धम्मपदं : दुखों से मुक्ति और सुख शांति के जीवन का मार्ग : महाकारुणिक तथागत बुद्ध के उपदेशों का यह 'धम्मपद' अनमोल, अमृत वचन है। मानव जीवन का परम उद्देश्य होता है दुखों से मुक्ति और सुख शांति को पाना। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए यह ग्रंथ परिपूर्ण है। 'धम्मपद' 'धम्म' का सरल अर्थ है सदाचार अर्थात 'सज्जनों' द्वारा जीवन में धारण करने, पालन करने योग्य कर्तव्य। और 'पद' शब्द का अर्थ यहां 'मार्ग' माना गया है। इस प्रकार 'धम्मपद' का अर्थ होगा- धम्म यानी सदाचार (Morality) का मार्ग। ग्रंथ में 'पद' शब्द का एक दूसरा अर्थ भी माना गया है। वह अर्थ है, किसी का कथन, वचन, शिक्षा, उपदेश या वाणी। इस ग्रंथ में 'धम्मपद' का सरल अर्थ है- भगवान बुद्ध के शील सदाचार सम्बंधी उपदेश, वचन या वाणी। इस प्रकार 'धम्मपद' का अर्थ है- धम्म वचन या धम्मवाणी या धम्म देशना। आज से 2600 साल पहले भगवान बुद्ध ने, बुद्धत्व प्राप्ति के बाद 45 साल तक मध्य देश की आम बोलचाल की भाषा में 'बहुजन हिताय बहुजन सुखाय लोकानुकम्पाय' का जो संदेश और उपदेश दिय...
प्रत्येक व्यक्ति को आज के जीवन में सब कुछ फ्री में चाहिए, चाहे वो ज्ञान हो या किताबें हो, जो भी ज्ञान या किताबें आपको फ्री में प्राप्त होती है, उसमें ज्ञान का कुछ अंश होता है, लेकिन आपके जीवन में उसकी कोई कद्र नहीं होती, क्योंकि वे किताबें आपको फ्री में प्राप्त हुई है, अगर वही किताबें आप खरीद कर लेकर आते हैं तो शायद आप उन किताबों को पूरा पढ़ने के बाद ही रखते।
अगर आपको ज्ञान प्राप्त करना है तो आपको उसके लिए इन्वेस्टमेंट करना होगा, उसके लिए आपको किताबें खरीदनी होगी, बुद्धिजीवी लोगों के सेमिनार अटेंड करने होंगे, लोग अपने ज्ञान के प्रकाश का विस्तार सेमिनार आयोजित करके प्रदान करते हैं।
यदि आप यूट्यूब के द्वारा कोई ज्ञान ग्रहण करते हैं, तो यूट्यूब पर जो वीडियो प्रसारित होते हैं, उस पर एडवर्टाइजमेंट के द्वारा यूट्यूबर्स को गूगल द्वारा भुगतान किया जाता है, लेकिन आप ही सोचिए अगर कोई यूट्यूबर आपको कुछ बताना चाहता है, और आप कुछ सीखना चाहते हैं, तो आपको वह पूरी किताब को तो बता नहीं सकते, लेकिन आपको कुछ उस किताब का विशेष नॉलेज जरूर दे सकते हैं।
पूरी बात अगर किताब की आपको जाननी है तो किताब आपको खरीदनी होगा तभी आप उस किताब का नॉलेज ले पाएंगे।
किताब ही एक ऐसी चीज है जो आपका जीवन बदलने में सक्षम है और आपकी मदद कर सकती है, एक लेखक किताब में अपना ध्यान उस बिंदु पर केंद्रित करता है, जिस बिंदु पर वह किताब लिख रहा है, और लेखक यह जानता है कि पाठक जब भी इस किताब को पढ़ें, तो उसे संपूर्ण ज्ञान जो वह इस किताब से आशा करता है, जिस उद्देश्य से पाठक ने इस किताब को खरीदा है, उसे प्राप्त हो।
आज के जीवन में कौन यह नहीं चाहता कि उसके कार्य का प्रतिफल उसे प्राप्त न हो, सभी ये चाहते हैं कि उसके कार्य का उचित प्रतिफल उसे प्राप्त हों, एक लेखक यही चाहता है कि उसकी किताब जो उसने लिखी है उसकी मेहनत का उसे उचित प्रतिफल प्राप्त हो, उसके साथ ही वह लोगों को किताब के द्वारा अपना अनुभव बताना चाहता है।
किताब के द्वारा एक लेखक अपने जीवन का संपूर्ण अनुभव बताता है, कि आपने जिस उद्देश्य के लिए किताब को खरीदा है, उस उद्देश्य को वह किताब पूरा करती है या नहीं, इसका निष्कर्ष आप उस किताब को पढ़कर निकाल सकते हैं, आने वाला समय बताता है कि उस किताब का प्रभाव आप पर कितना क्रियाशील रहा है, और आपने जीवन में कितनी उपलब्धि हासिल की है।
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जब आप अपनी सोच को बदलते हैं तो आप अपनी जिंदगी को भी बदल देते हैं।