अपने विचार और मिशन के बारे में सोचें। डेनियल काहनेमन की पुस्तक थिंकिंग, फास्ट एंड स्लो पिछले कुछ वर्षों में लिखी गई सर्वश्रेष्ठ और सबसे ज़्यादा गहन चिंतन वाली पुस्तकों में से एक है। वे बताते हैं कि हमें अपने दैनिक जीवन में जिन बहुत सी स्थितियों का सामना करना पड़ता है, उनसे निपटने के लिए दो अलग-अलग प्रकार की सोच का इस्तेमाल करने की ज़रूरत होती है। तीव्र सोच का इस्तेमाल हम अल्पकालीन कामों, ज़िम्मेदारियों, गतिविधियों, समस्याओं और स्थितियों से निपटने के लिए करते हैं। इसमें हम जल्दी से और सहज बोध से काम करते हैं। ज़्यादातर मामलों में तीव्र सोच हमारी रोज़मर्रा की गतिविधियों के लिए पूरी तरह उचित होती है। दूसरी तरह की सोच का वर्णन काहनेमन धीमी सोच के रूप में करते हैं। इसमें आप पीछे हटते हैं और स्थिति के विवरणों पर सावधानीपूर्वक सोचने में ज़्यादा समय लगाते हैं और इसके बाद ही निर्णय लेते हैं कि आप क्या करेंगे। काहनेमन की ज्ञानवर्धक जानकारी यह है कि आवश्यकता होने पर भी हम धीमी सोच करने में असफल रहते हैं और इसी वजह से हम जीवन में कई ग़लतियाँ कर बैठते हैं। समय के प्रबंधन में उत्कृष्ट बनने और अपने
जनरल इलेक्ट्रिक कंपनी के पूर्व अध्यक्ष, जेक वेल्श को कारोबार की दुनिया के सबसे बेहतरीन अधिकारियों में से एक माना जाता रहा है, उनका कहना था कि नेतृत्व के लिए सबसे महत्वपूर्ण इकलौता गुण, उनके शब्दों में "वास्तविकता का सिद्धांत" है, वास्तविकता के इस सिद्धांत अनुसार, आपको दुनिया से उसी तरह से व्यवहार करना होगा, जैसी कि वह है, न कि जैसी कि आप चाहते हैं।
आपको अपने और हालात के प्रति पूरी तरह से ईमानदार होना चाहिए, आपको दिनदहाड़े सपने देखना छोड़ देना चाहिए, और केवल इसलिए हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठे रहना चाहिए, कि आप कुछ करें या न करें, सब कुछ अपने आप हो जाएगा, खासतौर पर जब बात निजी संपत्ति बनाने की हो तो आपको खुद के प्रति ईमानदार होना चाहिए।
अगर आप वाकई धनवान बनना चाहते हैं, तो आप अपने दिमाग के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकते, आप ऐसी ख्वाहिश, उम्मीद या दुआ नहीं कर सकते कि आप कोई लॉटरी जीतकर या किसी तरह किस्मत के सहारे या किसी बाहरी चमत्कार से धनवान बन जाएंगे।
कामयाबी हासिल करने में किस्मत की क्या भूमिका है, मैंने किस्मत की सोच का बरसों से अध्ययन किया है, मेरा निष्कर्ष यह है कि किस्मत शब्द का इस्तेमाल लोग तब करते हैं, जब कोई बात उनकी उम्मीद से बेहतर हो जाती है, अगर कोई व्यक्ति कम उम्र में ही आर्थिक सफलता हासिल कर लेता है, तो लोग उसे महज भाग्यशाली करार दे देते हैं।
कुछ लोग किस्मत शब्द का इस्तेमाल किसी सामान्य से प्रयास के अच्छे परिणाम के लिए करते हैं, लेकिन यह किसी भी लिहाज से किस्मत के कारण नहीं है, हकीकत यह है कि यह सभी भाग्यशाली परिणाम संभावना की ही वजह से हैं, किस्मत जैसी कोई बात नहीं होती, संभावना के सिद्धांत के मुताबिक किसी भी बात के होने की संभावना होती हैं, यह संभावनाएं अधिकांशतया सटीकता के साथ व्यक्त की जा सकती हैं।
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जब आप अपनी सोच को बदलते हैं तो आप अपनी जिंदगी को भी बदल देते हैं।