अपने विचार और मिशन के बारे में सोचें। डेनियल काहनेमन की पुस्तक थिंकिंग, फास्ट एंड स्लो पिछले कुछ वर्षों में लिखी गई सर्वश्रेष्ठ और सबसे ज़्यादा गहन चिंतन वाली पुस्तकों में से एक है। वे बताते हैं कि हमें अपने दैनिक जीवन में जिन बहुत सी स्थितियों का सामना करना पड़ता है, उनसे निपटने के लिए दो अलग-अलग प्रकार की सोच का इस्तेमाल करने की ज़रूरत होती है। तीव्र सोच का इस्तेमाल हम अल्पकालीन कामों, ज़िम्मेदारियों, गतिविधियों, समस्याओं और स्थितियों से निपटने के लिए करते हैं। इसमें हम जल्दी से और सहज बोध से काम करते हैं। ज़्यादातर मामलों में तीव्र सोच हमारी रोज़मर्रा की गतिविधियों के लिए पूरी तरह उचित होती है। दूसरी तरह की सोच का वर्णन काहनेमन धीमी सोच के रूप में करते हैं। इसमें आप पीछे हटते हैं और स्थिति के विवरणों पर सावधानीपूर्वक सोचने में ज़्यादा समय लगाते हैं और इसके बाद ही निर्णय लेते हैं कि आप क्या करेंगे। काहनेमन की ज्ञानवर्धक जानकारी यह है कि आवश्यकता होने पर भी हम धीमी सोच करने में असफल रहते हैं और इसी वजह से हम जीवन में कई ग़लतियाँ कर बैठते हैं। समय के प्रबंधन में उत्कृष्ट बनने और अपने
अगर पैसा कमाना ही आपका लक्ष्य है, तो ध्यान रखिए कि आज जितने भी रईस हैं, सब ने शुरुआत बिना पैसे के की थी और कई तो कर्ज में डूब गए थे, आज जितने भी लोग शीर्ष पर हैं, वे कभी सबसे नीचे थे, तकरीबन हर वो शख्स जो कि आज सबसे आगे दिख रहा है, कभी सबसे पीछे था, आज का लगभग हर अमीर व्यक्ति कभी गरीब था।
अमेरिका के पचास लाख से ज्यादा लखपतियों में से अधिकांश तो अपने दम पर लखपति बने, यानी कि उन्होंने खाली हाथ शुरुआत की, और अपने लक्ष्य को हासिल किया, हमारी इस दुनिया में आज अपने दम पर अरबपति और खरबपति बनने वाले लोगों की संख्या तीन सौ से भी ज्यादा है।
इनमें से अधिकांश की शुरुआत बहुत कम पैसे या बिना पैसे के ही हुई थी, अपनी सोच को बदलकर उन्होंने अपने भीतर छिपी संभावनाओं का इस्तेमाल करते हुए, असाधारण वित्तीय सफलताएं हासिल की, और हर वो बात जो कि दूसरों ने की है, निश्चित ही आप भी कर सकते हैं। आपका लक्ष्य क्या है ?
चार्ल्स मरे के अनुसार, जब तक आप किसी काम के प्रति पूरी तरह से समर्पित नहीं है, आप में हिचकिचाहट रहेगी, पीछे हटने की और हमेशा अप्रभावी होने की आशंका रहेगी, जहां तक पहल करने और सृजन करने की बात है, तो एक आधारभूत सच है, जिसकी उपेक्षा अनगिनत विचारों और शानदार योजनाओं को खत्म कर देती हैं, और वह सच है जैसे ही कोई व्यक्ति किसी काम के प्रति समर्पित हो जाता है, उसकी बुद्धिमता में भी इजाफा होता है।
अगर आपको सफलता मिलना तय हो तो आप अपना सबसे बड़ा लक्ष्य क्या रखेंगे।
सपनों की सूची बनाएं, हर उस बात को उसमें लिख दे, जो कि जिंदगी में किसी दिन पाना या बनना चाहेंगे, जैसे कि आपकी कोई भी सीमा ही नहीं है।
अपनी आदर्श जिंदगी की कल्पना करें, अगर आप आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर हो, और आप किसी भी तरह कहीं पर भी आराम से जी सकते हो तो आप क्या बदलाव चाहेंगे।
अगले साल हासिल करने के लिए दस लक्ष्यों की सची बनाएं,
उस सूची से फिर एक ऐसा लक्ष्य चुने, जो कि अगर आपको अभी मिल जाए, तो यह आपकी जिंदगी पर बहुत ज्यादा प्रभाव डालेगा।
अपने सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्य को एक अलग कागज पर लिखे, खुद को इसे पाने लायक बनाएं, और उसे हासिल करने की समय सीमा तय करें।
इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक लिखित योजना बनाएं, हर उस बात की एक सूची बनाएं, जो कि आपको अपने द्वारा तय लक्ष्य को हासिल करने के लिए लगेगी।
अपनी योजनाओं पर तत्काल अमल शुरू कर दें, एक बार आपने शुरुआत कर दी, कि फिर खुद को ऐसे अनुशासित करें, कि आप हर रोज जो कुछ भी करें, वो आपके लक्ष्य की दिशा में ही एक कदम होना चाहिए, जब तक लक्ष्य न मिल जाए, एक भी दिन को बेकार न जाने दे।
क्लॉक एम ब्रिस्टल ने कहा था कि "तमाम दौलत, तमाम कामयाबी, तमाम भौतिक सुखों, सभी महान खोजों और सभी उपलब्धियों का मूल विचार ही है।"
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जब आप अपनी सोच को बदलते हैं तो आप अपनी जिंदगी को भी बदल देते हैं।