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लगातार सीखना और खुद को भविष्य के लिए तैयार करना, एंड्रयू कारनेगी

एन्ड्रयू कारनेगी प्रख्यात अमेरिकी उद्योगपति तथा स्टील किंग अपने युग के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक थे। बहरहाल, स्कॉटलैंड में जन्मे कारनेगी को स्कूली शिक्षा नसीब नहीं हुई थी। तेरह वर्ष की उम्र में वे सफल होने का सपना लेकर अमेरिका आये। सबसे पहले उन्होंने पेनसिल्वेनिया में एक सूती मिल में मजदूरी की। उन्हें हर सप्ताह 1.20 डॉलर मिलते थे। कारनेगी के मन में सफलता का सपना था, इसलिये उन्होंने नई चीजें सीखने तथा नये अवसर तलाशने का निरंतर प्रयास किया। टेलीग्राफ़ी सीखने की वजह से उन्हें पेनसिल्वेनिया रेलरोड में प्राइवेट सेक्रेटरी तथा टेलीग्राफ़र की नौकरी मिल गई।  उनकी लगन, सीखने की आदत तथा मेहनत की बदौलत उन्हें प्रमोशन मिलते चले गये और वे पिट्सबर्ग क्षेत्र के सुपरिंटेंडेंट बन गये। उनके मन में अपना खुद का बिज़नेस करने का सपना था, इसलिये वे पैसे बचाकर निवेश करते रहे। पुलमैन पैलेस कार कंपनी तथा तेल के क्षेत्र में उन्होंने जो निवेश किया, उससे वे इतने अमीर हो गये कि उन्होंने नौकरी छोड़कर खुद की स्टील कंपनी शुरू की।  नई मशीनों तथा नई तकनीकों की बदौलत कारनेगी ने इतनी तरक्की कर ली कि वे एक के ...

विचार कभी स्थाई नहीं होते

विचार परिवर्तनशील होते हैं यह प्रत्येक सेकंड में बदलते रहते हैं जैसे लोगों के साथ हम रहते हैं या मिलते हैं वह अपने विचारों का प्रदर्शन करते हैं जब वह अपने विचारों का प्रदर्शन करते हैं तो उनके विचार हमें प्रभावित करते हैं और हमारे विचारों को बदलने की क्षमता रखते हैं।

अगर आपके विचार पॉवरफुल हो तो आपके विचार उसी दरमियान नहीं बदलेंगे। जब आप अपने विचारों पर निरंतर कार्य कर रहे होते हैं तो कोई उनको बदलना चाहे तो भी नहीं बदल पाएगा क्योंकि आप उन पर निरंतर फोकस करते हैं जिसके फलस्वरूप आपके विचार इतने पॉवरफुल हो जाते हैं कि नार्मल विचार उनको बदलने की क्षमता नहीं रखते हैं और वह विचार, विचार ही बने रह जाते हैं और आपके विचारों को प्रभावित नहीं कर पाते, जिसके फलस्वरूप आपकी क्षमताएं बढ़ती है और कार्य का क्षेत्राधिकार तीव्र गति से बढ़ने लगता है यह सब कुछ आपके पॉवरफुल विचार के फलस्वरुप ही होता है जिस पर आप कायम रहते हैं।

विचार का दायरा असीमित है कोई भी व्यक्ति उसको सीमित करना चाहे तो नहीं हो सकता, विचार ही आपके आगे जाकर भावनाओं में तब्दील होते हैं और जब भावनाओं में तब्दील होते हैं तो वह धीरे-धीरे अपना स्थान ग्रहण कर लेते हैं और जब भावनाए अपना स्थान ग्रहण करती हैं तो उसमें आपका अस्तित्व का निर्माण होता है। विचार ही व्यक्ति के जीवन को बनाने और बिगाड़ने का कार्य करता है विचार ही व्यक्ति को सही रास्ता दिखाता है विचार ही व्यक्ति को सही रास्ते से गलत रास्ते की ओर अग्रसर करता है इसलिए जरूरी है कि आपके विचार हमेशा पॉजिटिव हो तभी आपका रास्ता आपके अस्तित्व का निर्माण करते हुए नजर आएगा।

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