अपने विचार और मिशन के बारे में सोचें। डेनियल काहनेमन की पुस्तक थिंकिंग, फास्ट एंड स्लो पिछले कुछ वर्षों में लिखी गई सर्वश्रेष्ठ और सबसे ज़्यादा गहन चिंतन वाली पुस्तकों में से एक है। वे बताते हैं कि हमें अपने दैनिक जीवन में जिन बहुत सी स्थितियों का सामना करना पड़ता है, उनसे निपटने के लिए दो अलग-अलग प्रकार की सोच का इस्तेमाल करने की ज़रूरत होती है। तीव्र सोच का इस्तेमाल हम अल्पकालीन कामों, ज़िम्मेदारियों, गतिविधियों, समस्याओं और स्थितियों से निपटने के लिए करते हैं। इसमें हम जल्दी से और सहज बोध से काम करते हैं। ज़्यादातर मामलों में तीव्र सोच हमारी रोज़मर्रा की गतिविधियों के लिए पूरी तरह उचित होती है। दूसरी तरह की सोच का वर्णन काहनेमन धीमी सोच के रूप में करते हैं। इसमें आप पीछे हटते हैं और स्थिति के विवरणों पर सावधानीपूर्वक सोचने में ज़्यादा समय लगाते हैं और इसके बाद ही निर्णय लेते हैं कि आप क्या करेंगे। काहनेमन की ज्ञानवर्धक जानकारी यह है कि आवश्यकता होने पर भी हम धीमी सोच करने में असफल रहते हैं और इसी वजह से हम जीवन में कई ग़लतियाँ कर बैठते हैं। समय के प्रबंधन में उत्कृष्ट बनने और अपने
हर किस्म की दौलत अपने कस्टमर को अन्य लोगों से बेहतर सेवा और संतोष देकर ही हासिल की जा सकती है। दौलत दरअसल किसी भी काम को ऐसे बेहतर तरीके से करने का ही परिणाम है जो कोई और न कर सके।
अपने काम में आपको हर रोज़, हर सप्ताह ऐसे तरीके खोजते रहना चाहिए जो कि आपके काम को निखारें और आपको अन्य लोगों की तुलना में ज़्यादा मूल्यवान बनाएँ। पूरे कैरियर में, आपका मुख्य मक़सद लगातार अपने बॉस, अपने साथियों, अपने कस्टमर, अपने सप्लायर और हर उस व्यक्ति को बेहतर सेवा देना होना चाहिए, जिन पर आपकी कामयाबी निर्भर है।
पूरी दुनिया में पिछले कुछ सालों में काम के लिहाज से सोच में जो बड़ा बदलाव आया है वह यह है कि आपको हर रोज अपनी काबिलियत को साबित करना होता है। आज हर कोई जानना चाहता है कि वर्तमान समय में आपने क्या उपलब्धि हासिल की है।
आज की काम की दुनिया में केवल दो ही बातों की क़द्र होती है। एक है वक़्त और दूसरा ज्ञान। आज, वक़्त आधुनिक कारोबार की मुख्य मुद्रा है। हर किसी को किसी भी काम को और कम समय में करने का फ़ॉर्मूला खोजना है। आधुनिक प्रबंधन में सबसे ज़्यादा एहमियत उन्हीं बड़े सुधारों को दी जाती है जो कि किसी भी काम को करने का वक़्त कम करते हों ।
जब कभी भी संभव हो, काम को वर्तमान में ही करने की आदत डाल लें, यानी कि जो काम जब आए तो उसे तत्काल कर डालें।
काम को तत्काल करने की आदत आपको एक ही दिन में ढेर सारे काम करने में काफ़ी मददगार साबित होगी। इसके साथ ही आपकी ख्याति एक ऐसे व्यक्ति के तौर पर हो जाएगी कि जब जल्दी हो तो इस व्यक्ति से काम कराना चाहिए।
एड फोरमैन कहते हैं, “अच्छी आदतों को अपनाना कठिन होता है, लेकिन वे जीवन को आसान बना देती हैं। दूसरी ओर, ख़राब आदतें अपनाने में आसान होती हैं लेकिन वे जीवन को कठिन बना देती हैं।"
कामयाब लोग वो होते हैं जो कि कामयाब आदतों को विकसित कर लेते हैं। कामयाबी पाने के लिए एक ख़ास आदत है, जल्दी उठना।
कामयाब लोग कुछ जल्दी उठ जाते हैं, पढ़कर खुद को तैयार करते हैं, योजना बनाते हैं और काग़ज़ पर उसे दर्ज करके खुद को आने वाले दिन के लिए तैयार करते हैं।
थॉमस जेफरसन कहा करते थे, “सूरज कभी मुझे बिस्तर में नहीं पकड़ पाया। "
कामयाब लोग जल्दी उठने की आदत सी डाल लेते हैं, संभवतया छह या साढ़े छह बजे तक, कई बार इससे भी पहले, और फिर तत्काल काम आरंभ कर देते हैं। इससे उनके दिन भर के काम को ज़ोरदार आग़ाज़ मिल जाता है।
तय समय से पंद्रह मिनट पहले, काम पर सबसे पहले पहुंच जाएं और जैसे ही आप वहां पहुंचे तत्काल काम में जुट जाएं। एक ऐसे व्यक्ति के तौर पर ख्याति हासिल कर ले, जो कि हर वक्त काम और महत्वपूर्ण काम में ही जुटा होता है।
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जब आप अपनी सोच को बदलते हैं तो आप अपनी जिंदगी को भी बदल देते हैं।