर्णय लेते हैं कि आप क्या करेंगे। काहनेमन की ज्ञानवर्धक जानकारी यह है कि आवश्यकता होने पर भी हम धीमी सोच करने में असफल रहते हैं और इसी वजह से हम जीवन में कई ग़लतियाँ कर बैठते हैं। समय के प्रबंधन में उत्कृष्ट बनने और अपने

व्यक्ति का दिमाग एक मशीन है

व्यक्ति का दिमाग एक मशीन है जो ऑटो सिस्टम पर काम करती है जैसा व्यक्ति सोचता है वैसा ही घटित होता है कितना व्यक्ति अपनी सोच को विस्तृत कर पाता है यह उसकी विचार करने की क्षमता पर निर्भर करता है वर्तमान में व्यक्ति किताबी ज्ञान के द्वारा अपने ज्ञान को विस्तृत कर पाता है लेकिन अगर हम आज से 5000 साल पहले की बात करें तो उस वक्त किताबें नहीं थी केवल व्यक्ति के विचार ही थे और विचार करने की उसकी दिमागी क्षमता थी उसकी वैचारिक क्षमता पर ही उसके सोचने समझने की कार्य क्षमता निर्भर करती थी इसका तात्पर्य यह माना जा सकता है कि उसका दिमाग एक मशीन है जो ऑटो बेस पर काम करता है अगर व्यक्ति के शारीरिक बनावट की बात करें तो 5000 साल पहले भी यही बनावट थी और आज भी वही बनावट है इसका मतलब सीधा सा है कि व्यक्ति का अस्तित्व इस पृथ्वी के सिवाय अन्य और भी स्थान पर हैं स्टीफन हॉकिंस ने कई बार इसका जिक्र भी किया है लेकिन उसका प्रमाण आज तक नहीं मिला है प्रमाण नहीं मिलने के और भी कारण हो सकते हैं लेकिन देखा जाए तो व्यक्ति के दिमाग की क्षमता 2% ही मान सकते हैं जब व्यक्ति के दिमाग की क्षमता इतनी कम है तो वह ऐसी चीज का निर्माण क्या कर पाने में सक्षम है जो उसकी स्वयं के अस्तित्व को बनाए रख सकें वर्तमान समय में पृथ्वी पर ऐसा कोई विमान नहीं है जो मानव जाति के अस्तित्व को बचाए रखने में सक्षम हो मानव जाति का अस्तित्व इस पृथ्वी के सिवाय अन्य स्थान पर हैं इसका कोई प्रमाण वर्तमान समय में उपलब्ध नहीं है लेकिन व्यक्ति का दिमाग एक मशीन है जो इसका प्रमाण देता है कि उसके साथ जो घटना घटित नहीं हुई उसका भी उसको एहसास करा जाता है इसका तात्पर्य यह माना जा सकता है इस पृथ्वी के सिवाय इस ब्रह्मांड में या इस ब्रह्मांड के सिवाय अन्य ब्रह्मांड में मानव जाति का अस्तित्व विद्यमान है ऐसा माना जा सकता है लेकिन इसके प्रमाण उपलब्ध नहीं है। लेकिन देखा जाए तो जिस समय इस पृथ्वी का निर्माण हुआ था उस समय अन्य ब्रह्मांड में भी अन्य पृथ्वी का निर्माण हुआ हो और मानव जाति का इतिहास इस पृथ्वी के सिवाय अन्य ब्रह्मांड में समय चक्र के अनुकूल हो। ऐसा प्रमाण आज का मानव वर्तमान समय में जुटाने में असक्षम है।

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