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डॉक्टर बनने की चाहत क्या आपको डॉक्टर बना सकती है? जी हा! कैसे

मैंने कई साल पहले ऑस्ट्रेलिया के एक किशोर के साथ काम किया था। यह किशोर डॉक्टर और सर्जन बनना चाहता था, लेकिन उसके पास पैसा नहीं था; न ही उसने हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी की थी। ख़र्च निकालने के लिए वह डॉक्टरों के ऑफिस साफ करता था, खिड़‌कियाँ धोता था और मरम्मत के छुटपुट काम करता था।  उसने मुझे बताया कि हर रात जब वह सोने जाता था, तो वह दीवार पर टंगे डॉक्टर के डिप्लोमा का चित्र देखता था, जिसमें उसका नाम बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा था। वह जहाँ काम करता था, वहाँ वह डिप्लोमाओं को साफ करता और चमकाता था, इसलिए उसे मन में डिप्लोमा की तस्वीर देखना या उसकी कल्पना करना मुश्किल नहीं था। मैं नहीं जानता कि उसने इस तस्वीर को देखना कितने समय तक जारी रखा, लेकिन उसने यह कुछ महीनों तक किया होगा। जब वह लगन से जुटा रहा, तो परिणाम मिले। एक डॉक्टर इस लड़के को बहुत पसंद करने लगा। उस डॉक्टर ने उसे औज़ारों को कीटाणुरहित करने, इंजेक्शन लगाने और प्राथमिक चिकित्सा के दूसरे कामों की कला का प्रशिक्षण दिया। वह किशोर उस डॉक्टर के ऑफिस में तकनीकी सहयोगी बन गया। डॉक्टर ने उसे अपने खर्च पर हाई स्कूल और बाद में कॉलेज भी भेजा। आज

संवाद की योग्यता

लीडर संवाद या संप्रेषण में बहुत माहिर होते हैं। संवाद की योग्यता नेतृत्व का मूल गुण है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि लीडर के रूप में आपकी 85 प्रतिशत सफलता दूसरों के साथ प्रभावी संवाद करने की आपकी योग्यता से तय होती है। लीडर बनने का मतलब ही दूसरों से व्यवहार करना है, उनकी सफलता ही आपकी सफलता है। अगर आप संवाद नहीं कर सकते, तो आप लीडर नहीं बन सकते।

 संवाद की योग्यता एक ऐसी योग्यता है, जो सीखी जा सकती है। पहला क़दम तो उन पाँच लक्ष्यों को समझना है, जिन्हें आप अपने संवाद के ज़रिये हासिल करना चाहते हैं :

 1. आप चाहते हैं कि लोग आपको पसंद करें और आपका सम्मान करें। नेतृत्व मित्र बनाने के बारे में नहीं है, लेकिन अगर लोग आपको पसंद करते हैं और आपका सम्मान करते हैं, तो वे आपकी बात सुनने के लिए ज़्यादा तैयार होंगे। आपको जो कहना है, वे उसे सुनना चाहेंगे।

 2. आप चाहते हैं कि लोग आपके महत्त्व व मूल्य को मान्यता
दें। एक बार फिर लक्ष्य यह है कि लोगों के पास आपकी बात सुनने का कारण हो

 3. आप चाहते हैं कि लोग आपके दृष्टिकोण को स्वीकार करें। आजकल नेतृत्व का मतलब आदेश देना कम और अपनी बात मनवाना ज़्यादा होता है। आपको इस कला में माहिर होना चाहिए कि दूसरे लोग आपके दृष्टिकोण को समझें और उससे सहमत हो जाएँ।

 4. आप चाहते हैं कि लोग अपनी मानसिकता बदल लें और आपके साथ सहयोग करें। आप सफल लीडर नहीं बन सकते, अगर आपके पास ऐसे लोग हों, जो आपके खिलाफ़ हों या जो अपने पुराने दृष्टिकोण और राय को बदलने से इनकार कर दें। लीडर अक्सर परिवर्तन के कारक होते हैं और प्रभावी संवाद ही परिवर्तन की कुंजी है।

 5. आप अपने संबंधों में कुल मिलाकर ज़्यादा प्रभावी बनना चाहते हैं। नेतृत्व शक्ति और प्रभाव के बारे में है। और शक्ति तथा प्रभाव प्रभावी संवाद के ज़रिये सबसे अच्छी तरह हासिल होते हैं।

 लीडर अपने विचार, अपनी रणनीतियाँ और अपने स्वप्न पूरी स्पष्टता से बताते हैं। हर सफल कंपनी में सभी स्तर के कर्मचारी पूरी स्पष्टता से जानते हैं कि वे क्या हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं, वे कहाँ जा रहे हैं और उनका भविष्य क्या है। वे स्पष्टता से जानते हैं कि उनकी शक्तियाँ और कमज़ोरियाँ क्या हैं।

यदि आप महान लीडर बनना चाहते हैं, तो दूसरे लोगों के सामने अपने विचार, दृष्टिकोण और लक्ष्य स्पष्टता से व्यक्त करना सीखें। और यह सुनिश्चित करें कि आप जिन लोगों से मदद की अपेक्षा करते हैं, ये भी स्पष्टता से यह जान लें कि उनसे किस योगदान की अपेक्षा की जाती है।

