अपने विचार और मिशन के बारे में सोचें। डेनियल काहनेमन की पुस्तक थिंकिंग, फास्ट एंड स्लो पिछले कुछ वर्षों में लिखी गई सर्वश्रेष्ठ और सबसे ज़्यादा गहन चिंतन वाली पुस्तकों में से एक है। वे बताते हैं कि हमें अपने दैनिक जीवन में जिन बहुत सी स्थितियों का सामना करना पड़ता है, उनसे निपटने के लिए दो अलग-अलग प्रकार की सोच का इस्तेमाल करने की ज़रूरत होती है। तीव्र सोच का इस्तेमाल हम अल्पकालीन कामों, ज़िम्मेदारियों, गतिविधियों, समस्याओं और स्थितियों से निपटने के लिए करते हैं। इसमें हम जल्दी से और सहज बोध से काम करते हैं। ज़्यादातर मामलों में तीव्र सोच हमारी रोज़मर्रा की गतिविधियों के लिए पूरी तरह उचित होती है। दूसरी तरह की सोच का वर्णन काहनेमन धीमी सोच के रूप में करते हैं। इसमें आप पीछे हटते हैं और स्थिति के विवरणों पर सावधानीपूर्वक सोचने में ज़्यादा समय लगाते हैं और इसके बाद ही निर्णय लेते हैं कि आप क्या करेंगे। काहनेमन की ज्ञानवर्धक जानकारी यह है कि आवश्यकता होने पर भी हम धीमी सोच करने में असफल रहते हैं और इसी वजह से हम जीवन में कई ग़लतियाँ कर बैठते हैं। समय के प्रबंधन में उत्कृष्ट बनने और अपने
आज अमेरिका में हर बीस परिवारों में से एक लखपति हैं, इसका मतलब है कि अमेरिका में किसी के लखपति बनने की संभावना बीस में से एक की है, यानी कि पांच फीसदी, इसका मतलब यह भी है कि अगर लक्ष्य लखपति बनने का है, तो उसे हासिल नहीं कर पाने की संभावना भी पंचानवे फीसदी हैं।
अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए जरूरी बातों को ज्यादा से ज्यादा करके आर्थिक स्वावलंबन के अपने लक्ष्य को हासिल करने की संभावनाओं को बढ़ाने का होना चाहिए, अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए आप जितने ज्यादा अलग-अलग प्रयास करेंगे, उतनी ही इस बात की संभावना भी बढ़ेगी कि आप सही वक्त पर सही कदम उठाएंगे।
अगर आपने अपने लिए स्पष्ट, लिखित लक्ष्य, विस्तृत योजना बना रखी है, और आप अपनी आय को बढ़ाने के लिए जरूरी कौशल को भी हासिल करते हैं, तो अपने लिए एक बेहतर जिंदगी जीने की संभावनाओं को बढ़ा रहे हैं।
अगर आप पैसे और निवेश के बारे में जानते हैं, तो हर माह अपनी कमाई का दस से बीस फ़ीसदी अलग से रखिए, अपने खर्च पर अंकुश लगाए, और अपनी आर्थिक जिंदगी के बारे में लंबे वक्त की योजना बनाएं, अंततः आप लखपति बन जाएंगे, यह किस्मत का खेल नहीं है, यह तो केवल संभावनाओं की बात है।
कल्पना कीजिए कि आप डार्ट के एक गैर अनुभवी खिलाड़ी हैं, और आप एक अंधेरे कमरे में एक डार्टबोर्ड से कुछ दूरी पर खड़े हैं, अगर आप डार्टबोर्ड की और पर्याप्त संख्या में डार्ट फेंके, तो कुछ डार्ट तो डार्टबोर्ड में लग ही सकते हैं, और अगर आप डार्ट फेंकने का यह सिलसिला जारी रखें तो आखिरकार आपका निशाना बेहतर होने लगेगा।
संभावना के नियम के चलते आखिरकार आपका एक निशाना तो ठीक डार्टबोर्ड के बीचो-बीच बुल्स आई पर लगेगा, यह घटना इस बात को साफ कर देता है कि ऊंची आकांक्षाओ और संकल्प के साथ शुरुआत करने वाले आखिरकार कामयाब होते हैं, वे बस प्रयास करते रहते हैं और संभावनाओं के नियम के सहारे आखिरकार कामयाब हो जाते हैं, इसमें भाग्य की कोई भूमिका नहीं है, निरंतर सफल और असफल प्रयासों से वे अपना भाग्य खुद निर्धारित करते हैं।
कल्पना कीजिए कि आप डार्ट के एक मंझे हुए खिलाड़ी हैं, और आप हर रोज और बेहतर बनने के लिए प्रयास कर रहे हैं, आपका दिमाग पूरी तरह से साफ है, और पूरी तरह से तैयार है, कमरे में भरपूर रोशनी हैं, और आप डार्टबोर्ड से सही दूरी पर खड़े हैं।
ऐसी परिस्थितियों में, जो कि पूरी तरह से आपके नियंत्रण में है, आपको बिल्कुल सटीक निशाना लगाने में तुलनात्मक तौर पर काफी कम वक्त लगेगा, और हां जब आपका निशाना सटीक बैठेगा, तो हर कोई आपको बताएगा कि आप कितने भाग्यशाली हैं, लेकिन आपने खुद अपना भाग्य निर्धारित किया है।
पूरी जिंदगी में, आपको हर वक्त हर क्षेत्र की उन बातों के बारे में सोचते रहना चाहिए, जो आप कर सकते हैं, ताकि उनको हासिल करने की आपकी संभावनाओं में इजाफा हो, आपको कोई भी बात केवल भाग्य के भरोसे नहीं छोड़नी चाहिए, आपको अपने से जुड़ी परिस्थितियों पर नियंत्रण स्थापित करना चाहिए, यह आपकी जिम्मेदारी है।
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जब आप अपनी सोच को बदलते हैं तो आप अपनी जिंदगी को भी बदल देते हैं।