मन सभी धर्मों, कर्मों, प्रवृतियों का अगुआ है। सभी कर्मों (धर्मों) में मन पूर्वगामी है। मन ही प्रधान है, प्रमुख है, सभी धर्म (चैत्तसिक अवस्थाएं) पहले मन में ही पैदा होती हैं। मन सभी मानसिक प्रवृतियों में श्रेष्ठ है, स्वामी है। सभी कर्म मनोमय है। मन सभी मानसिक प्रवृतियों का नेतृत्व करता है क्योंकि सभी मन से ही पैदा होती है। जब कोई व्यक्ति अशुद्ध मन से, मन को मैला करके, बुरे विचार पैदा करके वचन बोलता है या शरीर से कोई पाप कर्म (बुरे कर्म) करता है, तो दुख उसके पीछे-पीछे वैसे ही हो लेता है जैसे बैलगाड़ी खींचने वाले बैलों के पैरों के पीछे-पीछे चक्का (पहिया) चलता है। मन सभी प्रवृतियों, भावनाओं का पुरोगामी है यानी आगे-आगे चलने वाला है। सभी मानसिक क्रियाकलाप मन से ही उत्पन्न होते हैं। मन श्रेष्ठ है, मनोमय है। मन की चेतना ही हमारे सुख-दुख का कारण होती है। हम जो भी फल भुगतते हैं, परिणाम प्राप्त करते हैं। वह मन का ही परिणाम है। कोई भी फल या परिणाम हमारे विचार या मन पर निर्भर है। जब हम अपने मन, वाणी और कमों को शुद्ध करेंगे तभी दुखों से मुक्ति मिल सकती है। मन हमारी सभी प्रकार की भावनाओं, प्रव...
लीडर्स में भविष्यदृष्टि और लक्ष्य का अहसास होता है, जो लक्ष्य हासिल करने के लिए लोगों को ऊपर उठाता है तथा प्रेरित करता है। वास्तव में, हममें से हर एक के मन में यह इच्छा होती है कि हम ख़ुद से बड़ी किसी चीज़ के प्रति समर्पित हो जाएँ ।
लीडर्स प्रोत्साहन, प्रेरणा और उत्साह फूँककर हमारे भीतर की इस इच्छा का दोहन करते हैं। नतीजा यह होता है कि हम उस लक्ष्य को हासिल करने के लिए समर्पित हो जाते हैं।
लीडर के रूप में आपके पास रोमांचित और प्रेरित करने वाला लक्ष्य होना चाहिए। लोगों को रोमांचित और प्रेरित करने वाले लक्ष्य हमेशा गुणवत्ता वाले लक्ष्य होते हैं। जब हम सर्वश्रेष्ठ बनने के बारे में प्रेरित और रोमांचित हो जाते हैं। हम किसी प्रतिस्पर्धी क्षेत्र में भारी सफलता हासिल करने के बारे में प्रेरित और रोमांचित हो जाते हैं।
लीडर के रूप में आपके पास खुद के लिए जो सबसे महत्त्वपूर्ण स्वप्न हो सकता है, वह है सर्वश्रेष्ठ बनने का स्वप्न। और यही स्वप्न आपके व्यवसाय या आपके संगठन पर भी लागू होता है। आप जो भी करते हैं, आपका लक्ष्य उसमें सर्वश्रेष्ठ बनना है, खुद के लिए या अपनी कंपनी के लिए आप इससे कम कोई भी चीज़ स्वीकार नहीं करेंगे।
एक बार जब आप उस विशेषता को पहचान लें, तो अपने कर्मचारियों और मैनेजरों की सारी ऊर्जाएँ तथा सृजनात्मकता उस क्षेत्र में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने पर केंद्रित कर लें।
हमें सर्वश्रेष्ठ बनने की ज़रूरत है। जब तक आप अपने क्षेत्र के सर्वश्रेष्ठ लोगों की पंक्ति में खड़े नहीं हो जाते हैं और अपनी क्षमता के अनुरूप सर्वश्रेष्ठ काम नहीं करते हैं, तब तक आप बेहतरीन या उतना अच्छा महसूस नहीं करेंगे, जितना आप कर सकते हैं। तब तक आपको यह भी नहीं लगेगा कि आप असाधारण प्रदर्शन करने में सक्षम हैं।
