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जो चाहे उसे पाएं!

कैलिफोर्निया में एक टीचर को हर साल पाँच-छह हजार डॉलर का वेतन मिलता था। उसने एक दुकान में एक सुंदर सफेद अर्मीन कोट देखा, जिसका भाव 8,000 डॉलर था। उसने कहा, "इतना पैसा बचाने में तो मुझे कई साल लग जाएँगे। मैं इसका ख़र्च कभी नहीं उठा सकती। ओह, मैं इसे कितना चाहती हूँ!" इन नकारात्मक अवधारणाओं से विवाह करना छोड़कर उसने सीखा कि वह अपना मनचाहा कोट, कार या कोई भी दूसरी चीज़ हासिल कर सकती है और इसके लिए उसे संसार में किसी को चोट पहुँचाने की ज़रूरत नहीं है। मैंने उससे यह कल्पना करने को कहा कि उसने कोट पहन रखा है। कि कल्पना में वह इसका सुंदर फर छुए, महसूस करे और इसे सचमुच पहनने की भावना जगाए। वह रात को सोने से पहले अपनी कल्पना की शक्ति का इस्तेमाल करने लगी। उसने अपनी कल्पना में वह कोट पहना, उसे सहलाया, उस पर हाथ फेरा, जिस तरह कि कोई बच्ची अपनी गुड़िया के साथ करती है। वह ऐसा हर रात करती रही और आख़िरकार उसे इस सबका रोमांच महसूस हो गया। वह हर रात यह काल्पनिक कोट पहनकर सोने गई और इसे हासिल करने पर वह बहुत खुश थी। तीन महीने गुज़र गए, लेकिन कुछ नहीं हुआ। वह डगमगाने वाली थी, लेकिन उसने खुद को य...

पैसा महत्त्वपूर्ण तो है, परंतु वह साधन है, साध्य नहीं है कैसे? जॉन डी. रॉकफेलर

जॉन डी. रॉकफेलर स्टैंडर्ड ऑयल कंपनी के संस्थापक और प्रख्यात अमेरिकी उद्योगपति बहुत कम शिक्षित थे। सोलह वर्ष की उम्र में वे बुककीपर का काम करने लगे। उनके मन में बिज़नेस करने का सपना था, इसलिये उन्होंने 23 वर्ष की उम्र में ऑयल बिज़नेस के क्षेत्र में क़दम रखा। अपनी बुद्धि से प्रतियोगियों को परास्त करते हुए रॉकफेलर अमेरिका की 90 प्रतिशत ऑयल रिफाइनरीज के मालिक बन गये। अमीर बनने के लिये रॉकफेलर दिन-रात काम में जुटे रहते थे। अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति, जुझारू प्रवृत्ति, लगन तथा प्रतियोगी स्वभाव की वजह से वे अमेरिका के ऑयल किंग बनने में सफल हो पाये। वे चौबीसों घंटे काम के बारे में ही सोचते रहते थे। मौज-मस्ती या मनोरंजन में वे ज़रा भी वक़्त बर्बाद नहीं करते थे। वे कभी थियेटर नहीं जाते थे, ताश नहीं खेलते थे, पार्टी में नहीं जाते थे। उनके लिये काम ही सब कुछ था। एकनिष्ठता से अपने लक्ष्य का पीछा करने की वजह से ही वे बिलियनेअर बनने में सफल हुए। चिंता, तनाव व दबाव की जीवनशैली का उनके शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ा। वे बीमार पड़ गये। डॉक्टरों ने उनसे स्पष्ट कह दिया कि या तो वे रिटायर हो जायें या फिर मरने की तैया...

यात्रा के समय का अधिकतम उपयोग करें

हर सफल व्यक्ति अपने 24 घंटों में ज़्यादा से ज़्यादा उपयोगी काम करना चाहता है। उसकी पूरी दिनचर्या ही समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग पर केंद्रित होती है। माइक मरडॉक ने कहा भी है, 'आपके भविष्य का रहस्य आपकी दिनचर्या में छिपा हुआ है।' यात्रा आपकी दिनचर्या का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। आज हर व्यक्ति बहुत सी यात्राएँ करता है, जिनमें उसका बहुत समय लगता है। फ़र्क़ सिर्फ़ इतना होता है कि जहाँ आम व्यक्ति यात्रा के समय में हाथ पर हाथ धरकर बैठता है, वहीं सफल व्यक्ति अपने बहुमूल्य समय का अधिकतम उपयोग करता है। इसलिए समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग का चौथा सिद्धांत है : यात्रा के समय का अधिकतम उपयोग करें। महात्मा गाँधी यात्रा करते समय नींद लेते थे, ताकि वे तरोताजा हो सकें। नेपोलियन जब सेना के साथ युद्ध करने जाते थे, तो रास्ते में पत्र लिखकर अपने समय का सदुपयोग करते थे। एडिसन अपने समय की बर्बादी को लेकर इतने सचेत थे कि किशोरावस्था में जब वे रेल में यात्रा करते थे, तो अपने प्रयोगों में जुटे रहते थे। माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स यात्रा के दौरान मोबाइल पर ज़रूरी बातें करके इस सिद्धांत पर अमल करते हैं। ...

कौन सा काम महत्वपूर्ण है,अनिवार्य है या सामान्य है कैसे पहचाने?

