समय का प्रबंधन दरअसल जीवन का प्रबंधन है, आपकी व्यक्तिगत उत्पादकता को बेहतर बनाने का काम आपके मूल्यों के परीक्षण से शुरू होता है। मर्फी का नियम कहता है कि कोई चीज़ करने से पहले आपको कोई दूसरी चीज़ करनी पड़ती है। समय का उचित प्रबंधन करना भी तब तक संभव नहीं है, जब तक आपको सटीकता से यही ना मालूम हो कि आपका मूल्य क्या हैं। समय के अच्छे प्रबंधन के लिए आवश्यक है कि आपका घटनाओं के क्रम पर अपना नियंत्रण आपके लिए सबसे ज़्यादा महत्त्वपूर्ण आदर्शों के सामंजस्य में हों। यदि यह आपके लिए महत्त्वपूर्ण नहीं है, तो आप अपने समय का नियंत्रण हासिल करने के लिए कभी प्रेरित और संकल्पवान महसूस नहीं करेंगे। हर इंसान को जीवन में अर्थ और उद्देश्य की गहरी ज़रूरत होती है। व्यक्तिगत तनाव और अप्रसन्नता के मुख्य कारणों में से एक यह भावना है कि आप जो कर रहे हैं, उसका आपके सबसे अंदरूनी मूल्यों और विश्वासों के संदर्भ में कोई अर्थ और उद्देश्य नहीं है। आपको हमेशा यह प्रश्न पूछकर शुरू करना चाहिए, "क्यों?" आप समय प्रबंधन की तकनीकों में ज़्यादा कार्यकुशल बन सकते है लेकिन इससे आपका कोई भला नहीं होगा, अगर आप किसी अर्
जब भी किसी उद्देश्य को निर्धारित किया जाता है तो इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता है कि वह उद्देश्य स्पष्ट होना चाहिए तथा साथ ही लिखा हुआ होना चाहिए तभी आप उसे प्राप्त कर पाएंगे साथ ही उसकी समय सीमा आपको निर्धारित करनी होगी कि आप उस उद्देश्य को कितने समय में पूरा कर पाएंगे इसका आपको स्पष्ट उल्लेख करना होगा।
उद्देश्य को निर्धारित करते समय आपको उसकी समय सीमा उद्देश्य के अनुरूप रखनी होगी अगर उद्देश्य छोटा है तो उसकी समय सीमा 1 दिन हो सकती हैं 1 सप्ताह हो सकती हैं और एक महीना भी हो सकती है अगर आप का उद्देश्य लिखा हुआ व स्पष्ट है कि आप जिंदगी में कुछ हासिल करना चाहते हैं तो आपको उस की समय सीमा 1 साल रखनी होगी और यदि उद्देश्य बड़ा है तो उसकी अधिकतम सीमा 5 साल रखनी होगी तभी आप उस उद्देश्य को उस समय सीमा से पूर्व हासिल कर पाएंगे।
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जब आप अपनी सोच को बदलते हैं तो आप अपनी जिंदगी को भी बदल देते हैं।