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यात्रा के समय का अधिकतम उपयोग करें

हर सफल व्यक्ति अपने 24 घंटों में ज़्यादा से ज़्यादा उपयोगी काम करना चाहता है। उसकी पूरी दिनचर्या ही समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग पर केंद्रित होती है। माइक मरडॉक ने कहा भी है, 'आपके भविष्य का रहस्य आपकी दिनचर्या में छिपा हुआ है।' यात्रा आपकी दिनचर्या का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। आज हर व्यक्ति बहुत सी यात्राएँ करता है, जिनमें उसका बहुत समय लगता है। फ़र्क़ सिर्फ़ इतना होता है कि जहाँ आम व्यक्ति यात्रा के समय में हाथ पर हाथ धरकर बैठता है, वहीं सफल व्यक्ति अपने बहुमूल्य समय का अधिकतम उपयोग करता है। इसलिए समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग का चौथा सिद्धांत है : यात्रा के समय का अधिकतम उपयोग करें। महात्मा गाँधी यात्रा करते समय नींद लेते थे, ताकि वे तरोताजा हो सकें। नेपोलियन जब सेना के साथ युद्ध करने जाते थे, तो रास्ते में पत्र लिखकर अपने समय का सदुपयोग करते थे। एडिसन अपने समय की बर्बादी को लेकर इतने सचेत थे कि किशोरावस्था में जब वे रेल में यात्रा करते थे, तो अपने प्रयोगों में जुटे रहते थे। माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स यात्रा के दौरान मोबाइल पर ज़रूरी बातें करके इस सिद्धांत पर अमल करते हैं।

व्यक्ति का दिमाग एक मशीन है

व्यक्ति का दिमाग एक मशीन है जो ऑटो सिस्टम पर काम करती है जैसा व्यक्ति सोचता है वैसा ही घटित होता है कितना व्यक्ति अपनी सोच को विस्तृत कर पाता है यह उसकी विचार करने की क्षमता पर निर्भर करता है वर्तमान में व्यक्ति किताबी ज्ञान के द्वारा अपने ज्ञान को विस्तृत कर पाता है लेकिन अगर हम आज से 5000 साल पहले की बात करें तो उस वक्त किताबें नहीं थी केवल व्यक्ति के विचार ही थे और विचार करने की उसकी दिमागी क्षमता थी उसकी वैचारिक क्षमता पर ही उसके सोचने समझने की कार्य क्षमता निर्भर करती थी इसका तात्पर्य यह माना जा सकता है कि उसका दिमाग एक मशीन है जो ऑटो बेस पर काम करता है अगर व्यक्ति के शारीरिक बनावट की बात करें तो 5000 साल पहले भी यही बनावट थी और आज भी वही बनावट है इसका मतलब सीधा सा है कि व्यक्ति का अस्तित्व इस पृथ्वी के सिवाय अन्य और भी स्थान पर हैं स्टीफन हॉकिंस ने कई बार इसका जिक्र भी किया है लेकिन उसका प्रमाण आज तक नहीं मिला है प्रमाण नहीं मिलने के और भी कारण हो सकते हैं लेकिन देखा जाए तो व्यक्ति के दिमाग की क्षमता 2% ही मान सकते हैं जब व्यक्ति के दिमाग की क्षमता इतनी कम है तो वह ऐसी चीज का निर्माण क्या कर पाने में सक्षम है जो उसकी स्वयं के अस्तित्व को बनाए रख सकें वर्तमान समय में पृथ्वी पर ऐसा कोई विमान नहीं है जो मानव जाति के अस्तित्व को बचाए रखने में सक्षम हो मानव जाति का अस्तित्व इस पृथ्वी के सिवाय अन्य स्थान पर हैं इसका कोई प्रमाण वर्तमान समय में उपलब्ध नहीं है लेकिन व्यक्ति का दिमाग एक मशीन है जो इसका प्रमाण देता है कि उसके साथ जो घटना घटित नहीं हुई उसका भी उसको एहसास करा जाता है इसका तात्पर्य यह माना जा सकता है इस पृथ्वी के सिवाय इस ब्रह्मांड में या इस ब्रह्मांड के सिवाय अन्य ब्रह्मांड में मानव जाति का अस्तित्व विद्यमान है ऐसा माना जा सकता है लेकिन इसके प्रमाण उपलब्ध नहीं है। लेकिन देखा जाए तो जिस समय इस पृथ्वी का निर्माण हुआ था उस समय अन्य ब्रह्मांड में भी अन्य पृथ्वी का निर्माण हुआ हो और मानव जाति का इतिहास इस पृथ्वी के सिवाय अन्य ब्रह्मांड में समय चक्र के अनुकूल हो। ऐसा प्रमाण आज का मानव वर्तमान समय में जुटाने में असक्षम है।

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