धम्मपदं : दुखों से मुक्ति और सुख शांति के जीवन का मार्ग : महाकारुणिक तथागत बुद्ध के उपदेशों का यह 'धम्मपद' अनमोल, अमृत वचन है। मानव जीवन का परम उद्देश्य होता है दुखों से मुक्ति और सुख शांति को पाना। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए यह ग्रंथ परिपूर्ण है। 'धम्मपद' 'धम्म' का सरल अर्थ है सदाचार अर्थात 'सज्जनों' द्वारा जीवन में धारण करने, पालन करने योग्य कर्तव्य। और 'पद' शब्द का अर्थ यहां 'मार्ग' माना गया है। इस प्रकार 'धम्मपद' का अर्थ होगा- धम्म यानी सदाचार (Morality) का मार्ग। ग्रंथ में 'पद' शब्द का एक दूसरा अर्थ भी माना गया है। वह अर्थ है, किसी का कथन, वचन, शिक्षा, उपदेश या वाणी। इस ग्रंथ में 'धम्मपद' का सरल अर्थ है- भगवान बुद्ध के शील सदाचार सम्बंधी उपदेश, वचन या वाणी। इस प्रकार 'धम्मपद' का अर्थ है- धम्म वचन या धम्मवाणी या धम्म देशना। आज से 2600 साल पहले भगवान बुद्ध ने, बुद्धत्व प्राप्ति के बाद 45 साल तक मध्य देश की आम बोलचाल की भाषा में 'बहुजन हिताय बहुजन सुखाय लोकानुकम्पाय' का जो संदेश और उपदेश दिय...
जॉन डी. रॉकफेलर स्टैंडर्ड ऑयल कंपनी के संस्थापक और प्रख्यात अमेरिकी उद्योगपति बहुत कम शिक्षित थे। सोलह वर्ष की उम्र में वे बुककीपर का काम करने लगे। उनके मन में बिज़नेस करने का सपना था, इसलिये उन्होंने 23 वर्ष की उम्र में ऑयल बिज़नेस के क्षेत्र में क़दम रखा। अपनी बुद्धि से प्रतियोगियों को परास्त करते हुए रॉकफेलर अमेरिका की 90 प्रतिशत ऑयल रिफाइनरीज के मालिक बन गये। अमीर बनने के लिये रॉकफेलर दिन-रात काम में जुटे रहते थे। अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति, जुझारू प्रवृत्ति, लगन तथा प्रतियोगी स्वभाव की वजह से वे अमेरिका के ऑयल किंग बनने में सफल हो पाये।
वे चौबीसों घंटे काम के बारे में ही सोचते रहते थे। मौज-मस्ती या मनोरंजन में वे ज़रा भी वक़्त बर्बाद नहीं करते थे। वे कभी थियेटर नहीं जाते थे, ताश नहीं खेलते थे, पार्टी में नहीं जाते थे। उनके लिये काम ही सब कुछ था। एकनिष्ठता से अपने लक्ष्य का पीछा करने की वजह से ही वे बिलियनेअर बनने में सफल हुए। चिंता, तनाव व दबाव की जीवनशैली का उनके शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ा। वे बीमार पड़ गये। डॉक्टरों ने उनसे स्पष्ट कह दिया कि या तो वे रिटायर हो जायें या फिर मरने की तैयारी कर लें।
मौत के इतने क़रीब आने के बाद रॉकफेलर को यह समझ में आया कि पैसा महत्त्वपूर्ण तो है, परंतु वह साधन है, साध्य नहीं है। उन्होंने चिकित्सा तथा शिक्षा के विकास के लिये लगभग 55 करोड़ डॉलर दान में दिये और रॉकफेलर फ़ाउंडेशन की स्थापना की, जो उनके मरने के बाद भी दुनिया भर में बीमारी और अज्ञान से लड़ रहा है।
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