अपने विचार और मिशन के बारे में सोचें। डेनियल काहनेमन की पुस्तक थिंकिंग, फास्ट एंड स्लो पिछले कुछ वर्षों में लिखी गई सर्वश्रेष्ठ और सबसे ज़्यादा गहन चिंतन वाली पुस्तकों में से एक है। वे बताते हैं कि हमें अपने दैनिक जीवन में जिन बहुत सी स्थितियों का सामना करना पड़ता है, उनसे निपटने के लिए दो अलग-अलग प्रकार की सोच का इस्तेमाल करने की ज़रूरत होती है। तीव्र सोच का इस्तेमाल हम अल्पकालीन कामों, ज़िम्मेदारियों, गतिविधियों, समस्याओं और स्थितियों से निपटने के लिए करते हैं। इसमें हम जल्दी से और सहज बोध से काम करते हैं। ज़्यादातर मामलों में तीव्र सोच हमारी रोज़मर्रा की गतिविधियों के लिए पूरी तरह उचित होती है। दूसरी तरह की सोच का वर्णन काहनेमन धीमी सोच के रूप में करते हैं। इसमें आप पीछे हटते हैं और स्थिति के विवरणों पर सावधानीपूर्वक सोचने में ज़्यादा समय लगाते हैं और इसके बाद ही निर्णय लेते हैं कि आप क्या करेंगे। काहनेमन की ज्ञानवर्धक जानकारी यह है कि आवश्यकता होने पर भी हम धीमी सोच करने में असफल रहते हैं और इसी वजह से हम जीवन में कई ग़लतियाँ कर बैठते हैं। समय के प्रबंधन में उत्कृष्ट बनने और अपने
मानव जीवन एक परिवर्तनशील जीवन है, इस जीवन में कितने ही उतार-चढ़ाव आते हैं, और आकर चले जाते हैं, लेकिन मानव जीवन परिवर्तित होता रहता है, और जीवन का दूसरा नाम ही परिवर्तन है, जिस व्यक्ति के जीवन में परिवर्तन नहीं है, तो आप कह सकते हैं, कि ऐसा व्यक्ति जीवन में स्थायित्व को धारण किए हुए हैं, जिसे वह व्यक्ति बदलना नहीं चाहता।
आप जीवन में कितना हासिल कर सकते हैं, यह सिर्फ आप पर निर्भर करता है, आप जीवन में अपने आपको कितना काबिल समझते हैं, इस वास्तविकता की सीमा केवल आपमें है, और आप ही उसे तय कर सकते हैं कोई और नहीं।
रॉबर्ट कोलियर :
दुनिया में ऐसा कुछ भी नहीं है, जो आप हासिल नहीं कर सकते, बस एक बार मन में यह ठानने की देर है, कि इसे हासिल कर सकते हैं।
कुछ ऐसे सिद्धांतों का पता चला है, जो सदियों से महान सफलताओं और उपलब्धियों के कारण रहे हैं, ऐसे कारण जो व्यक्ति के जीवन को बदलने के लिए आवश्यक है, आशावाद और संभावनाओं के इन विचारों को पहली बार जब सुना गया, तो उनकी सोच बदल गई, ऐसी सोच जो मानसिक और आध्यात्मिक सिद्धांतों पर बात की जाए, तो शायद सबसे महत्वपूर्ण होगी कि "आप वही बन जाते हैं जिसके बारे में आप ज्यादातर वक्त सोचते हैं" आपके जीवन की बाहरी दुनिया दरअसल आपके भीतर की दुनिया का ही प्रतिबिंब है, आपका बाहरी व्यवहार वही बात बताता है, जो कुछ आपके भीतर चल रहा होता है, आप किसी भी व्यक्ति के भीतर की स्थिति को जानने के लिए उसके बाहरी जिंदगी के आवरण को जानकर आप बता कर सकते हैं, कि उसके भीतर क्या चल रहा है, भीतरी आवरण और बाहरी आवरण में ज्यादा फर्क नहीं होगा।
आपके जीवन में आपकी सोच ही आपको विजेता या पराजित बना सकती है, सम्पन्न या गरीब बना सकती है, सम्मानजनक या उपेक्षित बना सकती है, आपकी सोच और उसके कारण आपके द्वारा उठाए गए हर कदम आपकी पूरी जिंदगी की दशा और दिशा को तय करते हैं, सबसे बड़ी बात यह है, कि आपके विचार पूरी तरह से आपके नियंत्रण में होते हैं।
व्यक्ति के विचार हर पल बदलते रहते हैं, बदलने का मुख्य कारण, आपका जीवन विचारों, भावनाओं, व्यवहार, ख्वाहिशों, छवियों, भय, उम्मीदों, संदेहों, फैसलों और महत्वाकांक्षाओं का एक जटिल मिश्रण है, और आपके विचार, छवियों और चित्रों का एक पुलिंदा हैं, जो उनसे जुड़ी भावनाओं को जन्म देता है, यह भावनाऐ, आपके बर्ताव और काम के तौर तरीके पर सामने आती है, और आपकी प्रतिक्रिया और परिणाम ही तय करते हैं, कि आपके साथ क्या होगा, जब आप कामयाबी और आत्मविश्वास के बारे में सोचते हैं, तो आप ज्यादा सशक्त और प्रतिस्पर्धी महसूस करते हैं, और आप जो कुछ भी प्रदर्शन करते हैं आप उसमें बेहतर होते हैं।
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जब आप अपनी सोच को बदलते हैं तो आप अपनी जिंदगी को भी बदल देते हैं।