समय का प्रबंधन दरअसल जीवन का प्रबंधन है, आपकी व्यक्तिगत उत्पादकता को बेहतर बनाने का काम आपके मूल्यों के परीक्षण से शुरू होता है। मर्फी का नियम कहता है कि कोई चीज़ करने से पहले आपको कोई दूसरी चीज़ करनी पड़ती है। समय का उचित प्रबंधन करना भी तब तक संभव नहीं है, जब तक आपको सटीकता से यही ना मालूम हो कि आपका मूल्य क्या हैं। समय के अच्छे प्रबंधन के लिए आवश्यक है कि आपका घटनाओं के क्रम पर अपना नियंत्रण आपके लिए सबसे ज़्यादा महत्त्वपूर्ण आदर्शों के सामंजस्य में हों। यदि यह आपके लिए महत्त्वपूर्ण नहीं है, तो आप अपने समय का नियंत्रण हासिल करने के लिए कभी प्रेरित और संकल्पवान महसूस नहीं करेंगे। हर इंसान को जीवन में अर्थ और उद्देश्य की गहरी ज़रूरत होती है। व्यक्तिगत तनाव और अप्रसन्नता के मुख्य कारणों में से एक यह भावना है कि आप जो कर रहे हैं, उसका आपके सबसे अंदरूनी मूल्यों और विश्वासों के संदर्भ में कोई अर्थ और उद्देश्य नहीं है। आपको हमेशा यह प्रश्न पूछकर शुरू करना चाहिए, "क्यों?" आप समय प्रबंधन की तकनीकों में ज़्यादा कार्यकुशल बन सकते है लेकिन इससे आपका कोई भला नहीं होगा, अगर आप किसी अर्
आप कल्पना करें कि आप किसी देश की लंबी यात्रा पर जाने वाले हैं, इसके लिए आपको सबसे पहले तो अपनी मंजिल चुननी होगी, फिर आपको नक्शा लाकर वहां पहुंचने का सबसे अच्छा तरीका खोजना होगा, हर दिन सफर शुरू करने से पहले आप नक्शे में अपनी स्थिति को देखेंगे कि आप कहां हैं, और शाम तक कहां पहुंचना चाहते हैं, जिंदगी भी काफी हद तक ऐसी ही होती है। एक बार जब आप अपने जीवन मूल्यों, भविष्य दृष्टि, मिशन, उद्देश्य और लक्ष्य तय कर लेते हैं, तो आपका अगला कदम होता है, अपने शुरुआती बिंदु का विश्लेषण करना, जिंदगी के हर महत्वपूर्ण क्षेत्र में आज आप ठीक ठीक कहां है, और कैसा कर रहे हैं, खास तौर पर आपके लक्ष्यों के संदर्भ में है। अर्ल नाइटिंगेल के अनुसार "आप आज जहां है और भविष्य में जिन लक्ष्यों तक पहुंचने का इरादा रखते हैं उनके बीच एक खाई है, और आपकी समस्या है इस पर पुल बनाना।" अगर आप ज्यादा पैसा कमाना चाहते हैं, तो आपका पहला कदम यह होगा, कि आप प्रति हर घंटे की आमदनी दर इस तरह निकाल सकते हैं, अपनी सालाना आमदनी को 2000 से विभाजित कर ले, क्योंकि आप हर साल लगभग 2000 घंटे ही काम करते हैं, इससे भी बेहतर यह होगा, क