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समय का प्रबंधन आपका मूल्य तय करता है

समय का प्रबंधन दरअसल जीवन का प्रबंधन है, आपकी व्यक्तिगत उत्पादकता को बेहतर बनाने का काम आपके मूल्यों के परीक्षण से शुरू होता है।  मर्फी का नियम कहता है कि कोई चीज़ करने से पहले आपको कोई दूसरी चीज़ करनी पड़ती है। समय का उचित प्रबंधन करना भी तब तक संभव नहीं है, जब तक आपको सटीकता से यही ना मालूम हो कि आपका मूल्य क्या हैं। समय के अच्छे प्रबंधन के लिए आवश्यक है कि आपका घटनाओं के क्रम पर अपना नियंत्रण आपके लिए सबसे ज़्यादा महत्त्वपूर्ण आदर्शों के सामंजस्य में हों। यदि यह आपके लिए महत्त्वपूर्ण नहीं है, तो आप अपने समय का नियंत्रण हासिल करने के लिए कभी प्रेरित और संकल्पवान महसूस नहीं करेंगे। हर इंसान को जीवन में अर्थ और उद्देश्य की गहरी ज़रूरत होती है। व्यक्तिगत तनाव और अप्रसन्नता के मुख्य कारणों में से एक यह भावना है कि आप जो कर रहे हैं, उसका आपके सबसे अंदरूनी मूल्यों और विश्वासों के संदर्भ में कोई अर्थ और उद्देश्य नहीं है। आपको हमेशा यह प्रश्न पूछकर शुरू करना चाहिए, "क्यों?" आप समय प्रबंधन की तकनीकों में ज़्यादा कार्यकुशल बन सकते है लेकिन इससे आपका कोई भला नहीं होगा, अगर आप किसी अर्

विचार कभी स्थाई नहीं होते

विचार परिवर्तनशील होते हैं यह प्रत्येक सेकंड में बदलते रहते हैं जैसे लोगों के साथ हम रहते हैं या मिलते हैं वह अपने विचारों का प्रदर्शन करते हैं जब वह अपने विचारों का प्रदर्शन करते हैं तो उनके विचार हमें प्रभावित करते हैं और हमारे विचारों को बदलने की क्षमता रखते हैं।

अगर आपके विचार पॉवरफुल हो तो आपके विचार उसी दरमियान नहीं बदलेंगे। जब आप अपने विचारों पर निरंतर कार्य कर रहे होते हैं तो कोई उनको बदलना चाहे तो भी नहीं बदल पाएगा क्योंकि आप उन पर निरंतर फोकस करते हैं जिसके फलस्वरूप आपके विचार इतने पॉवरफुल हो जाते हैं कि नार्मल विचार उनको बदलने की क्षमता नहीं रखते हैं और वह विचार, विचार ही बने रह जाते हैं और आपके विचारों को प्रभावित नहीं कर पाते, जिसके फलस्वरूप आपकी क्षमताएं बढ़ती है और कार्य का क्षेत्राधिकार तीव्र गति से बढ़ने लगता है यह सब कुछ आपके पॉवरफुल विचार के फलस्वरुप ही होता है जिस पर आप कायम रहते हैं।

विचार का दायरा असीमित है कोई भी व्यक्ति उसको सीमित करना चाहे तो नहीं हो सकता, विचार ही आपके आगे जाकर भावनाओं में तब्दील होते हैं और जब भावनाओं में तब्दील होते हैं तो वह धीरे-धीरे अपना स्थान ग्रहण कर लेते हैं और जब भावनाए अपना स्थान ग्रहण करती हैं तो उसमें आपका अस्तित्व का निर्माण होता है। विचार ही व्यक्ति के जीवन को बनाने और बिगाड़ने का कार्य करता है विचार ही व्यक्ति को सही रास्ता दिखाता है विचार ही व्यक्ति को सही रास्ते से गलत रास्ते की ओर अग्रसर करता है इसलिए जरूरी है कि आपके विचार हमेशा पॉजिटिव हो तभी आपका रास्ता आपके अस्तित्व का निर्माण करते हुए नजर आएगा।

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