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समय का प्रबंधन आपका मूल्य तय करता है

समय का प्रबंधन दरअसल जीवन का प्रबंधन है, आपकी व्यक्तिगत उत्पादकता को बेहतर बनाने का काम आपके मूल्यों के परीक्षण से शुरू होता है।  मर्फी का नियम कहता है कि कोई चीज़ करने से पहले आपको कोई दूसरी चीज़ करनी पड़ती है। समय का उचित प्रबंधन करना भी तब तक संभव नहीं है, जब तक आपको सटीकता से यही ना मालूम हो कि आपका मूल्य क्या हैं। समय के अच्छे प्रबंधन के लिए आवश्यक है कि आपका घटनाओं के क्रम पर अपना नियंत्रण आपके लिए सबसे ज़्यादा महत्त्वपूर्ण आदर्शों के सामंजस्य में हों। यदि यह आपके लिए महत्त्वपूर्ण नहीं है, तो आप अपने समय का नियंत्रण हासिल करने के लिए कभी प्रेरित और संकल्पवान महसूस नहीं करेंगे। हर इंसान को जीवन में अर्थ और उद्देश्य की गहरी ज़रूरत होती है। व्यक्तिगत तनाव और अप्रसन्नता के मुख्य कारणों में से एक यह भावना है कि आप जो कर रहे हैं, उसका आपके सबसे अंदरूनी मूल्यों और विश्वासों के संदर्भ में कोई अर्थ और उद्देश्य नहीं है। आपको हमेशा यह प्रश्न पूछकर शुरू करना चाहिए, "क्यों?" आप समय प्रबंधन की तकनीकों में ज़्यादा कार्यकुशल बन सकते है लेकिन इससे आपका कोई भला नहीं होगा, अगर आप किसी अर्

असफलता बुनियादी सिस्टम का हिस्सा हैं

व्यक्ति की सफलता और असफलता उस सिस्टम से जुड़ी हुई हैं, जिस सिस्टम का वह हिस्सा है, आपकी सफलता आपकी सोच, आपका बौद्धिक विकास, वह सारे सिस्टम जो आपके आस पास है, आपको सफल बनाने के लिए आवश्यक हैं या नहीं, यह आपको पता होना चाहिए, कि क्या वे सारे सिस्टम जो आपको उपलब्ध करवाये गए है, अगर नहीं करवाये गए है, तो यह माना जा सकता है, कि असफलता बुनियादी सिस्टम का हिस्सा है।

जिसमें आप तभी सफल हो सकते हैं, जब आप अपनी क्षमताओं को इस सिस्टम के अनुकूल क्रियान्वित कर पाते हैं, क्योंकि यह सिस्टम आपको प्रत्येक स्थान पर रोकने में क्रियाशील है, कैसे, जैसे आर्थिक साधन की अनुउपलब्धता, रुपए का अवमूल्यन, दैनिक जीवन में प्रयोग आने वाले वह सारे साधन जो आप प्रयोग करते हैं उनके रेट में बार बार बढ़ोतरी होना, तथा वे सारे साधन जो सरकारी व गैर सरकारी सिस्टम द्वारा क्रियान्वित किए गए जिनका आप प्रयोग करते हुए अपना जीवन बिताते हैं।

यह सारे साधन आपको अपने जीवन में अहम लगते हैं या नहीं, यह आपको पता होना चाहिए, क्योंकि यह सारे साधन आपके जीवन में एक विशेष भूमिका निभाते हैं, जो प्रत्येक स्तर पर आपके दिमाग को प्रभावित करते हैं, जब यह साधन आपके दिमाग को प्रभावित करते हैं, तो यह प्रभाव आपके दिमाग को डाइवर्ट कर देता है, जो आपकी सफलता मैं अवरोध उत्पन्न करता है।

कैसे डाइवर्ट होता है आपका दिमाग, जैसे कि यह माना जा सकता है, कि आप जो शिक्षा हासिल कर रहे हैं, आप उसको हासिल करने के लिए सक्षम है, और आप उस शिक्षा में विशेष उपलब्धि प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन शिक्षा व्यवस्था का महंगा होना, आपकी शिक्षा व्यवस्था में अवरोध उत्पन्न करता है। 

आप जो बनना चाहते थे, आप नहीं बन पाते, आप जिस चीज को हासिल करना चाहते थे, आप उसे प्राप्त नहीं कर पाते हैं, आप जिस चीज का आविष्कार करना चाहते थे, उसका आविष्कार नहीं कर पाते, आपको बहुत बार लगता है, कि ऐसा करने से ऐसा हो जाएगा, हो भी जाता अगर वह सारे साधन आपके पास उपलब्ध होते हैं, क्योंकि किसी भी आविष्कार में साधनों की उपलब्धता का विशेष महत्व है।

अधिकतर आविष्कार विकसित देशों में ही हुए है, क्योंकि विकसित देश वह सारे साधन आपको उपलब्ध करवाता है, जैसे कि आप देखते हैं कि विकसित देशों द्वारा शिक्षा को फ्री कर दिया गया है आप जो शिक्षा हासिल करना चाहते हैं आप उसे हासिल कर सकते है और उस शिक्षा के लिए आपको कुछ भी भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है, आप चाहे जितनी शिक्षा हासिल कर सकते हैं।

आज के जीवन में अगर देखा जाए तो शिक्षा व्यवस्था का रूप ऐसा होना चाहिए कि "आप नया क्या कर सकते हैं यह बताइए" क्योंकि कुछ नया करने की जिज्ञासा ने हीं आज के मानव ने इस सृष्टि को पूरा खंगाल के रख दिया है।

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