 आजकल ऑफ़िसों में कर्मचारियों की सबसे बड़ी शिकायत यह रहती है कि ये यह जानते ही नहीं हैं कि उनसे क्या अपेक्षा की जाती है। अचरज की बात है कि इतने सारे कर्मचारियों को वेतन दिया जाता है, उनसे संगठन के लक्ष्य हासिल करने में योगदान देने की अपेक्षा की जाती है, लेकिन उन्हें यह पक्का पता ही नहीं होता कि उन्हें क्या करना चाहिए। 

जो लोग स्पष्टता से यह नहीं समझ पाते हैं कि उनसे क्या करने की उम्मीद की जाती है, वे नकारात्मक और आलोचनात्मक बन जाते हैं, राजनीति में उलझ जाते हैं, अप्रेरित हो जाते हैं और संगठन की सफलता में अपना अधिकतम योगदान नहीं दे पाते हैं।

आज की कार्यशक्ति में हममें से प्रत्येक को यह जानने की ज़रूरत है कि हम कोई नौकरी क्यों कर रहे हैं। हमारे लिए यह बताया जाना ही काफी नहीं होता कि हमें क्या काम करना है, हम कारण भी जानना चाहते हैं। हम यह भी जानना चाहते हैं कि वह काम हमें किस तरह प्रभावित करता है। 

नीत्शे ने लिखा था, "कोई भी इंसान किसी भी क्या को झेल सकता है, बशर्ते उसके पास पर्याप्त बड़ा क्यों हो।"

इतने वर्षों में मैंने यह जाना है कि कारण बताए बिना किसी से अपने पत्र लिखने या टाइप करने को नहीं कहता हूँ। आप लोगों को कारण जितने ज्यादा बताते हैं, वे अपने काम के प्रति उतने ही ज़्यादा प्रोत्साहित, समर्पित, निष्ठावान और वफादार बन जाते हैं। दूसरी ओर, वे कारणों के बारे में जितना कम जानते हैं, उनसे ही ज्यादा उदासीन हो जाते हैं। आप सिर्फ़ कारण बताकर ही दूसरों की संभावनाओं या क्षमता को उजागर कर सकते हैं। ज़रूरी नहीं है कि कारण अच्छा हो, लेकिन उन्हें बस कारण जानने की ज़रूरत होती है।

 संवाद का सबसे अच्छा तरीक़ा आमने-सामने की चर्चा होती है। अगर आप महान सेनापतियों और दूसरे महान लीडर्स पर नज़र डालें, तो आप पाएँगे कि वे हमेशा मैदान में रहते थे। आप प्रबंधन की सीढ़ी पर जितने ऊपर जाते हैं, उतने ही ज़्यादा समय आपको मैदान में जाकर लोगों के साथ सचमुच बात करने की ज़रूरत होती है।

 एमबीडब्ल्यूए इसका मतलब है घूमते हुए प्रबंधन करना, यानी आप ऑफ़िस से बाहर निकलते हैं, चारों तरफ़ टहलते हैं और लोग जो काम कर रहे हैं, उसके बारे में उनसे बात करते हैं। लोगों की नज़रों के सामने रहें और मिलनसार दिखें, ताकि लोग आपके पास आकर आपको उनकी समस्याएँ बताएँ और अपने विभाग के हाल-चाल भी बताएँ। 

अपने ऑफिस में कई घंटे, कई दिन या कई सप्ताह. बैठने से आपको इतनी त्वरित और तीव्र जानकारी नहीं मिल सकती, जो अपने स्टाफ़ और ग्राहकों के बीच घूमने से मिल सकती है। सबसे अच्छे लीडर लगभग 50 प्रतिशत समय ऑफ़िस से बाहर घूमते हैं, लोगों की निगाह में रहते हैं और मिलनसार अंदाज़ में दूसरों से बातचीत करने के लिए उपलब्ध रहते हैं।

लोगों के बीच दिखाई देना ग्राहकों से संवाद करने और जानकारी लेने में खासतौर पर महत्त्वपूर्ण होता है। लीडर को ग्राहकों के साथ बातचीत में अपना कम से कम 25 प्रतिशत समय देना चाहिए डेस्क के पीछे बैठकर संख्याओं आँकड़ों को देखने में नहीं, बल्कि सचमुच मैदान में उतरकर ग्राहकों की सेवा करने में।

संवाद के बारे में एक अंतिम बात : लीडर कम दबाव डालने वाले उत्कृष्ट सेल्सपीपुल होते हैं। लीडर हमेशा बेचते रहते हैं। वे अपने संगठन, स्वप्न, लक्ष्यों तथा कारणों का प्रचार करते हैं और दूसरों का दृष्टिकोण बदलते हैं। वे लोगों को इस बात के लिए राज़ी करते हैं कि वे ज़्यादा घंटे काम करें, ज़्यादा मेहनत से काम करें, ज़्यादा मूल्यवान योगदान दें, एक साथ मिलकर काम करें और ज़्यादा ज़िम्मेदारी लें। सभी महान लीडर बेचने में माहिर होते हैं। बेचने की योग्यता के अलावा लीडर सौदेबाज़ी में भी निपुण होते हैं और समझौते कर सकते हैं। उनमें जीत के समाधान खोजने की क्षमता होती है। 

नेतृत्व का अहम हिस्सा यह है कि लीडर विभिन्न दृष्टिकोणों, विभिन्न आवश्यकताओं और विभिन्न नज़रियों वाले लोगों के साथ काम करता है, उनके दृष्टिकोणों को इस तरह एकरूप कर देता है, ताकि वे सभी संगठन के लक्ष्य हासिल करने के लिए सहयोगी अंदाज़ में मिलकर काम करें।

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