कैलिफोर्निया में एक टीचर को हर साल पाँच-छह हजार डॉलर का वेतन मिलता था। उसने एक दुकान में एक सुंदर सफेद अर्मीन कोट देखा, जिसका भाव 8,000 डॉलर था। उसने कहा, "इतना पैसा बचाने में तो मुझे कई साल लग जाएँगे। मैं इसका ख़र्च कभी नहीं उठा सकती। ओह, मैं इसे कितना चाहती हूँ!" इन नकारात्मक अवधारणाओं से विवाह करना छोड़कर उसने सीखा कि वह अपना मनचाहा कोट, कार या कोई भी दूसरी चीज़ हासिल कर सकती है और इसके लिए उसे संसार में किसी को चोट पहुँचाने की ज़रूरत नहीं है। मैंने उससे यह कल्पना करने को कहा कि उसने कोट पहन रखा है। कि कल्पना में वह इसका सुंदर फर छुए, महसूस करे और इसे सचमुच पहनने की भावना जगाए। वह रात को सोने से पहले अपनी कल्पना की शक्ति का इस्तेमाल करने लगी। उसने अपनी कल्पना में वह कोट पहना, उसे सहलाया, उस पर हाथ फेरा, जिस तरह कि कोई बच्ची अपनी गुड़िया के साथ करती है। वह ऐसा हर रात करती रही और आख़िरकार उसे इस सबका रोमांच महसूस हो गया। वह हर रात यह काल्पनिक कोट पहनकर सोने गई और इसे हासिल करने पर वह बहुत खुश थी। तीन महीने गुज़र गए, लेकिन कुछ नहीं हुआ। वह डगमगाने वाली थी, लेकिन उसने खुद को य...
लीडर नवाचारी और उद्यमी होते हैं। उद्यमिता शब्द की उत्पत्ति एक फ्रांसीसी शब्द से हुई है, जिसका अर्थ है, 'बीड़ा उठाना या करना'। नवाचारी का मतलब है नई चीजें आज़माना और आगे बढ़ना। आज के कारोबारी लीडर का सूत्र वाक्य है : इसे कर दें। इसे दुरुस्त करें। इसे आज़माएँ। टॉम पीटर्स अपनी पुस्तक "इन सर्च ऑफ एक्सीलेंस" में कहते हैं कि वही कंपनियाँ शिखर पर पहुँचती हैं, जो ज़्यादा कोशिशें करती हैं, ज़्यादा गड्ढे खोदती हैं और ज़्यादा चीजें करती हैं। वे हिचकती नहीं हैं और विश्लेषण में महीनों या वर्षों का समय नहीं लगाती हैं, वे क़दम उठाकर कोई चीज़ कर देती हैं। जैसा कहा जाता है, "सिर्फ कोई चीज़ मत करो, आगे बढ़ो।” लीडर व्यक्तिगत रूप से कर्म केंद्रित होते हैं। वे अपनी कंपनियों को तो लगातार आगे बढ़ाते ही हैं, खुद भी हमेशा सक्रिय रहते हैं। जिस काम को आप आज ही कर सकते हों, उसे कल पर ना छोड़ें। टालमटोल सक्रियता के विपरीत होती है। लीडर टालमटोल नहीं करते हैं, वरना वे लीडर ही नहीं रहेंगे। यह एक ऐसा सबक़ है, जिसे मैंने अपने करियर में जल्दी ही सीख लिया था। मैं एक बड़ी कंपनी में काम करता था...