अक्सर हमारी दिनचर्या इस तरह की होती है कि हमारे सामने जो काम आता है, हम उसे करने लग जाते हैं और इस वजह से हमारा सारा समय छोटे-छोटे कामों को निबटाने में ही चला जाता है। हमारे महत्वपूर्ण काम सिर्फ़ इसलिए नहीं हो पाते, क्योंकि हम महत्वहीन कामों में उलझे रहते हैं। महत्वाकांक्षी व्यक्ति को इस बारे में सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि सफलता पाने के लिए यह आवश्यक है कि महत्वपूर्ण काम पहले किए जाएँ। हमेशा याद रखें कि सफलता महत्वहीन नहीं, बल्कि महत्वपूर्ण कामों से मिलती है, इसलिए अपनी प्राथमिकताएँ स्पष्ट रखें और अपना समय महत्वहीन कामों में न गँवाएँ। इसलिए समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग का तीसरा सिद्धांत है : सबसे महत्वपूर्ण काम सबसे पहले करें। समय के संबंध में अपनी प्राथमिकताएँ तय करने का एक उदाहरण देखें। 'एक मशहूर संगीतज्ञ जब वायलिन बजाना सीख रही थीं, तो उन्होंने पाया कि उनकी प्रगति संतोषजनक नहीं है। कारण खोजने पर उन्हें पता चला कि संगीत का अभ्यास करने से पहले घर साफ़ करने, सामान व्यवस्थित करने, खाना पकाने आदि कार्यों में उनका बहुत समय लग जाता है, इसलिए उन्हें वायलिन के अभ्यास के लिए कम समय मिल पाता ह...

आर्थिक लक्ष्य बनाएं

अगर आपका कोई लक्ष्य ही नहीं है, तो आपकी सफलता असंदिग्ध है। अगर आप यही नहीं जानते कि आप कहाँ पहुँचना चाहते हैं, तो आप कहीं नहीं पहुँच सकते। जैसे, किसी यात्रा पर जाने से पहले आपको यह पता होना चाहिए कि आप कहाँ जाना चाहते हैं, उसी तरह आपको यह भी पता होना चाहिए कि आर्थिक क्षेत्र में आप कहाँ पहुँचना चाहते हैं। तभी आप वहाँ तक पहुँच सकते हैं। यदि आपकी कोई मंज़िल ही नहीं है, तो आप वहाँ तक पहुँचने की योजना कैसे बनाएँगे और उस दिशा में कैसे चलेंगे? अगर आप जीवन में कुछ करना चाहते हैं, तो यह जान लें कि लक्ष्य के बिना काम नहीं चलेगा। लक्ष्य दो तरह के होते हैं : सामान्य लक्ष्य और निश्चित लक्ष्य। सामान्य लक्ष्य इस प्रकार के होते हैं, 'मैं और ज़्यादा मेहनत करूँगा,' 'मैं अपनी कार्यकुशलता बढ़ाऊँगा,' 'मैं अपनी योग्यता में वृद्धि करूँगा' इत्यादि। दूसरी ओर, स्पष्ट लक्ष्य इस प्रकार के होते हैं, 'मैं हर दिन 8 घंटे काम करूँगा,' या 'मैं हर महीने 20,000 रुपए कमाऊँगा,' या 'मैं सॉफ्टवेयर डिज़ाइनिंग का कोर्स करूँगा।' स्पष्ट लक्ष्य वे होते हैं, जिन्हें नापा या जाँचा जा ...

समय की लॉग बुक रखें।

जिस तरह आप पैसों का बजट बनाते हैं, उसी तरह समय का भी बजट बनाएँ। बजट बनाने के लिए आपको यह हिसाब लगाना होता है कि आपका पैसा कहाँ खर्च हो रहा है। समय के मामले में भी यही नीति अपनाएँ। एक डायरी लें और एक सप्ताह तक यह रिकॉर्ड रखें कि आप किस काम में कितना समय ख़र्च कर रहे हैं। ड्राइवरों की भाषा में इसे लॉग बुक कहा जाता है, जिसमें वे लिखते हैं कि गाड़ी कितने किलोमीटर चली और कहाँ तक चली। समय की अपनी लॉग बुक में आप जितना बारीक हिसाब रखेंगे, आपको उतना ही ज़्यादा फ़ायदा होगा। और हाँ, लॉग बुक के पहले कॉलम में गतिविधि के बजाय घंटे लिखें, ताकि कोई महत्वपूर्ण अंतराल न छूट पाए : सुबह 6-6:30 उठना, चाय बनाना, नित्य कर्म सुबह 6:30-7 पड़ोसी से बातचीत करना, अखबार पढ़ना सुबह 7-7:30 टी.वी. न्यूज़ देखना सुबह 7:30-8 नहाना और पूजा-पाठ करना सुबह 8-9 नाश्ता, तैयार होना सुबह 9-शाम 6 ऑफिस जाना शाम 6-7 आराम करना, टी.वी. देखना शाम 7-9 दोस्तों की पार्टी, कार्यक्रम या समारोह में जाना रात 9-10 टी.वी. देखना रात 10-सुबह 6 सोना दिन भर में मोबाइल फोन पर बातचीत :45 मिनट आप चाहें, तो लॉग बुक बनाने का काम कंप्यूटर में एक्सेल शी...