अपने विचार और मिशन के बारे में सोचें। डेनियल काहनेमन की पुस्तक थिंकिंग, फास्ट एंड स्लो पिछले कुछ वर्षों में लिखी गई सर्वश्रेष्ठ और सबसे ज़्यादा गहन चिंतन वाली पुस्तकों में से एक है। वे बताते हैं कि हमें अपने दैनिक जीवन में जिन बहुत सी स्थितियों का सामना करना पड़ता है, उनसे निपटने के लिए दो अलग-अलग प्रकार की सोच का इस्तेमाल करने की ज़रूरत होती है। तीव्र सोच का इस्तेमाल हम अल्पकालीन कामों, ज़िम्मेदारियों, गतिविधियों, समस्याओं और स्थितियों से निपटने के लिए करते हैं। इसमें हम जल्दी से और सहज बोध से काम करते हैं। ज़्यादातर मामलों में तीव्र सोच हमारी रोज़मर्रा की गतिविधियों के लिए पूरी तरह उचित होती है। दूसरी तरह की सोच का वर्णन काहनेमन धीमी सोच के रूप में करते हैं। इसमें आप पीछे हटते हैं और स्थिति के विवरणों पर सावधानीपूर्वक सोचने में ज़्यादा समय लगाते हैं और इसके बाद ही निर्णय लेते हैं कि आप क्या करेंगे। काहनेमन की ज्ञानवर्धक जानकारी यह है कि आवश्यकता होने पर भी हम धीमी सोच करने में असफल रहते हैं और इसी वजह से हम जीवन में कई ग़लतियाँ कर बैठते हैं। समय के प्रबंधन में उत्कृष्ट बनने और अपने
प्रत्येक व्यक्ति को आज के जीवन में सब कुछ फ्री में चाहिए, चाहे वो ज्ञान हो या किताबें हो, जो भी ज्ञान या किताबें आपको फ्री में प्राप्त होती है, उसमें ज्ञान का कुछ अंश होता है, लेकिन आपके जीवन में उसकी कोई कद्र नहीं होती, क्योंकि वे किताबें आपको फ्री में प्राप्त हुई है, अगर वही किताबें आप खरीद कर लेकर आते हैं तो शायद आप उन किताबों को पूरा पढ़ने के बाद ही रखते।
अगर आपको ज्ञान प्राप्त करना है तो आपको उसके लिए इन्वेस्टमेंट करना होगा, उसके लिए आपको किताबें खरीदनी होगी, बुद्धिजीवी लोगों के सेमिनार अटेंड करने होंगे, लोग अपने ज्ञान के प्रकाश का विस्तार सेमिनार आयोजित करके प्रदान करते हैं।
यदि आप यूट्यूब के द्वारा कोई ज्ञान ग्रहण करते हैं, तो यूट्यूब पर जो वीडियो प्रसारित होते हैं, उस पर एडवर्टाइजमेंट के द्वारा यूट्यूबर्स को गूगल द्वारा भुगतान किया जाता है, लेकिन आप ही सोचिए अगर कोई यूट्यूबर आपको कुछ बताना चाहता है, और आप कुछ सीखना चाहते हैं, तो आपको वह पूरी किताब को तो बता नहीं सकते, लेकिन आपको कुछ उस किताब का विशेष नॉलेज जरूर दे सकते हैं।
पूरी बात अगर किताब की आपको जाननी है तो किताब आपको खरीदनी होगा तभी आप उस किताब का नॉलेज ले पाएंगे।
किताब ही एक ऐसी चीज है जो आपका जीवन बदलने में सक्षम है और आपकी मदद कर सकती है, एक लेखक किताब में अपना ध्यान उस बिंदु पर केंद्रित करता है, जिस बिंदु पर वह किताब लिख रहा है, और लेखक यह जानता है कि पाठक जब भी इस किताब को पढ़ें, तो उसे संपूर्ण ज्ञान जो वह इस किताब से आशा करता है, जिस उद्देश्य से पाठक ने इस किताब को खरीदा है, उसे प्राप्त हो।
आज के जीवन में कौन यह नहीं चाहता कि उसके कार्य का प्रतिफल उसे प्राप्त न हो, सभी ये चाहते हैं कि उसके कार्य का उचित प्रतिफल उसे प्राप्त हों, एक लेखक यही चाहता है कि उसकी किताब जो उसने लिखी है उसकी मेहनत का उसे उचित प्रतिफल प्राप्त हो, उसके साथ ही वह लोगों को किताब के द्वारा अपना अनुभव बताना चाहता है।
किताब के द्वारा एक लेखक अपने जीवन का संपूर्ण अनुभव बताता है, कि आपने जिस उद्देश्य के लिए किताब को खरीदा है, उस उद्देश्य को वह किताब पूरा करती है या नहीं, इसका निष्कर्ष आप उस किताब को पढ़कर निकाल सकते हैं, आने वाला समय बताता है कि उस किताब का प्रभाव आप पर कितना क्रियाशील रहा है, और आपने जीवन में कितनी उपलब्धि हासिल की है।
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जब आप अपनी सोच को बदलते हैं तो आप अपनी जिंदगी को भी बदल देते हैं।