अपने विचार और मिशन के बारे में सोचें। डेनियल काहनेमन की पुस्तक थिंकिंग, फास्ट एंड स्लो पिछले कुछ वर्षों में लिखी गई सर्वश्रेष्ठ और सबसे ज़्यादा गहन चिंतन वाली पुस्तकों में से एक है। वे बताते हैं कि हमें अपने दैनिक जीवन में जिन बहुत सी स्थितियों का सामना करना पड़ता है, उनसे निपटने के लिए दो अलग-अलग प्रकार की सोच का इस्तेमाल करने की ज़रूरत होती है। तीव्र सोच का इस्तेमाल हम अल्पकालीन कामों, ज़िम्मेदारियों, गतिविधियों, समस्याओं और स्थितियों से निपटने के लिए करते हैं। इसमें हम जल्दी से और सहज बोध से काम करते हैं। ज़्यादातर मामलों में तीव्र सोच हमारी रोज़मर्रा की गतिविधियों के लिए पूरी तरह उचित होती है। दूसरी तरह की सोच का वर्णन काहनेमन धीमी सोच के रूप में करते हैं। इसमें आप पीछे हटते हैं और स्थिति के विवरणों पर सावधानीपूर्वक सोचने में ज़्यादा समय लगाते हैं और इसके बाद ही निर्णय लेते हैं कि आप क्या करेंगे। काहनेमन की ज्ञानवर्धक जानकारी यह है कि आवश्यकता होने पर भी हम धीमी सोच करने में असफल रहते हैं और इसी वजह से हम जीवन में कई ग़लतियाँ कर बैठते हैं। समय के प्रबंधन में उत्कृष्ट बनने और अपने
कामयाबी पाने के लिए एक ख़ास आदत है, जल्दी उठना । कामयाब लोग कुछ जल्दी उठ जाते हैं, पढ़कर खुद को तैयार करते हैं, योजना बनाते हैं और काग़ज़ पर उसे दर्ज करके खुद को आने वाले दिन के लिए तैयार करते हैं।
थॉमस जेफरसन कहा करते थे, “सूरज कभी मुझे बिस्तर में नहीं पकड़ पाया।"
कामयाब लोग जल्दी उठने की आदत सी डाल लेते हैं, संभवतया छह या साढ़े छह बजे तक, कई बार इससे भी पहले, और फिर तत्काल काम आरंभ कर देते हैं। इससे उनके दिन भर के काम को ज़ोरदार आगाज़ मिल जाता है।
जैसे ही आपका अलार्म बजे, तत्काल उठिए और सीधे काम में जुट जाइए। काम आरंभ कर दीजिए। जल्दी उठने की आदत डालिए और सबसे पहले महत्वपूर्ण काम को निपटा दीजिए। यह आदत आपको कामयाबी दिलाने वाली सभी आदतों में सबसे महत्वपूर्ण साबित होगी ।
एक ऐसे व्यक्ति के तौर पर ख्याति हासिल कर ले, जो कि हर वक्त काम और महत्वपूर्ण काम में ही जुटा होता है। काम पर एक घंटे पहले आने का फैसला करें, रिसर्च से यह साबित हो गया है कि अगर आपके काम में कोई बाधा नहीं हो तो आप तीन घंटे का काम केवल एक घंटे में कर सकते हैं, लंच के वक्त भी काम करें, हर किसी के चले जाने के बाद भी एक घंटे काम करें।
एक घंटे पहले शुरुआत करके, लंच में भी काम करके और सबके जाने के बाद एक घंटे काम से आप अपने काम करने के घंटों को दूसरों से ज़्यादा कर लेंगे। इसके अलावा जब आप काम पर ध्यान केंद्रित करके ज्यादा महत्व के कामों को प्राथमिकता के आधार पर करने लगेंगे तो आप अपनी आम क्षमता से दोगुना काम कर लेंगे। आप जल्द ही अपने संस्थान के सबसे बेशक़ीमती लोगों में से एक हो जाएँगे।
मेरा एक दोस्त, जो कि अपने क्षेत्र में शीर्ष पर है, ने पाया कि कंपनी के बड़े फ़ैसले लेने वाले लोगों से मुलाक़ात के लिए सुबह सात से साढ़े सात बजे के बीच या फिर शाम को छह से सात बजे के बीच का समय सही होता है। उसने पाया कि इस वक़्त या तो पूरा स्टाफ़ आया नहीं होता या फिर काम करके घर जा चुका होता है। केवल वही लोग काम पर होते हैं जो कि महत्वपूर्ण हैं।
वे ख़ुद फ़ोन उठाते हैं और ऐसे में आपको उनसे सीधी बातचीत का मौक़ा मिल सकता है और आप उनसे बाद में मुलाक़ात के लिए वक्त तय कर सकते हैं। हर क्षेत्र के कामयाब लोग आपको हर वक्त जल्दी में ही दिखेंगे।
रसेल कॉनवेल ने अपनी प्रसिद्ध कहानी, एकर्स ऑफ़ डायमंड्स में इसका ज़िक्र किया है। इसमें कहा गया है कि अधिकांश मामलों में मौक़े आपके क़दमों तले ही होते हैं। वे ठीक वहीं हैं, जहाँ आप हैं। वे आपकी वर्तमान प्रतिभा, कौशल, क़ाबिलियत और अनुभव की पहुँच में ही हैं। वे आपके अपने कारोबार या उद्योग में मौजूद हैं। वे आपकी अपनी पृष्ठभूमि या कैरियर में ही मौजूद हैं। आपकी हीरों की कई एकड़ की खदान आपके बहुत ही पास है और आपको इसे खोजने की शुरुआत वहीं से करनी चाहिए।
थियोडोर रूज़वेल्ट ने एक बार कहा था, “जो कर सकते हो करो, उन संसाधनों के साथ जो तुम्हारे पास हैं और ठीक वहीं पर जहाँ तुम हो।"यह कामयाबी की कुँजी है।"
वर्तमान पल और ताज़ा परिस्थिति पर ध्यान केंद्रित करें। चीज़ों के पूरी तरह से सही होने का इंतज़ार न करें। वह आप ही हैं जो चीज़ों को ठीक करेंगे। अपने काम को पूरे वक़्त दिल से करके आप संभावनाओं के उन दरवाज़ों को खोल देते हैं, जो अब तक आपको दिखाई नहीं दे रहे थे।
इसी वक्त खुद से यह सवाल करें, मैं अपने काम को बेहतर बनाकर कैसे अपने से जुड़े महत्वपूर्ण लोगों के काम आ सकता हूँ।
प्रतिक्रियावादी बनने की बजाय क्रियाशील बनें। ऐसे व्यक्ति बने, जो कि आगे बढ़कर मौके को छीन लेते हैं, और अगर आपको मौके नहीं मिलते, तो अपने निजी प्रयासों से उनको तैयार करें।
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जब आप अपनी सोच को बदलते हैं तो आप अपनी जिंदगी को भी बदल देते हैं।