लक्ष्य के प्रति समर्पित होने से आपके काम को अर्थ और उद्देश्य मिलता है। इंसान को अर्थ और उद्देश्य की उतनी ही ज़रूरत होती है, जितनी भोजन, हवा और पानी की होती है। हमें महत्त्व के अहसास की ज़रूरत होती है। और हमें याद दिलाते हैं कि हम जो कर रहे हैं, वह रोज़मर्रा के काम से बहुत ज़्यादा महत्त्वपूर्ण है। लीडर हमें महसूस कराते हैं कि हम लक्ष्य हासिल करने वाली टीम का अखंड हिस्सा है।
लोगों को महत्त्वपूर्ण महसूस कराने के चार तरीके हैं :
1.धन्यवाद देना। सामने वाले के किसी काम की गुणवत्ता के लिए धन्यवाद दें। जब भी आप लोगों को धन्यवाद देते हैं, तो वे हर बार खुद को ज़्यादा मूल्यवान व महत्त्वपूर्ण महसूस करेंगे। आप उनमें जो विश्वास दिखा रहे हैं, उसे तर्कसंगत साबित करने के लिए वे ज्यादा प्रोत्साहित हो जाएँगे।
2.अनुमोदन दिखाना। हर अवसर पर, हर उपलब्धि पर, चाहे वह बड़ी हो या छोटी, लोगों की प्रशंसा करें। लोग प्रशंसा को भावनात्मक अंदाज़ में लेते हैं। उनका आत्म-गौरव और स्व-मूल्य बढ़ जाता है, लेकिन तुरंत और विशिष्ट प्रशंसा करना महत्त्वपूर्ण है, ताकि लोगों को यह पता चल जाए कि यह सच्ची है।
3.प्रशंसा करना। लोगों की लगातार तारीफ करते रहें, चाहे यह लगन जैसे गुणों के लिए हो, पोशाक जैसी भौतिक वस्तुओं के लिए हो या उनकी उपलब्धियों के लिए हो ।
4.ध्यान देना। अगर आप लोगों को लगातार नज़रअंदाज़ करते हैं, तो वे संगठन के लक्ष्यों के प्रति समर्पित नहीं होंगे। ध्यान देने का मतलब है लोगों की बात अच्छी तरह सुने, ग़ौर करें, उनके सुझावों पर अमल करना या उनकी कही बात से सहमत होना ज़रूरी नहीं है, बस उन्हें अपनी बात रखने का मौका दें।
किसी भी कारोबारी लीडर के लिए सबसे बढ़कर होता है। बुनियादी उद्देश्य, ग्राहक हासिल करना और उनकी सेवा करना ।
आईबीएम सिर्फ़ अपने ग्राहकों के बारे में ही सोचती और बात करती है। कंपनियों में अपने ग्राहकों के प्रति जुनून बढ़ता जा रहा है। जब कंपनी का हर व्यक्ति इस बात पर सहमत हो जाता है कि ग्राहक कौन है और कंपनी का उद्देश्य उसे सर्वश्रेष्ठ संभव तरीके से संतुष्ट करना है, तो हर एक से इस दिशा में प्रयास कराना ज़्यादा आसान हो जाता है।
किसी कंपनी का नेतृत्व कितना अच्छा है। उस कंपनी में जाकर देखें सुनें कि वहाँ के कर्मचारी ग्राहकों के बारे में कैसे बातें करते हैं। अच्छी कंपनी में ग्राहकों के बारे में हमेशा सम्मान से बातें होती हैं। उनका ज़िक्र हमेशा गर्व के साथ किया जाता है, मानों वे सचमुच महत्त्वपूर्ण हैं।
अगर आप व्यवसाय के क्षेत्र में किसी कंपनी या किसी विभाग के लीडर बनने जा रहे हैं, आपको बैठकर सोचना होगा कि उस कारोबार या विभाग का सबसे महत्त्वपूर्ण उद्देश्य या लक्ष्य क्या होना चाहिए।
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