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कैलिफोर्निया में एक टीचर को हर साल पाँच-छह हजार डॉलर का वेतन मिलता था। उसने एक दुकान में एक सुंदर सफेद अर्मीन कोट देखा, जिसका भाव 8,000 डॉलर था। उसने कहा, "इतना पैसा बचाने में तो मुझे कई साल लग जाएँगे। मैं इसका ख़र्च कभी नहीं उठा सकती। ओह, मैं इसे कितना चाहती हूँ!" इन नकारात्मक अवधारणाओं से विवाह करना छोड़कर उसने सीखा कि वह अपना मनचाहा कोट, कार या कोई भी दूसरी चीज़ हासिल कर सकती है और इसके लिए उसे संसार में किसी को चोट पहुँचाने की ज़रूरत नहीं है। मैंने उससे यह कल्पना करने को कहा कि उसने कोट पहन रखा है। कि कल्पना में वह इसका सुंदर फर छुए, महसूस करे और इसे सचमुच पहनने की भावना जगाए। वह रात को सोने से पहले अपनी कल्पना की शक्ति का इस्तेमाल करने लगी। उसने अपनी कल्पना में वह कोट पहना, उसे सहलाया, उस पर हाथ फेरा, जिस तरह कि कोई बच्ची अपनी गुड़िया के साथ करती है। वह ऐसा हर रात करती रही और आख़िरकार उसे इस सबका रोमांच महसूस हो गया। वह हर रात यह काल्पनिक कोट पहनकर सोने गई और इसे हासिल करने पर वह बहुत खुश थी। तीन महीने गुज़र गए, लेकिन कुछ नहीं हुआ। वह डगमगाने वाली थी, लेकिन उसने खुद को य...

हिटलर का जर्मनी के प्रति इतना लगाव क्यू

हिटलर का जन्म जर्मन ऑस्ट्रिया के एक छोटे से कस्बे "ब्राउनाउ आन द इन" में हुआ, हिटलर की विचारधारा थी कि जर्मन ऑस्ट्रिया हमारी मातृभूमि महान जर्मनी को वापस मिलना ही चाहिए, यदि इस पूर्ण गठन से देशवासियों को आर्थिक हानि भी उठानी पड़े तो भी मैं चाहूंगा कि यह पूर्ण गठन अवश्य ही होना चाहिए, क्योंकि एक ही खून के लोगों का एक ही राइख अर्थात साम्राज्य में होना जरूरी है। इस छोटे से कस्बे में मेरे माता-पिता निवास करते थे, यह कस्बा खून से तो बवेरिया था, परंतु ऑस्ट्रिया राज्य के नियंत्रण में था, मेरे पिता एक असैनिक कर्मचारी थे, मेरी माता घर की देखभाल करती थी, कुछ ही वर्षों के बाद मेरे पिता को यह सीमावर्ती कस्बा इसलिए छोड़ना पड़ा, क्योंकि उन्हें इस घाटी में स्थित पसाऊ में नया पद ग्रहण करना पड़ा था। पसाऊ में कुछ देर टिकने के बाद मेरे पिता को भी लिंज भेज दिया गया, जहां वह अनंत: सेवानिवृत्त होकर थोड़ी सी पेंशन पर रहने लगे, वास्तव में मेरे पिता एक गरीब और झोपड़ी में रहने वाले के पुत्र थे, उन्होंने निराश होकर बचपन में ही घर छोड़ दिया था, अनुभवी गांव वासियों के लाख समझाने पर भी वे नहीं माने, और कि...